By नीरज कुमार दुबे | Apr 17, 2025
तमिलनाडु से द्रमुक की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन कर लिया है। अगर यह गठबंधन अपने लक्ष्य में सफल हो भी गया तो भाजपा को तमिलनाडु की सत्ता में कोई हिस्सेदारी नहीं मिलने वाली है। इस बात का ऐलान खुद अन्नाद्रमुक प्रमुख ईके पलानीस्वामी ने कर दिया है। वैसे इस गठबंधन की सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि भाजपा जिन सहयोगियों को एनडीए में शामिल करना चाहती है क्या उनके नाम पर अन्नाद्रमुक मानेगी? जहां तक पलानीस्वामी के ताजा बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने इस संभावना से इंकार किया है कि अगर उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन (जिसमें भाजपा प्रमुख घटक है) वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव जीतता है तो राज्य में गठबंधन सरकार बनेगी। पलानीस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन सरकार बनेगी। पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा (गठबंधन सरकार के बारे में) नहीं कहा।’’ पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि मीडिया ने प्रासंगिक मुद्दे को गलत समझा है जो (मीडिया) ‘चालें’ चलता है। पलानीस्वामी ने मीडिया से अपनी ‘चालें’ छोड़ने का अनुरोध किया।
पलानीस्वामी ने कहा कि अमित शाह ने 11 अप्रैल को जो घोषणा की थी, वह यह थी कि अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन चुनाव जीतेगा और सरकार बनेगी, लेकिन इसका मतलब गठबंधन सरकार नहीं है। पलानीस्वामी ने गठबंधन के चुनाव जीतने पर भाजपा के साथ सत्ता साझा करने की गुंजाइश से इंकार किया। अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ने कहा कि अमित शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे और तमिलनाडु के मामले में इसकी कमान उनके हाथ में होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपको समझना चाहिए, मामला स्पष्ट है।’’
उधर, पलानीस्वामी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष नयनार नागेंद्रन ने कहा कि अमित शाह और पलानीस्वामी मिलकर इस मामले पर फैसला लेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन को मजबूत करने के लिए बातचीत उनकी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा की गई थी। हम आपको बता दें कि तमिलनाडु में यद्यपि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और अन्नाद्रमुक ने हमेशा चुनावी गठबंधन किये हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपने सहयोगियों के साथ सत्ता साझा नहीं की।
वहीं जहां तक इस गठबंधन के विस्तार की बात है तो उस पर भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने कहा है कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कलमुनेत्र कषगम (एएमएमके) और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) को सीट बंटवारे के सवाल पर अन्नाद्रमुक और उनकी पार्टी का नेतृत्व मिलकर विचार करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नाद्रमुक द्वारा उनकी पार्टी को आवंटित सीट में से दिनाकरन (टीटीवी) के नेतृत्व वाली एएमएमके और पनीरसेल्वम को सीट आवंटित करने के लिए भाजपा आगे आएगी, नागेंद्रन ने कहा, ‘‘अभी अन्नाद्रमुक के साथ तो सिर्फ गठबंधन बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीट बंटवारे पर फैसला हमारा संसदीय बोर्ड और आलाकमान करेगा। अन्नाद्रमुक भी इस संबंध में एक समिति गठित कर सकती है और हमारा संसदीय बोर्ड इस पर विचार-विमर्श करेगा।’’
हम आपको याद दिला दें कि एडप्पाडी के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक 11 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस आ गई, जिन्होंने घोषणा की थी कि गठबंधन पलानीस्वामी के नेतृत्व में 2026 का राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगा। हम आपको यह भी याद दिला दें कि नागेंद्रन के पूर्ववर्ती के. अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर से शामिल होने से कुछ समय पहले कहा था कि दिनाकरन जैसे सहयोगियों को ‘‘निराश’’ नहीं किया जा सकता जो पार्टी के पीछे मजबूती से खड़े हैं। अन्नामलाई के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर नागेंद्रन ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उन्होंने जो कहा वह सही है। जो पहले से ही राजग का हिस्सा हैं, वे गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।’’
हम आपको बता दें कि दिनाकरन और ओपीएस ने राजग के घटक के रूप में 2024 का लोकसभा का आम चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे। दिनाकरन और पनीरसेल्वम (ओपीएस) दोनों को पहले भी अलग-अलग मौकों पर अन्नाद्रमुक से निष्कासित किया जा चुका है और पार्टी के महासचिव एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बार-बार जोर देकर कहा है कि वीके शशिकला के अलावा इन दोनों नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। हम आपको यह भी याद दिला दें कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा के समय कहा था कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। अन्नाद्रमुक के निष्कासित नेताओं ओपीएस और टीटीवी के साथ एकीकरण के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा था कि यह अन्नाद्रमुक का अंदरूनी मामला है।