By अभिनय आकाश | Mar 27, 2023
चीन में उद्योगपतियों पर शी जिनपिंग की सरकार की तरफ से लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। इससे बचने के लिए अब देश के अमीर अपने ही वतन छोड़ सिंगापुर की ओर रुख कर रहे हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार चीन के कई बड़े उद्योगपतियों ने हाल के दिनों में अपनी संपत्ति को सिंगापुर के बैंकों में स्थानंतरित करवाया है। रिपोर्ट के अनुसार फरवरी के मध्य में गायब होने से पहले चीन के सबसे प्रसिद्ध निवेश बैंकरों में से एक बाओ फैन कथित तौर पर अपनी संपत्ति को ट्रांसफर करने के लिए एक सुरक्षित जगह की तलाश कर रहे थे। हालांकि वो उससे पले ही लापता हो गए।
चाइना रेनेसां के संस्थापक बाओ सिंगापुर में एक निजी धन प्रबंधन कंपनी की स्थापना करने की प्रक्रिया में थे। ये निजी धन प्रबंधन कंपनी चीन और हांगकांग से पैसा स्थानांतरित करने के लिए थी। फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले महीने इससे संबंधित एक रिपोर्ट में योजनाओं से परिचित चार लोगों का हवाला दिया गया था। बाओ प्रभावशाली व्यवसायियों की एक लंबी सूची में शामिल हो गए हैं, जो चीन में अचानक गायब हो गए हैं।
हाल के वर्षों में चीन और हांगकांग से सिंगापुर में धन की बाढ़ आ गई है। एक बैंक के धन प्रबंधक ने नाम न छापने की शर्त पर अल जज़ीरा को बताया कि बड़ी संख्या में पिछले कुछ सालों में चीन और हांगकांग से काफी संपत्ति सिंगापुर में ट्रांसफर हुई है। ज्यादातर उद्योगपतियों ने अपनी कमाई सिंगापुर ट्रांसफर करने के पीछे सरकार से डर बड़ी वजह बताई है। धन प्रबंधक ने गोपनीय बातचीत में कहा कि उनमें से कई ने अनिश्चित आर्थिक समय के साथ-साथ चीनी व्यापारियों के गायब होने को चीन से बाहर जाने के प्राथमिक कारणों के रूप में बताया है।
सिंगापुर में संपत्ति ट्रांसफर करने की वजह?
सिंगापुर को इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा व्यापार करने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह के रूप में नामित किया गया है। वर्षों से उच्च-मूल्य वाले चीनी लोगों के लिए एक स्वर्ग के रूप में प्रतिष्ठा बना रहा है। दरअसल, साल 2021 में शी जिनपिंग की सरकार ने चीन के फाइनेंशियल सेक्टर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी। अब तक इस जांच की चपेट में देश की बड़ी कंपनियां आ चुकी हैं। शी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के पहले पांच वर्षों के दौरान, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर 100 से अधिक उच्च पदस्थ अधिकारियों और दसियों हज़ार निचले स्तर के अधिकारियों और व्यापारियों पर सफेदपोश अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया। हाल ही में, तकनीकी से लेकर शिक्षा और रियल एस्टेट तक के क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले निजी उद्योग पर एक नियामक कार्रवाई ने चीन से पैसा पलायन कर दिया है।