By दीपक कुमार मिश्रा | Feb 13, 2021
चेन्नई टेस्ट मैच में टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों करारी हार मिली। भारतीय टीम इंग्लैंड के सामने हर मोड़ पर मैच में फेल रही। भारतीय टीम में मैच में अकेले जो रूट के सामने हार गई। इसके साथ ही सीरीज में भी टीम इंडिया 0-1 से पीछे हो गई। इस हार के बाद विराट की कप्तनी पर फिर से सवाल खड़े होने लगे। सोशल मीडिया से लेकर पूर्व क्रिकेटरों ने विराट की कप्तनी पर सवाल खड़े किए। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मोंटी पनेसर ने विराट की कप्तनी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि "विराट कोहली एक महान बल्लेबाज हैं और उनकी कप्तानी में टीम ने बहुत अच्छा नहीं किया है। पिछले 4 मैचों में उनकी कप्तानी में लगातार टीम हारी है। मेरे ख्याल से इसके बाद विराट कोहली दबाव में होंगे, क्योंकि अजिंक्य रहाणे ने कप्तान के तौर पर शानदार प्रदर्शन किया है।"
मोंटी पनेसर के मुताबिक विराट कोहली बल्लेबाज तो ठीक है। लेकिन कप्तान के रूप में वो सही नहीं जा रहे। ऐसे में अगर दूसरे टेस्ट में भी टीम इंडिया हार गई तो विराट कप्तानी छोड़ देंगे। मोंटी के अलावा पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने भी विराट कोहली के कप्तानी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कई बार मैच में उनकी रणनीति समझ नहीं आती। संजय के मुताबिक "मुझे नहीं लगता कि भारत ने रणनीति बनाने में कोई बड़ी गलती की है या फिर कोई ब्लंडर किया है। मेरी नजर में टीम सेलेक्शन पूरी तरह से पारदर्शी था। लोग कुलदीप यादव को लेकर बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शाहबाज नदीम फ्लॉप रहे। उसके लिए ये टेलर द्वारा बनाई गई पिच जैसी थी। मुझे लगता है कि जो एक छोटी गलती हुई वो वाशिंगटन सुंदर की गेंदबाजी को लेकर थी। वो गलत लाइन पर गेंद डाल रहे थे। वो ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी में अच्छे हैं। जब भी उन्होंने ऐसा किया तो विरोधी टीम के बल्लेबाज परेशानी में नजर आए। यही वो क्षेत्र है जिसमें विराट कोहली की रणनीति और टीम सेलेक्शन को समझ पाना थोड़ा मुश्किल नजर आता है।"
जाहिर है संजय और मोंटी पनेसर ने जिस तरह से विराट कोहली के कप्तानी पर सवाल खड़े किए है वो बताता है कि कई पूर्व क्रिकेटरों को भी विराट की कप्तानी में कमी नजर आती है लेकिन अगर ऐसा है तो इसका क्या उपाय है। क्या खिलाड़ियों के सही मौके पर सही तरह का प्रदर्शन नहीं करना विराट की कप्तनी पर भारी पड़ता है या फिर विराट टीम चुनने में कमी कर जाते है। अगर ऐसा नहीं है तो क्या विराट मैदान पर समय रहते नया प्लान नहीं तैयार कर पाते।
आखिर कहां गलती कर रहे हैं विराट !
विराट कोहली की कप्तनी के आंकडें देखें तो वह टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए सबसे सफलतम कप्तान रहे है। चेन्नई में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले विराट की कप्तनी में टीम इंडिया ने भारत ने 57 मैच खेले है जहां 33 में जीत और 14 में हार मिली वहीं 10 मैच ड्रॉ हुए है। वहीं उनका विनिंग पर्सेंटेज 57.89 का बनता है। इसके अलावा विराट ने 71 सालों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का कारनामा किया था और वह ऐसा करने वाले पहले एशियाई कप्तान थे। यह आंकड़े बताते है कि विराट की कप्तनी में भारतीय टीम के जीत का रिकार्ड काफी अच्छा है। ऐसे में अब सवाल है कि पिछले कुछ समय में विराट के कप्तनी की आलोचना क्यों हो रही है। आखिर विराट की कप्तानी पर क्रिकेट फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर क्यों सवाल खड़े कर रहे है। विराट की कप्तनी में भारतीय टीम अपने पिछले चार टेस्ट मैच हार चुकी है। विराट की कप्तनी ने भारत ने न्यूजीलैंड में शर्मनाक हार देखी और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट मैच में 36 ऑलआउट भी देखा और उसके बाद अब चेन्नई टेस्ट मैच विराट की कप्तनी पर सवाल खड़े करता।
अगर विराट की कप्तनी पर गौर करें तो कई बार उनके प्लेइंग इलेवन चुनने का स्टाइल विवाद खड़े करता है लेकिन वो जो लॉजिक देते है वो ज्यादातर सही भी रहता है। क्योंकि क्रिकेट का खेल ताकत से ज्यादा दिमाग से जीता जाता है और मैदान पर कई बार फेंके हुए पासे काम नहीं करते। ऐसे में इसपर सवाल खड़े करना सही नहीं होता। अगर विराट की कप्तनी में कोई दूसरी कमी ढूंढी जाएं तो यह मैदान पर लेने वाले फैसलों पर भी निर्भर होता है।
क्या रहाणे को विराट की जगह बना देना चाहिए कप्तान ?
ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक सीरीज जीत के बाद सोशल मीडिया पर रहाणे को कप्तान बनाने के बारे में चर्चा होने लगी है। फैंस का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में रहाणे को कप्तान बना देना चाहिए। हालांकि रहाणे चाहते है कि वो कप्तान ना बनें और विराट के डिप्टी बनकर ही रहें। रहाणे ने चेन्नई में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले कहा कि "मैंने पहले भी कहा है कि विराट हमारे कप्तान है और रहेंगे। अगर आप खोद कर कुछ मसाला निकालना चाह रहे है तो, दुर्भाग्य से आपको वह नहीं मिलेगा।"
इससे पहले भी रहाणे जब ऑस्ट्रेलिया दौरे से आएं थे तो विराट के कप्तान होने पर उनसे पूछा गया था कि "विराट टेस्ट टीम के कप्तान थे और रहेंगे। मैं उपकप्तान हूं। उनके नहीं होने पर मुझे कप्तानी दी गई थी और मेरा काम टीम इंडिया की कामयाबी के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था। सिर्फ कप्तान बनना ही महत्वपूर्ण नहीं है। कप्तान की भूमिका आप कैसे निभाते हैं, वह ज्यादा अहम है। अभी तक मैं सफल रहा हूं और उम्मीद है कि भविष्य में भी अच्छे नतीजे दे सकूंगा।
जाहिर है रहाणे के बातों से हमेशा नजर आता है कि विराट ही इस टीम के मुख्य कप्तान है और उनकी गैरमौजूदगी में वह कप्तान की भूमिका निभाएंगे। ऐसे में विराट एक कप्तान के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में अभी तक शानदार रहे हैं। लेकिन उन्हें इस सीरीज में वापसी करनी होगी और इसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर कब्जा करना होगा। अगर विराट ऐसा करने में कामयाब रहे तो वो भारतीय टीम के सबसे बड़े कप्तानों में अपना शामिल करा लेंगे।
- दीपक कुमार मिश्रा