By नीरज कुमार दुबे | Feb 21, 2024
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच आखिरकार लोकसभा चुनावों के लिए सीटों का बँटवारा हो ही गया। देखा जाये तो उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ है। वैसे सीटों के बंटवारे के दौरान दोनों पार्टियों के नेता खुश दिखे लेकिन जिस तल्खी भरे माहौल में यह गठबंधन हुआ है वह दर्शा रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश में साल 2012 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन बुरी तरह विफल रहा था इसलिए देखना होगा कि क्या इस बार यह गठबंधन कुछ कमाल दिखा पाता है या उसका पहले जैसा ही हश्र होता है। यूपी के दो लड़के के रूप में अखिलेश और राहुल गांधी की जो जोड़ी बनाई गयी थी उसे जनता ने नकार दिया था। अब यह जोड़ी फिर से प्रचार में दिखेगी इसलिए देखना होगा कि इसे इस बार जनता की कैसी प्रतिक्रिया मिलती है? हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव कांग्रेस पर अपने प्रस्ताव को मानने का दबाव बनाने के लिए पहले ही समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की तीन सूची जारी कर चुके थे। अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल के लिए भी सीटें छोड़ने का ऐलान किया था लेकिन अब जयंत चौधरी की पार्टी एनडीए का हिस्सा बन चुकी है।
जहां तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए सीट बंटवारे की बात है तो आपको बता दें कि इसके तहत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी की 63 सीटों पर इंडिया गठबंधन के समाजवादी पार्टी सहित अन्य घटकों के उम्मीदवार होंगे। बताया जा रहा है कि राजा भैया के जनसत्ता दल से भी अखिलेश यादव की गठबंधन के संदर्भ में बात चल रही है। हम आपको बता दें कि सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे का ऐलान दोनों दलों की एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में किया गया। इस दौरान कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष 63 सीटों पर INDIA गठबंधन के उम्मीदवार होंगे।