By अनन्या मिश्रा | Oct 04, 2023
राजस्थान में भले ही विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है, लेकिन यहां पर भी 2024 की तैयारियां होने लगी हैं। एक ओर जहां बीजेपी और कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में जाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं सबकी नजरें नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल पर टिकीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि वह भी अकेले मैदान में उतरेंगे या बीजेपी व कांग्रेस के साथ रहेंगे। निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने किसान हुंकार रैली के मौके पर अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा की थी। बेनीवाल की पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी' है और उनका चुनाव चिन्ह बोतल है।
बीजेपी और कांग्रेस का टारगेट
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हनुमान बेनीवाल राज्य में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को टारगेट करके चल रहे हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने बयान दिया कि दोनों पार्टियों में काम निकालने के लिए जो जुड़ा है, वह जुड़ा रहे, लेकिन आचार संहित लगते ही अपनी तरफ वापस आ जाए। ऐसे में उन्होंने कई बड़े संकेत दिए हैं। लेकिन बेनीवाल इस दौरान किसका खेल बिगाड़ेंगे या बनाएंगे। यह समीकरण चुनाव के बाद पता चलेगा।
बेनीवाल का 43 सीटों पर फोकस
इस बार विधानसभा में बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। लेकिन बेनीवाल सिर्फ मारवाड़ की 43 विधानसभा सीटों पर फोकस कर रहे हैं। मारवाड़ की 43 विधानसभा सीटों को बेनीवाल बेहतर करने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं पिछले सात विधानसभा के उपचुनावों में बेनीवाल की पार्टी को जिस तरह से मत मिले हैं, उससे भी वह काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
बेनीवाल के वादे
बीजेपी का दामन छोड़ अपनी-अपनी नई पार्टी बनाने वाले बेनीवाल और तिवाड़ी ने पहली बार मंच साझा किया। इस दौरान उन्होंने तीसरे मोर्चे की सरकार बनने पर हर साल 1 लाख युवाओं को रोजगार, किसानों की कर्जमाफी, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और नदियों को जोड़ने की योजना बनाए जाने का वादा किया है। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं शाह और वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधा और सीएम गहलोत पर भी उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया।
चुनाव रुझान
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बेनीवाल की पार्टी RLP के 3 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं बेनीवाल की पार्टी के प्रत्याशी दो सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे। इसके साथ ही उन्होंने अन्य सीटों पर अच्छे मत प्राप्त किए। बेनीवाल प्रभाव वाले नेताओं को टिकट देते हैं और इस बार भी वह इसी तैयारी में लगे हैं। बेनीवाल को पिछले चुनावों से इस बार और बेहतर की उम्मीद है। हांलाकि बीजेपी और कांग्रेस अभी भी बेनीवाल से दूरी बनाए हुए हैं।