बिहार के इन सांसदों का समाप्त हो रहा कार्यकाल, क्या आरसीपी सिंह को फिर राज्यसभा नहीं भेजेंगे नीतीश? गंवाना पड़ सकता है मंत्री पद

By अभिनय आकाश | May 17, 2022

राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है। कब किसके भाग्य को खोल दे और कब किसके भाग्य को बंद कर दे, अब इस बारे में कहना मुश्किल है। बिहार की 5 सीटों के लिए राज्यसभा के चुनाव होने हैं। इन पांच राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे। राज्य के जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें कई दिग्गज चेहरे शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव की बेटी मीसा भारती, बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह, सतीश चंद्र दुबे और शरद यादव शामिल हैं। इन सदस्यों का कार्यकाल 21 जून 2022 से एक अगस्त 2022 के बीच समाप्त हो रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की सीट 2017 से ही खाली है। 

इसे भी पढ़ें: जातिगत जनगणना को लेकर सियासत तेज, जल्द होगी सर्वदलीय बैठक, RJD नेता तेजस्वी यादव ने दिया यह बयान

अनिल हेगड़े के नाम की घोषणा की गई 

जेडीयू ने अनिल हेगड़े को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। वो बिहार के नहीं बल्कि कर्नाटक के रहने वाले हैं। 38 सालों से पार्टी की सेवा कर रहे थे। जिसका इनाम उन्हें मिला है। जेडीयू के राज्यसभा सदस्य किंग महेंद्र के निधन पर ये सीट खाली हुआ है। जहां से जेडीयू ने अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। 

आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजेगी जेडीयू? 

एक तरफ जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों में से एक के नाम की घोषणा कर दी। लेकिन एक अन्य सीट को लेकर अभी तक फैसला नहीं लिया गया है। केंद्र में मंत्री आरसीपी सिंह सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। उनके राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। आरसीपी सिंह का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो जाएगा। फिलहाल में मोदी कैबिनेट में जेडीयू की तरफ से एक मात्र प्रतिनिधि भी हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह समेत जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व आरसीपी सिंह को संसद के ऊपरी सदन में भेजने को तैयार नहीं है। 

अकेले ही मंत्री बन गए थे आरसीपी 

याद होगा जब आरसीपी सिंह जेडीयू के अध्यक्ष हुआ करते थे और मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्होंने खुद के लिए एक मंत्री पद ले लिया था। कहा जाता है कि पार्टी ने उन्हें बीजेपी के साथ दो कैबिनेट और दो राज्य स्तर के मंत्री पद के लिए बातचीत की जिम्मेदारी सौपी थी। लेकिन वो अकेले ही मंत्री बन गए थे। जिसके बाद से ही ललन सिंह और आरसीपी सिंह के संबंधों में खटास को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। अब ललन सिंह पार्टी अध्यक्ष हैं। ऐसे में आरसीपी की राह कठिन मानी जा रही है। 

इसे भी पढ़ें: जब 11 साल के बच्चे ने CM नीतीश से लगाई गुहार- सर सुनिए ना, हमको पढ़ना है... पिता पीते हैं शराब

गंवाना पड़ सकता है मंत्री पद

 राजनीतिक गलियारों में एक और नाम की चर्चा भी चल रही है जिन्हें आरसीपी सिंह की जगह राज्यसभा भेजा जा सकता है। वो नाम कभी सीएम नीतीश कुमार के कहने पर आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले मनीष वर्मा का है। लेकिन इसके साथ ही कई राजनीतिक जानकार आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजे जाने की खबरों को कोरी अफवाह करार दे रही है। कहा जा रहा है कि भले ही जेडीयू में कई मत अलग-अलग हो लेकिन नीतीश का आरसीपी प्रेम कम नहीं होने वाला है। आरसीपी के राज्यसभा जाने की एक और बड़ी वजह ये भी है कि वो केंद्र में मंत्री है। ऐसे में अगर उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा जाता है तो मंत्री पद गंवाना पड़ जाएगा। फिर जेडीयू को मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार करना होगा। नीतीश इतना बड़ा चांस शायद ही लेना चाहेंगे।   

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत