By अभिनय आकाश | Mar 26, 2024
पश्चिम बंगाल की बर्धमानलोकसभा सीट पर कोई भी पांच साल से ज्यादा टिक नहीं पाया। इस केंद्र के वोटरों ने बार-बार अपना रंग बदला है। चुनाव फिर आ गया। इस बार किस रंग से खुलेगी किस्मत? कौन सी पार्टी बना सकती है दोबारा वापसी का रिकॉर्ड? इस केंद्र के मतदाताओं का आशीर्वाद किस प्रत्याशी को मिलेगा? राजनीतिक विश्लेषक इसका विश्लेषण कर रहे हैं। बार-बार रंग बदलने वाली ये सीट किस चुनाव चिह्न को अपनाती है और किससे दूर जाती है, इस पर कवायद शुरू हो गई है। बर्धमान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र का गठन 2009 में हुआ था। जिसमें पश्चिम बर्दवान जिले के दो सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र, दुर्गापुर पूर्व और दुर्गापुर पश्चिम शामिल हैं।
बर्धमान पूर्व और बर्दवान पश्चिम दो केंद्र हैं। इसके अलावा इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत गोलसी विधानसभा, भटार विधानसभा और मोंटेश्वर विधानसभा भी हैं। 18वीं लोकसभा चुनाव में इस केंद्र को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के बीच काफी चर्चा है। संयोग से बर्धमान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र का गठन 2009 में हुआ था। 2009 में पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव हुए। उस चुनाव में वाम नामांकित उम्मीदवार साहिदुल हक ने इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। फिर 2014 में केंद्र में बदलाव हुआ। बीजेपी सत्ता में आई। हालांकि, देशभर में गेरुआ मौसम के बावजूद 16वीं लोकसभा चुनाव में इस केंद्र से तृणमूल उम्मीदवार डॉ. डॉ. मोमताज संघमित्रा ने जीत हासिल की। लेकिन वह भी दूसरी बार इस केंद्र पर काबिज नहीं हो सके।
17वीं लोकसभा चुनाव में इस केंद्र का रंग गेरुआ है। एसएस अलुवालिया इस निर्वाचन क्षेत्र से डॉ. मुमताज संघमित्रा को हराकर सांसद चुने गए थे। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में सीट जीतने वाले तीन सांसदों में से किसी को भी टिकट नहीं मिला। लेकिन इस सेंटर में कौन सी टीम वापसी कर सकती है इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद बर्धमान दुर्गापुर लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार बन गये हैं। वहीं, दिलीप घोष इस केंद्र से बीजेपी के लिए चुनाव लड़ेंगे। इस केंद्र में वामपंथी उम्मीदवारों का भी नामांकन किया गया है। यहां लाल खेमे के लिए सुकृति घोषाल लड़ेंगे।