By रेनू तिवारी | Jun 20, 2023
जब से फिल्म आदिपुरुष सिनेमाघरों में रिलीज हुई है तब से फिल्म को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा हैं। लोग नाराजा है कि आखिर क्यों मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कहानी का फिल्म में मजाक बनाया गया। फिल्म में रामायण के तथ्यों से छेड़छाड़ की गयी और अभद्र डायलॉग डाले गये। फिल्म को लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। डायलॉग्स से लेकर वीएफएक्स तक, हर चीज को फिल्म देखने वालों से नकारात्मक समीक्षा मिल रही है। फिल्म को लेकर चल रहे तमाम विवादों के बीच, इंटरनेट ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग कर रहा है।
ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने की आदिपुरुष पर बैन की मांग
प्रभास और कृति सेनन-स्टारर पौराणिक महाकाव्य को ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे जाने के बाद एक और झटका लगा है। इस पत्र में उनसे अनुरोध किया गया है कि फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करें और सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफार्मों में आदिपुरुष स्क्रीनिंग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आदेश दें। संगठन के पत्र में सदस्यों ने यह भी लिखा है कि उन्हें निर्देशक ओम राउत, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला और फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर की जरूरत है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा- “इस फिल्म की पटकथा और संवाद स्पष्ट रूप से भगवान राम और भगवान हनुमान की छवि को बदनाम कर रहे हैं। आदिपुरुष की फिल्म हिंदुओं और सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। प्रभु श्री राम भारत में सभी के लिए एक भगवान हैं और चाहे कोई भी धार्मिक आस्था से आता हो, इस फिल्म में भगवान राम और यहां तक कि रावण को भी दिखाया गया है, जो एक वीडियो गेम के पात्र की तरह दिखता है, जिसके संवाद देश और दुनिया भर में हर भारतीय को चोट पहुँचाते हैं। अभिनेता प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान को भारतीय सिनेमा के इतिहास में बनी इस तरह की शर्मनाक फिल्म का हिस्सा नहीं होना चाहिए था। आदिपुरुष श्री राम और रामायण में हमारी आस्था का पूर्ण विनाश है।"
आदिपुरुष रिलीज पर विरोध
आदिपुरुष पर बढ़ते विवाद के बीच, लोगों के एक समूह ने वाराणसी में एक विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए और हिंदू महासभा ने 19 जून को इसके निर्माताओं के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। फिल्म के खिलाफ कोरस में शामिल होकर, समाजवादी पार्टी कहा कि इसके "सस्ते और सतही संवादों" से श्रद्धालु आहत हैं और यह फिल्म एक "एजेंडा" का हिस्सा थी। वाराणसी में फिल्म का विरोध करते हुए एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने इसके पोस्टर फाड़ दिए और लोगों से इसे न देखने की अपील की।