ऑपरेटिंग सिस्टम का मतलब विंडोज! इस बात में शायद ही किसी को संदेह हो। विंडोज की इस सफलता का क्रेडिट सिर्फ और सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट को जाता है, जिसने नित-नवीन प्रयोगों से इसे लगातार बेहतर बनाने में सफलता हासिल की है और उसे कायम भी रखा है।
दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में दशकों तक शीर्ष पायदान पर काबिज रहने वाले बिल गेट्स ने जब माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत की थी, तब शायद उन्हें यह अंदाजा नहीं होगा कि माइक्रोसॉफ्ट का बनाया हुआ विंडोज प्रोडक्ट दुनिया भर के कंप्यूटर की जान होगा।
कल्पना कीजिए कि दुनिया भर के 80% से अधिक कंप्यूटर्स में माइक्रोसॉफ्ट का बनाया गया विंडोज ही इस्तेमाल होता है। एक तरफ से कंप्यूटर की दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट की मोनोपोली ही है। और भला मोनोपोली आखिर क्यों ना हो, माइक्रोसॉफ्ट के इंजीनियर तमाम पुरानी कमियों को ध्यान में रखकर वर्तमान ऑपरेटिंग सिस्टम के नए वर्जन लाते रहते हैं, और प्रत्येक ऑपरेटिंग सिस्टम का नया वर्जन, पिछले विंडोज से ज्यादा लोकप्रिय होता है।
सबसे पहले नवम्बर 1985 में विंडोज 1 के नाम से माइक्रोसॉफ्ट द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया, तो विंडोज 2 आया 1987 में। इसी प्रकार विंडोज 3 आया 1990 में, फिर विंडोज 3.1, 1992 में लांच हुआ।
पर माइक्रोसॉफ्ट को असल सफलता मिली विंडोज 95 से। इसमें पहली बार स्टार्ट बटन, स्टार्ट मेन्यू दिया गया, जो इसे लोकप्रिय बनाता चला गया। विंडोज 95 माइक्रोसॉफ्ट का पहला लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसके बाद विंडो 98, सर्वर 2000, विंडोज एक्सपी, विंडोज विस्टा, विंडोज 7, विंडोज 8 और 8.1, फिर विंडोज 10 के बाद अब विंडोज 11 लांच होने वाला है।
इसको लेकर टेक वर्ल्ड में काफी बज क्रिएट है। बताया जा रहा है कि जिनके कंप्यूटर में पहले से विंडोज 10 है, उनके लिए यह ऑपरेटिंग सिस्टम मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। मतलब विंडोज 10 चलाने वाले बिना कुछ एक्स्ट्रा पेड किये, विंडोज 11 इंस्टॉल कर सकते हैं। हां, इसके लिए 4GB रैम और 64-बिट का कंप्यूटर होना आवश्यक है। साथ ही जिस ड्राइव में आप विंडोज 11 अपडेट कर रहे हैं, उसमें 64GB का स्टोरेज खाली होना आवश्यक है।
ऐसे में एक बेहतरीन इंटरनेट कनेक्शन के साथ आप विंडोज अपडेट कर पाएंगे। हालांकि यह साल के आखिर में ऑफिशियली मार्केट में आ सकता है। इंटरनेट पर पायरेटेड वर्जन जरूर उपलब्ध है, किंतु पायरेटेड वर्जन के साथ जाने की सलाह आपको नहीं दी जाती है।
Windows 10 की तुलना में Windows 11 में नया डिजाइन तो दिया ही गया है, जिसमें स्टार्ट मेन्यू के साथ आइकन का एक नया सेट मौजूद है। यह यूजर इंटरफेस को काफी बेहतर लुक देता है। ख़ास बात बताएं तो, विंडोज 11 में सेंटर्ड पोजिशन आइकन हैं, जो इसे कहीं न कहीं मैक (macOS) जैसा फील देते हैं।
इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में माइक्रोसॉफ्ट ने ने विजेट्स (Widgets) पर भी काम किया है। विंडोज 11 में बिल्कुल नए विजेट्स दिए गए हैं, जो न्यूज़, अपडेट, वेदर, टाइम व अन्य डिटेल्स उपलब्ध कराते हैं। इतना ही नहीं, इसके ऐप स्टोर को एक बड़ा बदलाव देते हुए सुनिश्चित किया गया है कि यह एंड्रॉइड ऐप्स को सपोर्ट करे। साथ ही अमेजन (Amazon) ऐप स्टोर से भी इसे डाउनलोड किया जा सकेगा। विंडोज 11 में एंड्रॉइड ऐप्स के एक्सेस की बात करें, तो वे एक पॉप-अप विंडो में खुलेंगे, और पिक्चर-इन-पिक्चर मोड की तरह काम करेंगे।
पीआईपी (PIP- पिक्चर इन पिक्चर मॉड) आप अक्सर अपने व्हाट्सअप में देखते होंगे, जब कोई वीडियो इत्यादि का लिंक शेयर होता होगा।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा एप्पल के मैक ऑपरेटिंग सिस्टम को टक्कर देने के लिए विंडोज 11 बनाया गया है। अब बात जब एप्पल की है, तो इसलिए भी इस पर खास ध्यान दिया गया है। चूंकि आज के जमाने में यूजर गेम-सेगमेंट पर भी अच्छा खासा समय व्यतीत करते हैं, इसलिए इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम को टच फ्रेंडली बनाते हुए इस बात का खास ख्याल रखा गया है, कि यूजर को ऑपरेटिंग सिस्टम की खूबियाँ महसूस हो सकें।
- मिथिलेश कुमार सिंह