By रेनू तिवारी | Jul 29, 2021
पणजी। एक तरफ तोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की बेटियां पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं । मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीत कर यह बता दिया कि लड़कियां किसी से कम नहीं है। यहीं नहीं लड़कियां चांद पर पहुंच रही हैं लेकिन धरती पर आज भी कुछ लोगों की सोच इतनी अपाहिज है कि वह लड़कियों को खूंटे से बांध कर रखना चाहते हैं। समय-समय पर बड़ी बड़ी हस्तियों के मुंह से ऐसे शर्मनाक बयान सुनने को मिलते हैं। आखिर महिलाओं के साथ हुए अपराध के लिए ये समाज लड़कियों को ही क्यों दोष देता है? आखिर क्यों एक लड़का रात में घूम-फिर सकता है एंजोय कर सकता है लेकिन एक लड़की नहीं। नारी शक्ति की बात क्या राजनेताओं के चुनावी जुमलों के लिए होती है? वास्तविक जीनव से उनका कोई संबंध नहीं होता है?
मेडिकल जैसी बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल करने वाले गोवा के मौजूदा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य की विधानसभा नें खड़े होकर लड़कियों के साथ हो रहे अपराध को लेकर बेतूका बयान दिया है। प्रमोद सावंत ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत को लेकर कहा है कि आखिर बच्चियों के मां-बाप उन्हें रात में निकलने ही क्यों देते हैं। तो क्या सावंत साहिब के अनुसार रात में लड़कियों को बाहर नहीं निकलना चाहिए? भारत के सबसे कूल शहर कहे जाने वाले गोवा के मुख्यमंत्री के इस बयान की चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही हैं।
गोवा में एक समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर विपक्ष के दबाव के बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत राज्य विधानसभा में की गयी उस टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे। सावंत ने सदन में ध्यानाकर्षण नोटिस पर एक चर्चा के दौरान बुधवार को कहा, ‘‘जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं तो माता-पिता को आत्ममंथन करने की जरूरत है। हम सिर्फ इसलिए ही सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते, कि बच्चे नहीं सुनते।’’ गृह विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सावंत ने कहा था कि अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है और उन्हें अपने बच्चों खासतौर से नाबालिगों को रात-रात भर बाहर नहीं रहने देना चाहिए। कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रवक्ता अल्टोन डी’कोस्टा ने बृहस्पतिवार को कहा कि तटीय राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘रात में बाहर घूमते हुए हमें क्यों डरना चाहिए ? अपराधियों को जेल में होना चाहिए और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को बाहर आजादी से घूमना चाहिए।’’ गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकों की सुरक्षा पुलिस तथा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर वह हमें सुरक्षा नहीं दे सकते तो मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।’’
निर्दलीय विधायक रोहन खोंटे ने ट्वीट किया, ‘‘यह हैरान करने वाली बात है कि गोवा के मुख्यमंत्री यह दावा करते हुए रात में बच्चों को बाहर जाने देने के लिए माता-पिता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं कि रात को बाहर जाना सुरक्षित नहीं है। अगर राज्य सरकार हमारी सुरक्षा का आश्वासन नहीं दे सकती तो कौन दे सकता है? गोवा का महिलाओं के लिए सुरक्षित होने का इतिहास रहा है लेकिन भाजपा की सरकार में यह तमगा खो रहा है।’’ सावंत ने सदन में कहा था, ‘‘हम सीधे तौर पर पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि एक पार्टी के लिए समुद्र तट पर गए 10 युवाओं में चार पूरी रात वहां रुकते है और बाकी के छह घर चले जाते हैं। दो लड़के तथा दो लड़कियां पूरी रात वहां रहे।’’ गौरतलब है कि रविवार को गोवा की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर बेनॉलिम बीच पर चार लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बताकर दोनों लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया। उन्होंने लड़कों की पिटायी भी की। चारों आरोपियों में से एक सरकारी कर्मचारी है। सावंत ने विधानसभा में बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।