By अभिनय आकाश | Dec 22, 2021
आज का विश्लेषण करने से पहले आपको 90 के दशक में लिए चलते हैं। ये दशक बॉलीवुड म्यूज़िक के मायनों में सबसे बेस्ट माना जाता है। लेकिन आज बात गानों की नहीं आपको 1991 और 1994 में आई दो फिल्मों की करेंगे। एक विमल कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म कर्ज चुकाना है और दूसरी केवी राजू की उधार की जिंदगी। भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान वैसे तो हर समय भारत के साथ युद्ध की फिराक में रहता है। लेकिन सच तो ये है कि पाकिस्तान भारत के हाथों नहीं बल्कि अपने नेताओं के हाथों पहले ही हार चुका है। पाकिस्तान पर जब भी ऐसा संकट आता है तो वो इंटरनेशनल मॉनिट्रिंग फंड और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं से उधार मांगता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान के लिए सभी दरवाजें बंद हो गए हैं। क्योंकि आईएमएफ ने पाकिस्तान को और उधार देने से मना कर दिया है। पाकिस्तान के हर नागरिक पर इस समय 2 लाख 35 हजार का उधार है। ऐसे में आज हम डिफाल्टर होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की उधार वाली जिंदगी का एमआरआई स्कैन करेंगे।
किसी भी देश के कंगाल होने के पीछे की वजह?
किसी भी देश के कंगाल होने के पीछे क्या वजह होती है? पहला कारण है ड्विडलिंग करेंसी रिजर्व यानी की खजाने का खत्म होना। दूसरी वजह होती है जनता द्वारा टैक्स नहीं दिया जाना। जिससे की खजाना खत्म होता जाता है। तीसरा बड़ा कारण केवल और केवल चीजें इमपोर्ट करना और कोई भी चीज एक्सपोर्ट नहीं करना। ऐसी स्थिति में उस देश का पैसा बाहर जा रहा है। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण कारण विकास के लिए अन्य देशों से पैसा उधार लेना। पांचवा कारण करेंसी का अवमूल्यन।
कैसे तय होता है पैमाना
किसी देश को दिवालिया घोषित करने में एक साथ कई आर्तिक ताकतें काम करती हैं। किसी देश को दिवालिया घोषित करना किसी कंपनी को दिवालिया घोषित करने की तरह नहीं है। लेकिन एक देश के मौद्रिक नीति की स्थिति कई कारकों के ऊपर होते हैं जो किसी देश की हैसियत भी बताते हैं। इसके साथ ही निवेशकों का भरोसा भी किसी देश के दिवालियापन की हैसियत को बताता है। जिसमें मूडीज जैसी कंपनी की रेटिंग बड़ी भूमिका अदा करती है। रेटिंग एजेंसियां देश की वित्तिय जिम्मेदारी का इतिहास और पिछली देनदारियों में चूक और आईएमएफ के वर्तमान कर्ज अदायगी की योजनाओं को देखकर कर्ज देती है। जब कोई देनदार अपने कर्जदार को अदायगी समय पर नहीं कर पाता तो उसे दिवालिया कह दिया जाता है। मामला किसी देश से जुड़ा हो तो वो अपने कर्जों का पुनर्गठन करता है और नीतियों में बदलाव लाता है। अपने बॉन्ड की कीमतों में भी तब्दिली करता है। जिससे निवेशकों को अपनी पूरी रकम जाने का डर ना हो। लेकिन सारी कोशिशों के बाद भी देश कर्ज की अदायगी करने में सफल नहीं हो पाता है तब वो खुद को दिवालिया घोषित करता है।
चीन के सीपीईसी ने बनाया दिवालिया
पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी ने कहा है कि उनका देश ‘दिवालिया’ हो चुका है और ‘भ्रम में रहने’ से बेहतर है कि वास्तविकता को पहचाना जाए। बता दें कि जैदी 10 मई 2019 से छह जनवरी 2020 तक शीर्ष कर प्राधिकरण के अध्यक्ष थे। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजना में पारदर्शिता की वकालत करते हुए कहा कि वह खुद अभी तक पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि सीपीईसी क्या है। उन्होंने हमदर्द विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार में हर कोई कह रहा है कि सब कुछ अच्छा है, जबकि उनके विचार में इस समय पाकिस्तान दिवालिया है। हालांकि बाद में विवाद बढ़ने पर जैदी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने समाधान की बात भी कही थी जिसका जिक्र नहीं हो रहा है। उनके मुताबिक किसने कर्ज लिया था। इस पर ताना देने से कुछ नहीं होगा। ये पाकिस्तान का कर्ज है। ब्याज दरों पर फैसला तार्किक तरीके से होना चाहिेए। दुनिया के किसी भी मुल्क की तरक्की निर्यात के दम पर होती है। हमें निर्यात को दुरुस्त करना होगा। कर्ज लेने की धारणा से बाहर निकलना होगा।
कंगाली की तरफ बढ़ चुका पाकिस्तान
पाकिस्तान पूरी तरह से कंगाली की तरफ बढ़ चुका है। पाकिस्तान पूरी तरह से कंगाल हो चुका है लेकिन अभी उसकी मदद करने वाले कुछ देश बाकी हैं। पाकिस्तान की जो भौगोलिक स्थिति है वो ऐसी है कि इससे कुछ लोगों को फायदा मिल जाता है। इसलिए उसे उधार मिल जाता है। इसलिए पाकिस्तान उधार से ही फिलहाल अपना काम चला रहा है। इस वित्तीय वर्ष के आखिरी में पाकिस्तान के ऊपर कुल विदेशी कर्ज 14 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा। इसमें लगभग आधा कर्ज चीन के वाणिज्यिक बैंकों का है। इसमें लगभग आधा कर्ज चीन के वाणिज्यिक बैंकों का है। पाकिस्तान को कितना कर्ज चुकाना है पाकिस्तान के सरकारी खजाने पर 2.6 अरब डॉलर का उधार पहले से ही है। जिसमें चीनी सरकार और वाणिज्यिक बैकों के 9.1 अरब डॉलर, 1 अरब डॉलर के यूरोबॉन्ड और आईएमएफ के 1 अरब डॉलर भुगतान करने हैं। इसके अलावा पेरिस क्लब का 33.1 बिलियन डॉलर का कर्ज और कई अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड का 12 अरब डॉलर बकाया है। पाकिस्तान ने सऊदी अरब और चीन से भी तीन-तीन अरब डॉलर की सुरक्षित जमा राशि हासिल की है। पाकिस्तान की सीनेट की तरफ से सार्वजनिक की गई जानकारी के अनुसार देश पर 16 ट्रिलियन यानी 91 अरब डॉलर के करीब का आतंरिक कर्ज इस अवधि के दौरान पढ़कर 26 ट्रिलियन डॉलर यानी 148 मिलियन डॉलर हो गया है। इसी अवधि में विदेशी कर्ज 8.5 ट्रिलियन रुपये (48.3 बिलियन डॉलर) से बढ़कर 14.5 ट्रिलियन रुपये (83 बिलियन डॉलर) हो गया। इन कर्जों पर सरकार ने ब्याज के रूप में 7.46 ट्रिलियन ($ 42.4 बिलियन) का भुगतान किया है।
विश्व बैंक द्वारा काफी खराब रेटिंग की गई
विश्व बैंक की ऋण रिपोर्ट 2021 में पाकिस्तान को भारत और बांग्लादेश के मुकाबले काफी खराब रेटिंग की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान कर्ज के मामले में अब श्रीलंका के बराबर जाता दिखाई दे रहा है। इस रिपोर्ट में दक्षिण एशियाई देशों के कर्जों का विश्लेषण किया गया था। चीन ने श्रीलंका को भी अपने कर्ज के जाल में फांसकर हंबनटोटा पोर्ट पर अपना कब्जा जमा लिया है। इतना ही नहीं, श्रीलंका की विदेश नीति पर भी अब चीन का प्रभाव देखने को मिल रहा है।
किस देश पर कितना कर्ज
पाकिस्तान की कुल आबादी वर्तमान में 22 करोड़ 71 लाख के करीब है। इस तरह पाकिस्तान के हर नागरिक के ऊपर करीब 1230 डॉलर का कर्ज है। वहीं भारत की बात करें तो कुल जनसंख्या 139 अरब के आसपास है। मार्च 2021 के वित्तीय वर्ष के बाद भारत के ऊपर कुल बाहरी कर्ज 570 अरब डॉलर का है। जबकि कोरोना काल में 11.6 अरब डॉलर बढ़ा है। ऐसे में हर भारतीय नागरिक के हिस्से में ये 407.14 डॉलर बैठता है। चीन पर कितना कर्ज है? तो ये भी गौर से सुनें। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की हालत उधारी के मामले में ठीक नहीं है। चीन के ऊपर कुल बाहरी कर्ज 13 हजार अरब डॉलर से ज्यादा का है। चीन अभी 1,44 अरब 7,4 लाख लोगों की आबादी के साथ दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। इस तरह चीन के प्रत्येक नागरिक के ऊपर 8971.74 डॉलर की देनदारी बनती है।
बहरहाल, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बैठ चुकी है और आने वाले समय में पाकिस्तान कितना उधार लेगा और कितना अपने देश को गिरवी रखेगा।
-अभिनय आकाश