बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन तेज गेंदबाज श्रीसंत के लिए खुशियों की सौगात लेकर आएं। जैन ने आदेश दिया है कि स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन झेल रहे तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत का प्रतिबंध अगले साल अगस्त में खत्म हो जाएगा। बीसीसीआई ने श्रीसंत पर अगस्त 2013 में प्रतिबंध लगाया था। वह छह साल से मैदान से दूर है और अगले साल उनपर लगा यह बैन खत्म हो जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया था और बीसीसीआई से उनकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था। जिसके बाद लोकपाल का मानना था कि श्रीसंत पहले ही प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं और वह लगभग छह साल का समय पूरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब श्रीसंत 30 के पार हो चुके हैं और बतौर क्रिकेटर उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है। डीके जैन के मुताबिक किसी भी तरह के व्यावसायिक क्रिकेट या बीसीसीआई या उसके सदस्य संघ से जुड़ने पर श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध 13 सितंबर, 2013 से सात साल का करना न्यायोचित होगा। इसके बाद बीसीसीआई के लोकपाल न्यायाधीश डीके जैन को श्रीसंत की सजा पर फैसला लेने को कहा गया जिसके बाद श्रीसंत का बैन 7 साल का हो गया।
इस फैसले के बाद श्रीसंत भी काफी खुश दिखाई दिए। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि “मै अपने सभी शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मेरे लिए दुआएं की। उनकी दुआ कबूल हो गई है। मैं अब 36 साल का हूं और अगले साल 37 साल का हो जाऊंगा। मेरे अभी टेस्ट में 87 विकेट हैं और मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने कॅरियर का अंत 100 टेस्ट विकेटों के साथ करूं। मैं आश्वस्त हूं कि मैं भारत की टेस्ट टीम में वापसी कर सकता हूं। मैं हमेशा से विराट कोहली की कप्तानी में खेलना चाहता था”।
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साफ है श्रीसंत की वापसी करने की उम्मीदें तो बना चुके है। लेकिन आज के क्रिकेट में ये काफी मुश्किल दिखाई पड़ता है। टीम इंडिया के पास इस समय एक से एक धाकड़ तेज गेंदबाज है। उसके बाद पीछे ऐसे यंगस्टर्स की फौज है जो अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है। अगर मौजूदा समय में देखें तो जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा टेस्ट क्रिकेट में मुख्य गेंदबाज के रूप में हमेशा टीम के सथ जुड़े रहते है। इसके अलावा उमेश यादव भी मौजूदा दौर में टेस्ट सीरीज में हमेशा टीम में जगह बनाते है। इसके अलावा नवदीप सैनी, खलील अहमद और दीपक चहर जैसे कई युवा गेंदबाज है जो हर दिन अपने प्रदर्शन से चनयकर्ताओं का ध्यान खींच रहे है। वहीं दूसरी तरफ देखें तो श्रीसंत की उम्र अगले साल 37 साल की हो जाएगी और इस उम्र में तेज गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल होता है। आमतौर पर कहा जाता है कि टेस्ट क्रिकेट में असली गेंदबाजी की उम्र 28 साल से 33 के बीच की होती है। जिस दौर में श्रीसंत अपना समय मैदान से बाहर बिता चुके है। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए पहले जैसा स्टेमिना लाना भी श्रीसंत के लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा फिटनेस भी श्रीसंत के लिए अहम मुद्दा होगा। मौजूदा दौर में भारतीय क्रिकेट टीम में फिटनेस की अहम भूमिका रही है। फिटनेस को सबसे ज्यादा तरजीह दी जा रही है। श्रीसंत को फिटनेस पर काम करना पड़ेगा और बढ़ती उम्र में इसमे परेशानी की वजह बन सकती है। इसके अलावा भी बढ़ती उम्र और लंबे समय से क्रिकेट नहीं खेलने की वजह से श्रीसंत के वापस टेस्ट क्रिकेट खेलने की उम्मीदें मुश्किल में फंसत नजर आती है।
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हालांकि अगर श्रीसंत मौके का फायदा उठाते है और चमत्कारिक रूप से टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने में कामयाब रहते है तो यह काफी रोमांचक होगा। क्योंकि श्रीसंत हमेशा से एक एग्रेसिव गेंदबाज के रूप में जाने जाते है। वो मैदान में तमाशे करते है। वो लगातार अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचते है। अपने कॅरियर के शुरूआती दौर में वो अपने रफ्तार से बल्लेबाज को डराते थे। अपने स्विंग से कहर बरपाते थे। इसके अलावा कई बार मैदान पर बल्ले से भी श्रीसंत ने अपने तेजतर्रार अंदाज का परिचय दिया है। ऐसे में अगर वो फिर से मैदान पर दिखाई देंगे तो क्या दर्शकों को वापस एक बार श्रीसंत का पुराना अवतार देखने को मिलेगा। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि श्रीसंत वापस से लाल गेंद की क्रिकेट में कैसे वापसी करते है और वो मैदान में किस अंदाज में दिखाई देते है।
- दीपक कुमार मिश्रा