क्यों बदला गया Nehru Memorial Museum का नाम, क्या है इसका इतिहास, किस वजह से है कांग्रेस को आपत्ति

By अंकित सिंह | Jun 16, 2023

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जिस परिसर में अपनी अंतिम सांस ली उसे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता था। नेहरू मेमोरियल को उनकी यादों को संजोने के लिए जाना जाता है। लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है। एक सरकारी बयान के अनुसार, NMML सोसायटी की एक 'विशेष बैठक' में नाम बदलने का निर्णय लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जो 29 सदस्यीय निकाय के उपाध्यक्ष हैं, ने इसकी अध्यक्षता की। इसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री मोदी कर रहे हैं, और इसके सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, निर्मला सीतारमण हैं। इसका नाम अब प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसाइटी होगा।

 

इसे भी पढ़ें: India Egypt Relations: जिसकी वजह से पास नहीं हो पाया था पाकिस्तान का भारत विरोधी प्रस्ताव, उससे मिलने जा रहे हैं मोदी, नेहरू और नासिर के बाद कैसे परवान चढ़ी ये नई दोस्ती


नेहरू मेमोरियल का इतिहास

नेहरू मेमोरियल का इतिहास ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली भारत की राजधानी थी। ऐसे में 1929-30 में एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से में इस परिसर का निर्माण किया गया था। आजादी से पहले यह भारत के commander-in-chief का आधिकारिक निवास हुआ करता था। लेकिन आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का यह आधिकारिक निवास बन गया। जवाहरलाल नेहरू परिसर में 1948 से लेकर 27 मई 1964 तक रहे। नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था। पंडित नेहरू के निधन के बाद ही इस परिसर को देश के पहले प्रधानमंत्री को समर्पित किया गया और इस परिसर में उनकी यादों को संजोया जाने लगा। 14 नवंबर 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने किया था। 


कांग्रेस को आपत्ति

कांग्रेस नेता जयराम रमेश में इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। उन्होंने कहा कि अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।

 

इसे भी पढ़ें: China New Plan: अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं मोदी, इधर चीन ने कर दी हमले की तैयारी!


क्यों बदला गया नाम

कांग्रेस के विरोध के बावजूद भी इसका नाम बदला गया। बताया जा रहा है कि 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू मेमोरियल को भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने की बात कही थी। 25 नवंबर 2016 को एनएमएमएल की बैठक में इसे मंजूरी भी दे दी गई थी। अब यह योजना पूरी हो गई है। इसके बाद किसका नाम बदला गया है। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। लेकिन कांग्रेस लगातार विरोध करती रही है। सरकार का मानना है कि यह म्यूज़ियम स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र के सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और सभी प्रधानमंत्री के योगदान पर भी केंद्रित है। इसी कारण इसका नाम बदला गया और प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी रखा गया है। संग्रहालय को भी पूरी तरीके से अपडेट किया गया है।

प्रमुख खबरें

भगत सिंह के नाम पर चौक का नाम बदलने की योजना रद्द करने पर पाकिस्तान सरकार की आलोचना

Jaishankar ने बुलाया, इस्लामिक देशों की बैठक के बीच अचानक भारत पहुंचे सऊदी के विदश मंत्री

गुकेश विश्व चैम्पियनशिप में डिंग लिरेन के खिलाफ जीत का प्रबल दावेदार : Praggnananda

दिल्ली कैपिटल्स ने Munaf Patel को आईपीएल 2025 के लिए गेंदबाजी कोच नियुक्त किया