लखनऊ। कुछ दिनों पूर्व चर्चा में आया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बंद कर दिया गया है। मंदिर पर ताला लग गया है। इतना ही नहीं मंदिर के अंदर लगी योगी मूर्ति भी गायब है। हालांकि मूर्ति किसने और कैसे गायब की है, इसको लेकर न तो ग्रामीण कुछ बता पा रहे हैं और न ही प्रशासन। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मंदिर को लेकर काफी नाराज थे,क्योंकि इससे उनकी छवि धूमिल हो रही थी। जिस शख्स ने मंदिर का निर्माण कराया था, वह भी लापता बताया जा रहा है। योगी के मंदिर में ताला लगने और मूर्ति गायब होने की चर्चा जोरों पर है।
बता दें कि योगी के मंदिर को लेकर विवाद बढ़ने के बाद मंदिर की जमीन की प्रारंभिक पैमाइश कराई गई थी, जिसमें जमीन कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज की निकली। मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद एसडीएम के आदेश पर इस जगह की पैमाइश कराई गई है। कल्याण भदरसा गांव के मजरा मौर्या का पुरवा निवासी यूट्यूबर प्रभाकर मौर्य ने अपने घर के पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवाया था। इस बीच उनके चाचा रामनाथ मौर्य ने मंदिर स्थल को विवादित बताते हुए उप जिलाधिकारी सोहावल को प्रार्थना पत्र देकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की। शिकायत होने के बाद एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने गत दिवस राजस्व और पुलिस टीम मौके पर पैमाइश के लिए भेजी। सूचना के बावजूद प्रभाकर मौर्य वहां नहीं पहुंचे।
राजस्व विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में मंदिर निर्माण की जगह आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के अंतर्गत संचालित फसल अनुसंधान केंद्र मसौधा की निकली। पुलिस व राजस्व टीम की पैमाइश में रुक-रुक कर हो रही बरसात ने बाधा डाल दी। इस कारण अब पैमाइश सोमवार को होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो प्रभाकर के पिता जगन्नाथ मौर्य और एक भाई से पुलिस ने पूछताछ भी की है लेकिन पुलिस इससे भी इनकार कर रही है। पूराकलंदर थाना के प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि पैमाइश की सूचना प्रभाकर मौर्य को दी गई थी लेकिन वह लापता हो गए। मंदिर में मूर्ति भी नहीं मिली। उप जिलाधिकारी सोहावल ने बताया कि सोमवार को फिर पैमाइश के बाद ही स्पष्ट होगा कि जहां मंदिर बना है वह किस प्रकार की जमीन है।