By नीरज कुमार दुबे | Apr 10, 2025
आपसी रंजिश में व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया है। हम आपको बता दें कि बरेली के महापौर डॉ. उमेश गौतम को फंसाने के लिए एक महिला ने ऐसा ताना-बाना बुना कि इसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। संभव है इस कहानी को सुन कर इस पर आधारित कोई फिल्म भी बन जाये। हम आपको बता दें कि बरेली की एक चालीस वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि गत 29 मार्च को कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर चलती कार में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बलात्कार के बाद उसके सीने में गोली मार दी और उसे मरने के लिए छोड़कर भाग गये। बाद में महिला घायल अवस्था में अस्पताल पहुँची और वहां से पुलिस को फोन कर सारी जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस जांच में जुट गयी थी और जांच में जो तथ्य सामने आये उसे देखकर पुलिस खुद हैरान रह गयी।
हम आपको बता दें कि यह महिला पहले बरेली के मेयर डॉ. उमेश गौतम के घर पर काम करती थी। 2021 में मेयर की पत्नी ने इस महिला को काम से हटा दिया था जिसके बाद यह मेयर के खिलाफ शिकायत करने में जुट गयी थी। बताया जा रहा है कि इस महिला ने साल 2022 में भी मेयर को घेरने के लिए उन पर तमाम आरोप लगाये थे लेकिन जांच के दौरान वह बेबुनियाद पाये गये थे। लेकिन इस बार इस महिला ने पूरी तैयारी के साथ मेयर को घेरने की साजिश रची थी। उसने पुलिस को बताया था कि उस पर हुए हमले के पीछे मेयर डॉ. उमेश गौतम और उनके बेटे पार्थ का हाथ है। उसने पुलिस से कहा था कि पार्थ ने कार में बैठे अपहरणकर्ताओं को फोन कर कहा था कि इस महिला को खत्म कर दो क्योंकि यह उसके पिता के लिए समस्याएं खड़ी कर रही है।
मगर जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो सारा सच सामने आ गया। सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल साक्ष्यों को देखकर पुलिस को पता चला कि महिला ने मेयर को फंसाने के लिए एक झोलाछाप को ढाई हजार रुपए देकर अपने सीने में गोली फिट करवा ली थी ताकि उसके आरोप में दम लगे। पुलिस ने साक्ष्यों को देखने के बाद जब महिला से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। माना जा रहा है कि महिला ने व्यक्तिगत कारणों या किसी अन्य राजनेता के इशारे पर बरेली के मेयर पर इस तरह के आरोप लगाये होंगे ताकि उनकी छवि खराब की जा सके। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही इस मामले का पूरा सच सामने आ जायेगा।