By अभिनय आकाश | Aug 11, 2021
निजी कंपनियों पर चीन की कार्रवाई से कई दिग्गज चीनी कंपनियों के बाजार मूल्य में 12 खबर डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भविष्य में नवाचार को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं। चीन में एक के बाद एक टेक कंपनियों को निशाना बनाया जा रहा है। जैक मा की अलीबाब ग्रुप के तबाही की कहानी लिखे जाने के एक बरस के भीतर ही चीन में राइड हेलिंग कंपनी दीदी ग्लोबल के खिलाफ सिक्योरिटी जांच शुरू की है और साथ ही ऐप स्टोर्स से दीदी को हटाने की मांग की है। इससे पहले नवंबर में जैक मा के ऐंट ग्रुप के आईपीओ को पटरी से उतार दिया गया था और फिर अलीबाबा और मीतुआन के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच की गई थी।
अलीबाबा वाले जैक मा को बनाया निशाना
24 अक्टूबर 2020 को एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में चीनी राजनीति और अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े अधिकारी पहुंचे। इसमें जैक मा ने चीनी बैंकों की आलोचना खुलेआम की थी। वे बोले- बैंक फंडिग के लिए कुछ गिरवी रखने की मांग करते हैं। इससे नई तकनीकों को फंड नहीं मिल पाता और नए प्रयोग रूक जाते हैं। अक्टूबर 2020 में जैक मा के एंट ग्रुप के 2.7 करोड़ के आआपीओ को रोक दिया गया। फिर कुछ ही दिनों बाद एंटी ट्रस्ट नियम बना दिए गए जिसके तहत अलीबाबा ग्रुप की जांच शुरू कर दी गई। जैक मा से नाराजगी निकालने के लिए चीन इस हद तक गया कि सेंट्रल बैंक ने एंट ग्रुप के अफसरों से पूरे बिजनेस को ही नए नियमों के हिसाब से रजिस्टर करने को कह दिया ताकि क्रेडिट, इंश्योरेंस और मनी मैनेजमेंट से जुड़ी गड़बड़ियों को दूर किया जा सके।
अब डीडी कैब्स का मामला?
चीन के साइबर निगरानीकर्ता ने शुक्रवार को वाहन सेवा प्रदाता कंपनी ‘दीदी’ की साइबर सुरक्षा की मौके पर जाकर जांच करने की घोषणा की। यह कदम कंपनी की ग्राहकों की सूचना को सहेजने को लेकर हुई आलोचना के बाद उठाया गया है जिसकी वजह से कंपनी के न्यूयॉर्क के स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शेयरों में गिरावट दर्ज की गई थी। नियामक द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर जांच करने की मंशा जताने के दो हफ्ते बाद निरीक्षण किया गया। यह कदम दीदी के न्यूयॉर्क शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने और 4.4 अरब डॉलर जुटाने के कई दिन बाद उठाया गया है। इससे पहले दीदी को नए ग्राहकों को अपनी कंपनी से जोड़ने पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था ताकि वह उपयोगकर्ताओं की सूचना को एकत्र करने और उसे संभालने की व्यवस्था में मूलभूत बदलाव कर सके।
अन्य उद्योगों पर नजर
24 जुलाई को चीन ने शिक्षा और निजी ट्यूशन कंपनियों को लाभ कमाने या शेयर बाजारों से धन जुटाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन बेरोजगारी को लेकर भी चिंतित है। चीनी टेक कंपनियों को व्यापक रूप से युवाओं को लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करने के लिए दोषी ठहराया गया है। हालांकि हाल के महीनों में अलग-अलग बयानों में, अलीबाबा, दीदी और मीटुआन ने कहा है कि वे अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे और अपनी अनुपालन प्रणाली को बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
कार्रवाई की ये है वजह
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि डीडी के ख़िलाफ़ जाँच इस बात का संकेत है कि चीन अपने शक्तिशाली प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर नियंत्रण करने की कोशिश में है और विदेशों में कंपनियों की लिस्टिंग से खुश नहीं है। लेकिन कुल मिलाकर कहे तो बीजिंग का लक्ष्य अराजकता पैदा करना नहीं है। बल्कि सरकार कंपनियों को स्पष्ट करना चाहती है कि पूंजी बाजारों में कारोबार करना तब तक ठीक है, जब तक यह सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शर्तों का पालन कर रहे हैं।