महाविकास अघाड़ी में फूट, प्रकाश अंबेडकर गए रूठ, महाराष्ट्र में INDIA ब्लॉक का गणित बिगाड़ देगा अकोला पैटर्न?

By अभिनय आकाश | Mar 27, 2024

महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों सबसे जटिल नजर आ रही है। एनडीए में जहां इन दिनों सीट शेयरिंग को लेकर खार परेशानी नहीं है। वहीं एमवीए में खींचतान सबसे ज्यादा है। इन सब के बीच जो सबसे अहम है वो सर्वाइवल है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये चुनाव कई सियासी दिग्गजों का भविष्य तय करने वाला है। जो सर्वाइव करेगा वो टिकेगा और जो सर्वाइव नहीं कर पाएगा उसका सियासी वजूद भी दांव पर लग जाएगा। महाविकास अघाड़ी में फूट पड़ती नजर आ रही है। शिवसेना उद्धव गुट ने 17 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। इनमें से 3 सीटों पर कांग्रेस के दावेदार टिकट का इंतजार कर रहे थे। वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रकाश अंबेडकर ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी या एमवीए से नाता तोड़ लिया है और घोषणा की है कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।


कांग्रेस से अलग उद्धव ने 17 कैंडिडेट घोषित किए

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 16 उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां वे विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ेंगे। वरिष्ठ नेता अनिल देसाई के नाम की घोषणा पहले ही कर दी गई थी। उद्धव ठाकरे की पार्टी के 17 लोकसभा उम्मीदवारों में देसाई के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते और अरविंद सावंत प्रमुख नामों में शामिल हैं। पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को भी लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया है। अनिल देसाई को मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि अमोल कीर्तिकर को उत्तर पश्चिम मुंबई से और अरविंद सावंत को दक्षिण मुंबई से उम्मीदवार बनाया गया है।

इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनावों में जीत से ज्यादा अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल

उद्धव के नेता को कांग्रेस ने खिचड़ी चोर बताया

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) दलों के बीच दरार तब खुलकर सामने आ गई जब कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मुंबई की चार सीटों के लिए समय से पहले उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) पर तीखा हमला बोला। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, निरुपम ने कहा कि मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट के लिए अमोल कीर्तिकर की उम्मीदवारी की घोषणा गठबंधन धर्म का उल्लंघन बताया और उन्होंने शिव सेना (यूबीटी) नेता को खिचड़ी चोर कहा। निरुपम ने उद्धव सेना गुट पर बिना किसी रोक-टोक के हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना ने एक खिचड़ी चोर को टिकट दिया है। हम खिचड़ी चोर उम्मीदवारों के लिए काम नहीं करेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरुपम नाराज हैं, वे मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से लोकसभा लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें खुद राहुल गांधी ने टिकट का भरोसा दिया था।


एनडीए का क्या है हाल? 

इन दिनों राज ठाकरे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चाओं का बाजार काफी गर्म रहा। कहा जा रहा है कि वो एनडीए में शामिल हो रहे हैं। जिससे एनडीए का कुनबा काफी बड़ा हो जाएगा। सीएम शिंदे के सामने एक बड़ा प्रेशर है। बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सीटें शिंदे सेना को मिल रही हैं। ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना का कोर वोट अपने साथ नहीं ला पाते हैं तो उनकी आगे राह बहुत मुश्किल होगी। इसे हम बिहार के चिराग मॉडल से समझ सकते हैं। बीजेपी द्वारा पशुपति पारस के बजाए चिराग पासवान को तरजीह देना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 


प्रकाश अंबेडकर ने भी 8 सीटों पर प्रत्याशी उतारे 

अकोला में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार को आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी। अंबेडकर ने आरोप लगाया कि एमवीए गठबंधन में मनोज जरांगे पाटिल फैक्टर पर विचार करने के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि एमवीए अपनी वंशवाद की राजनीति को बचाने के लिए वीबीए का इस्तेमाल करना चाहता था। वीबीए लगातार बयान दे रहा था और अपने समर्थकों को सीट-बंटवारे के फॉर्मूले में प्रगति के बारे में सूचित कर रहा था। एमवीए घटकों के बीच 15 संसदीय क्षेत्रों को लेकर विवाद है। 


महाराष्ट्र की सियासत में प्रकाश आंबेडकर क्यों अहम? 

महाराष्ट्र की सियासत में प्रकाश आंबेडकर इतने अहम क्यों हैं? पहला- बाबा साहेव के पोते होने के नाते उनकी विरासत का प्रतीक है। दूसरा, पेशे से वकील प्रकाश आंबेडकर ने राज्य में दलितों, अल्पसंख्यों सहित हर तरह के वंचितों के लिए बकायदा रणनीतिबद्ध तरीके से काम किया, उनसे खुद को जोड़ा, जिसकी वजह से वह दलितों और वंचितों का एक बड़ा चेहरा वने। महाराष्ट्र की राजनीति में इसे अकोला पैटर्न के नाम से जाना जाता है। उनकी पार्टी अकोला बेस्ड है, इसलिए उनकी इस रणनीति को अकोला पैटर्न का नाम तो दिया गया। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर और असदुद्दीन ओवैसी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दोनों ने मिलकर महाराष्ट्र में लगभग 14 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इसकी वजह से इंडिया गठबंधन के दो अहम घटक कांग्रेस और एनसीपी को कई सीटों पर भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

प्रमुख खबरें

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मांग, अनुच्छेद 370 पर अपना स्टैंड किल्यर करे NC और कांग्रेस

जिन्ना की मुस्लिम लीग जैसा सपा का व्यवहार... अलीगढ़ में अखिलेश यादव पर बरसे CM योगी

Vivek Ramaswamy ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में कटौती का संकेत दिया

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा