Prabhasakshi NewsRoom: Mahua Moitra, Derek O’Brien और Owaisi को क्या देश से ज्यादा BBC पर है भरोसा?

By नीरज कुमार दुबे | Jan 23, 2023

गुजरात दंगों को लेकर बीबीसी की विवादित और पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट वाली डॉक्यूमेंट्री की आलोचना ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कर दी। कई ब्रिटिश सांसदों ने कर दी, ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने कर दी लेकिन भारत में कुछ सांसद और नेता इस रिपोर्ट की वाहवाही कर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं। तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, डेरेक ओ' ब्रायन और एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी भारत में इस रिपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने से भड़क गये हैं। महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ' ब्रायन ने तो बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए उसका वीडियो लिंक अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा भी कर दिया है। वहीं ओवैसी ने कहा है कि सरकार में यदि दम है तो वह राजकुमार संतोषी की फिल्म गांधी गोडसे एक युद्ध पर प्रतिबंध लगाकर दिखाये। इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भारत में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक खुमार से उबर नहीं पाए हैं।


बहरहाल, जो लोग बार-बार दंगों का नाम लेकर भाजपा के गुजरात मॉडल पर निशाना साधते हैं उनसे हम सवाल पूछना चाहते हैं कि क्या उन्होंने हालिया गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम देखे? 53 फीसदी वोट और आजादी के बाद सर्वाधिक सीटें लेकर भाजपा ने लगातार सातवीं बार विधानसभा चुनाव जीता है। इस जीत में सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं बल्कि मुस्लिमों के भी वोट शामिल हैं। बीबीसी रिपोर्ट देखने को आतुर ओवैसी को बताना चाहिए कि उन्होंने गुजरात में कितनी चुनावी जनसभाएं की थीं और उनकी पार्टी को कितने वोट मिले थे? बीबीसी रिपोर्ट की वाहवाही कर रही कांग्रेस को भी बताना चाहिए कि यदि बीबीसी रिपोर्ट ही सही है तो उसके नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की ओर से बनाये गये जांच आयोगों ने क्यों नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। एक गलत धारणा को सही सिद्ध करने के लिए नेता और कितने झूठ बोलेंगे?

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इससे पहले कि महुआ मोइत्रा, डेरेक ओ' ब्रायन और ओवैसी के बयानों की बात करें उससे पहले जरा बताते हैं कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स से संबद्ध लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में क्या कहा है। उन्होंने लिखा है, ‘‘बीबीसी न्यूज आपने एक अरब से अधिक भारतीयों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। यह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका का अपमान करता है। हम दंगों और जनहानि की निंदा करते हैं तथा आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।"


उधर, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ' ब्रायन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए 2002 के गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री का 'लिंक' टि्वटर पर साझा किया है। इसके साथ ही टीएमसी ने सेंसरशिप के खिलाफ लड़ने का संकल्प भी लिया है। हम आपको बता दें कि डेरेक ओ' ब्रायन उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिनके डॉक्यूमेंट्री को लेकर किए गए ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया था। रविवार को टीएमसी के दोनों सांसदों ने सरकार के कथित निर्देश पर “अवरुद्ध” किए गए ट्विटर लिंक की एक सूची भी साझा की। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ''बीबीसी की एक रिपोर्ट साझा करने के लिए सरकार द्वारा नागरिकों के ट्विटर लिंक अवरुद्ध कर दिए गए।'' उन्होंने दावा किया कि डेरेक ओ ब्रायन और प्रशांत भूषण के ट्विटर लिंक अवरुद्ध कर दिए गए हैं पर मेरा लिंक अभी बाकी है।’’ महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह “सेंसरशिप” कतई स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। दूसरी ओर ब्रायन ने कहा कि उनके लिंक के साथ किया गया एक ट्वीट अब भी है जिसे उन्होंने साझा किया है।


उधर, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हुकूमत ने 2002 के दंगे की बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बंद कर दी लेकिन क्या हुकूमत गोडसे पर बनने वाली फिल्म पर प्रतिबंध लगायेगी? ओवैसी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि राजकुमार संतोषी की फिल्म गांधी गोडसे एक युद्ध पर प्रतिबंध लगाया जाये।


दूसरी ओर, कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने विवादित डॉक्यूमेंट्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत की छवि ‘दुर्भावनाप्रेरित अभियान’ से खराब नहीं की जा सकती। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ''भारत में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक खुमार से उबर नहीं पाए हैं। वे लोग बीबीसी को भारत के उच्चतम न्यायालय से ऊपर मानते हैं और अपने नैतिक आकाओं को खुश करने के लिए देश की गरिमा और छवि को किसी भी हद तक गिरा देते हैं।’’ रिजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘वैसे भी इन टुकड़े-टुकड़े गिरोह के सदस्यों से कोई बेहतर उम्मीद नहीं है, जिनका एकमात्र लक्ष्य भारत की ताकत को कमजोर करना है।’’

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