Johnny Walker Birth Anniversary: शराबी बन जीता लोगों का दिल लेकिन ताउम्र शराब को नहीं लगाया हाथ, ऐसे बने जॉनी वॉकर

By अनन्या मिश्रा | Nov 11, 2024

हिंदी सिनेमा की दुनिया में कई कॉमेडियन अपना जलवा दिखा चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा क्रेज जिसका रहा, वह जॉनी वॉकर रहे। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 11 नवंबर को जॉनी वॉकर का जन्म हुआ था। भले ही वह इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन आप भी वह अपने फैंस के दिलों में जिंदा हैं। उनकी अदाकारी में इतनी ज्यादा सफाई थी कि लोग उनको देखकर अपने होश गंवा बैठते थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जॉनी वॉकर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातो के बारे में...


जन्म और शिक्षा

मध्य प्रदेश के इंदौर में 11 नवंबर 1926 को जॉनी वॉकर का जन्म हुआ था। उनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। इनके पिता श्रीनगर में एक कपड़ा मिल में मजदूरी किया करते थे। वहीं जब कपड़ा मिल बंद हो गई, तो उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया। हालांकि मायानगरी में भी इतनी कमाई नहीं हो पाई, जिससे कि परिवार के 15 लोगों का पालन-पोषण हो सके। परिवार की आर्थिक मदद के लिए बदरुद्दीन ने बंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट की बसों में कंडक्टर की नौकरी करनी शुरूकर दी। कंडक्टर की नौकरी के अलावा वह अन्य कामों में भी हाथ आजमाते थे।

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ऐसे पलटी जॉनी की किस्मत

कंडक्टरी की नौकरी करने के दौरान जॉनी वॉकर यात्रियों को दिलकश अंदाज में किस्से-कहानियां सुनाते थे। उनका मकसद अपने हुनर को एक मुकाम तक पहुंचाना था। जोकि एक दिन वह कामयाबी की राह पर पहुंच गए। एक बार अभिनेता बलराज साहनी उसी बस में सफर कर रहे थे, जिसमें जॉनी कंडक्टर थे। बलराज साहनी, जॉनी के इस दिलकश अंदाज को देखकर उन पर फिदा हो गए और उनको गुरुदत्त से मिलने की सलाह दी।


बताया जाता है कि गुरुदत्त ने जॉनी वॉकर से शराबी की एक्टिंग करने के लिए कहा। बदरुद्दीन का अभिनय देखकर गुरुदत्त बहुत ज्यादा प्रभावित हुए और उनको फौरन फिल्म 'बाजी' में साइन कर लिया। इस फिल्म के बाद जॉनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इस तरह से वह भारतीय सिनेमा के बेहतरीन कॉमेडियन में शुमार हो गए।


बदरुद्दीन से बने जॉनी वॉकर

बता दें कि बदरुद्दीन का नाम जॉनी वॉकर पड़ने के पीछे बड़ा दिलचस्प किस्सा है। दरअसल, अधिकतर फिल्मों में बदरुद्दीन ने शराबी का किरदार निभाया था। लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने शराब को कभी हाथ भी नहीं लगाया था। यही कारण है कि गुरुदत्त ने बदरुद्दीन को एक लोकप्रिय ब्रांड का नाम जॉनी वॉकर दे दिया। इसके बाद बदरुद्दीन जॉनी वॉकर के नाम से पहचाने जाने लगे।


मृत्यु

29 जुलाई 2003 के दिन जॉनी वॉकर ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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