Israel का रक्षा कवच कैसे टूट गया, हमास के रॉकेट के सामने Iron Dome क्यों नहीं कारगर हो पाया?

By अभिनय आकाश | Oct 09, 2023

बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी महाभारत का वो दृश्य जिसमें योद्धा अपना सधा हुआ बड़े से बड़ा अस्त्र छोड़ता था और सामने वाला योद्धा उसकी काट में अपना अस्त्र। दोनों आसमान में जाकर एक दूसरे से टकराते। ज्यादा मारक वाले अस्त्र सामने वाले के अस्त्र को नष्ट कर देता। इजरायल के पास भी ऐसा ही एक अचूक माना जाने वाला हथियार है जिसने दुश्मन के कई हमलों को नाकाम किया है। इजरायल और फिलिस्तीन इस वक्त युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर करीब 5 हजार रॉकेट दागे थे। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे इजरायल के खिलाफ हमले को क्रूर बताते हुए इस कड़ी में जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी। हमास के हमले के बाद अब इजरायल ने काउंटर ऑपरेशन शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस लड़ाई में दोनों तरफ से 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ये जंग किस मुहाने पर जाकर रुकेगी ये कह पाना अभी मुश्किल है। लेकिन यहां सोचने वाली बात ये है कि हमास के रॉकेट ने इजरायल को कैसे भेदा? 

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इजरायल की रक्षा करता आयरन डोम

हमास के मिसाइल हमले के बाद डिफेंस सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। इजरायल के पास एक ऐसा डिफेंस सिस्टम है जिसने हमास के किए गए रॉकेट हमलों को कई बार ध्वस्त किया है। जी हां, हम इजरायल के आयरन डोम एंटी मिसाइल सिस्टम की बात कर रहे हैं। ये वही एंटी मिसाइल सिस्टम है जो रॉकेट को हवा में ही मार गिराने की क्षमता रखता है। आयरन डोम एक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसका निर्माण इजरायली फर्म राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने बनाया है। इजरायल 2011 से अमेरिका की आर्थिक और तकनीकी मदद से बने एयर  डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। इजरायल का दावा है कि आयरन डोम दुश्मन की 90 प्रतिशत मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर देता है। 

कैसे काम करता है?

आयरन डोम में ट्रक से खींची जाने वाली इकाइयां शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक रॉकेट, मोर्टार और ड्रोन सहित कम दूरी के खतरों का मुकाबला करने के लिए रडार-निर्देशित मिसाइलों को फायर करती है, जब वे हवा में होते हैं। हर मौसम में काम करने वाली प्रणाली इजराइल के रडार पर मौजूद सभी रॉकेटों को मार गिराती नहीं है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहले यह निर्धारित करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तंत्र का उपयोग करता है कि क्या आने वाला रॉकेट एक व्याख्या किया गया खतरा है और आबादी वाले क्षेत्र पर हमला करेगा, यदि नहीं तो आयरन डोम रॉकेट को नजरअंदाज कर देता है और इसे इज़राइल के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने देता है। शहर के आकार की कवरेज प्रदान करने के लिए आयरन डोम की सीमा मूल रूप से 4 से 70 किमी के बीच थी, हालांकि, कहा गया है कि इसका विस्तार हुआ है।

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कैसे फेल हुआ डिफेंस सिस्टम 

दुनिया की सबसे उन्नत रक्षा प्रणालियों में से एक मानी जाने वाली आयरन डोम हवाई खतरों को पहचानने और नष्ट करने के लिए रडार का उपयोग करती है, इससे पहले कि वे कोई नुकसान पहुंचा सकें। इज़राइल की व्यापक वायु रक्षा ढाल में ड्रोन और विमानों जैसे मध्यम और लंबी दूरी के खतरों की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए डेविड स्लिंग और एरो भी शामिल है। इज़रायली सेना की एक अन्य वायु-रक्षा प्रणाली एरो-3 है, जिसे पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने और उनका मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बहुत कम समय में अधिक मिसाइल दागने से ये सिस्टम ढंग से काम नहीं कर पाएगा। इजरायल की सबसे चर्चित एल अविव यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट भी लगातार ऐसी ही आशंका जताते रहे हैं। उनका कहना है कि एक साथ लगातार हमलों के बीच ये ठीक से काम नहीं कर पाएगा। जिस तरह से हमास ने पांच हजार रॉकेट दागे और इजरायल में तबाही मचा दी। ऐसे में आयरन डोम पर सवाल उठना लाजिमी है। 

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