By नीरज कुमार दुबे | Mar 12, 2025
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है और क्यों यह पाकिस्तान के सुरक्षा बलों से भिड़ रही है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में स्थानीय लोग पाकिस्तान सरकार के अत्याचार सहते सहते अब तंग आ चुके हैं और बांग्लादेश की तरह आजाद होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आजादी पाने के लिए ही बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का गठन हुआ और इन्हें जिस प्रकार का कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है वह हैरानी भरा तो है साथ ही वह उनके मन में जमे आक्रोश का स्तर भी दर्शाता है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पाकिस्तान में करीब 3 करोड़ की आबादी वाले पश्तून समुदाय पर जमकर अत्याचार होते हैं। पश्तून लोगों के साथ मारपीट, उन्हें गायब कर देने, उनके साथ बुरे बर्ताव और उनकी महिलाओं के साथ यौन अत्याचार की घटनाएं आम हैं। उन्होंने कहा कि पश्तूनी लोग पाकिस्तान के साथ कितनी भी मजबूती से खड़े रहें हों लेकिन वहां की सरकार उन्हें गद्दार मानती है और उनके साथ उसी तरह का व्यवहार करती है। उन्होंने कहा कि संघ प्रशासित कबायली इलाके जिसे फाटा भी कहा जाता है, वहां अक्सर कर्फ्यू लगा रहता है। इस इलाके में स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनाने की बात तो छोड़ दीजिये यहां के लोगों के घर-बार भी अक्सर तोड़ दिये जाते हैं और उनके सामान पर कब्जा कर लिया जाता है तथा उन्हें सड़कों पर जीवन बिताने के लिए छोड़ दिया जाता है। यही कारण है कि विदेशों में भी जहाँ-जहाँ पश्तून रहते हैं, वह लोग वहाँ-वहाँ की राजधानियों में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर अक्सर विरोध प्रदर्शन करते हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पाकिस्तान के इस समय जो हालात नजर आ रहे हैं उसको देखते हुए बलूचिस्तान ही नहीं बल्कि विभिन्न राज्यों में स्वायत्त देश बनाने की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो स्वाभाविक रूप से पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट सकता है। इसमें से सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान में भारत के प्रति सकारात्मक आवाजें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कई नागरिक खुले तौर पर कह रहे हैं कि पाकिस्तान की दुर्गति को देखकर यही लगता है कि हम हिन्दुस्तान के साथ ही रहे होते। उन्होंने कहा कि बलूच लोग खुली हवा में सांस लेने के लिए दशकों से तड़प रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बलूच होना ही उनके लिए सबसे बड़ा गुनाह होता है। उन्होंने कहा कि बलूचों को मारने और किस्म-किस्म के अत्याचार करने का जैसे पाकिस्तानी सेना और पुलिस को लाइसेंस मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि अब इस खेल में चीन भी शामिल हो चुका है। उन्होंने बताया कि बलूचों की बहन-बेटियों को पाकिस्तानी सेना के जवान सरेआम उठा ले जाते हैं और उनके साथ कई-कई दिन तक बलात्कार किया जाता है। उन्होंने कहा कि डर के चलते लड़कियां स्कूल और कॉलेज नहीं जातीं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से क्षेत्र में किसी विदेशी पत्रकार या न्यूज चैनल, सोशल वर्कर या विदेशी प्रतिनिधि को नहीं जाने दिया जाता जिससे कभी सच सामने नहीं आ पाता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बलूचों के वजूद पर और ज्यादा खतरा मंडरा रहा है क्योंकि उनके लिए सरकारी नौकरियों में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले कई क्रांतिकारी नेताओं को पाकिस्तान की सेना ने बंधक बनाया हुआ है इसलिए वहां जो विरोध की चिंगारी उठ रही थी वह अब भड़क गयी है और पूरी ट्रेन को बंधक बना लिया गया। उन्होंने कहा कि हैरानी देखिये कि पाकिस्तानी सुरक्षा बल 48 घंटे बीतने के बाद भी कुछ नहीं कर पाये हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिहा किये गये हैं उन्हें खुद बंधक बनाने वालों ने रिहा किया है और बताया है कि महिलाओं और बच्चों को जाने दिया गया।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि बलूचिस्तान को आजादी के समय अलग देश की मान्यता मिली थी। यह पाकिस्तान का स्वाभाविक हिस्सा नहीं था। पाकिस्तान ने हमला करके बलूचिस्तान पर कब्जा किया था। तब से ही बलूचिस्तान के नागरिक पाकिस्तान की ज्यादतियों के विरोध में आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब बलूचिस्तान के लोगों ने जिस तरह आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है उसको देखते हुए कल को यह क्षेत्र पाकिस्तान से अलग होकर वापस स्वतंत्र राष्ट्र बन जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।