By नीरज कुमार दुबे | Oct 08, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने लगभग हर संबोधन में और लगभग हर दूसरे तीसरे ट्वीट में अंबानी और अडाणी पर निशाना साधते हैं। राहुल गांधी यह भूल जाते हैं कि वह देश के उन उद्योगपतियों को कोस रहे हैं जो सर्वाधिक संख्या में लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उनका अहम योगदान है। लेकिन मोदी विरोध में राहुल गांधी अक्सर देश के उद्योगपतियों को निशाने पर लेते हैं। आजकल राहुल गांधी सबसे ज्यादा निशाना अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी पर साधते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत खल रहा है कि कैसे गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गये हैं। राहुल गांधी आरोप लगाते रहते हैं कि देश के संसाधनों को अडाणी और अंबानी को दिया जा रहा है। अब राहुल गांधी जिन अडाणी पर निशाना साधें तो मानकर चलना चाहिए कि कांग्रेस नेता उनसे दूरी बनाये रखेंगे लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब 'निवेश राजस्थान समिट' आयोजित की तो गौतम अडाणी को ना सिर्फ अपनी बगल में बिठाया बल्कि बार-बार गौतम भाई कहकर संबोधित भी किया और साथ ही उन्हें दुनिया का दूसरे नंबर का अमीर बनने पर बधाई भी दी।
यहां सवाल यह उठता है कि क्या अशोक गहलोत अब पूरी तरह राहुल गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ खड़े हो गये हैं क्योंकि राहुल जिन पर निशाना साधते हैं गहलोत उन्हीं की शान में कसीदे पढ़ रहे थे। इसके अलावा सवाल उठता है कि क्या इसे भी संयोग माना जाये कि जब गहलोत अडाणी की तारीफ कर रहे थे ठीक उसी समय राहुल गांधी ने किसी उद्योगपति का नाम लिए बिना एक ट्वीट कर कहा था कि केंद्र ‘‘पूंजीवादी मित्रों’’ के कई करोड़ रुपये का ऋण माफ कर रहा है जबकि अन्य लोग कर्ज का जीवन में जी रहे हैं। इसीलिए भाजपा को कटाक्ष करने और तंज कसने का मौका भी मिल गया है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने 47 सेकंड की एक क्लिप साझा की जिसमें राहुल गांधी ने संसद में अडाणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि जहां राहुल गांधी केंद्र पर अडाणी और अंबानी का पक्ष लेने का आरोप लगाते हैं वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री इन दोनों दिग्गजों कारोबारियों के पक्षधर हैं।
उधर, भाजपा की ओर से किये गये हमले पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस कभी भी उद्योगों के खिलाफ नहीं रही। गहलोत ने एक बयान में कहा, ‘‘आज देश-दुनिया के बिजनेसमैन यहां आए और यहां मिले सम्मान से अभिभूत दिखे।'' उन्होंने कहा कि 3000 से अधिक निवेशकों में सभी विचारधाराओं के व्यापारी शामिल थे। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कई व्यापारी किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो क्या वो दूसरे राज्यों में निवेश नहीं करते?
जहां तक अडाणी की ओर से राजस्थान निवेश समिट 2022 में भाग लेने की बात है तो आपको बता दें कि अडाणी ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और गहलोत के समक्ष ही उद्घाटन सत्र को संबोधित भी किया। वह मंच पर गहलोत के बगल में बैठे थे। इस दौरान ना केवल गहलोत ने अडाणी की प्रशंसा की बल्कि अडाणी ने भी गहलोत की योजनाओं और दूरदर्शिता की प्रशंसा की। अडाणी ने अगले पांच से सात वर्षों में राजस्थान में 10,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा सुविधा की स्थापना, सीमेंट संयंत्र का विस्तार और जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उन्नयन के लिये राज्य में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इसके अलावा अडाणी ने अपने संबोधन के दौरान यह भी याद किया कि गहलोत के मुख्यमंत्री के पूर्व शासनकाल के दौरान सरकार द्वारा बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए उनकी कंपनी को किस प्रकार समर्थन दिया गया था।
उद्घाटन सत्र समाप्त होने के बाद अडाणी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने राज्य के जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, उनमें दो मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए भी योगदान देने और उदयपुर में एक क्रिकेट स्टेडियम में योगदान करने का वादा किया है। हम आपको यह भी बता दें कि राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने उदयपुर में स्टेडियम के लिए अडाणी की पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। गौरतलब है कि वैभव गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। तो इस तरह अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत अडाणी के मुरीद हो गये हैं। देखना होगा कि क्या कांग्रेस आलाकमान को गहलोत परिवार का यह रुख भाता है?
-नीरज कुमार दुबे