By अभिनय आकाश | Nov 05, 2024
क्या अमेरिका को अपनी पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी या फिर डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर व्हाइट हाउस जीतेंगे? अमेरिका में भारतीय समय के मुताबिक शाम साढ़े चार बजे से वोटिंग शुरू होगी। जो कल सुबह तक चलेगी। सभी 50 राज्यों में एक साथ वोट डाले जाएंगे। राष्ट्रपति पद के लिए मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। मतदान खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। अमेरिका के चुनाव पर काम करने वाली विभिन्न सर्वे एजेंसी ने दावा किया है कि इस बार कमला हैरिस औऱ ट्रंप में कांटे की टक्कर है। यानी मुकाबला बेहद नजदीकी रहने वाला है। अब अमेरिका का ताज किसके सिर पर सजेगा इसका जवाब जल्द मिल जाएगा। लेकिन कमला हैरिस अब इतिहास के मोड़ पर खड़ी हैं और उन्हें वो करना है जो अमेरिकी क्रांति के बाद से कभी नहीं हुआ। अगर वो राष्ट्रपति बनती हैं तो जॉर्ज वाशिंगटन और जार्ज एडम से शुरू हुई परंपरा में पहली बार एक महिला का नाम जुड़ेगा। बहुत से देशों में महिलाएं सर्वोच्च पद पर रहीं। मिसाल के तौर पर साल 1996 में इंदिरा गांधी आजाद भारत की पहली महिला पीएम बनीं। साल 1969 में गोल्डा माइर इजरायल की पहली महिला पीएम बनीं। महिलाओं की आवाजों को दबाने वाले पाकिस्तान जैसे देश में भी 1988 में बेनजीर भुट्टो पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। फिलैंड की सना मरिन दुनिया की सबे युवा शीर्ष नेता बनने का करिश्मा दिखा चुकी हैं। अब ये सोचने वाली बात है कि खुद को सुपर पावर कहने वाला अमेरिका इस मामले में फिसड्डी क्यों है? अन्य देशों में अगर महिलाएं टॉप पर हो सकती हैं तो अमेरिका में अब तक ऐसा क्यों नहीं हो पाया है।
अधिकांश महिलाएं वोट भी नहीं दे सकती थीं तब वुडहुल ने किया कुछ ऐसा, जाना पड़ा था जेल
विक्टोरिया क्लैफ्लिन वुडहुल 19वीं सदी के सबसे रंगीन पात्रों में से एक थी। महिला अधिकारों और मताधिकार की वकालत करने वाली लोकप्रिय सार्वजनिक वक्ता, समाचार पत्र प्रकाशक वुडहुल ने अमेरिकी दर्शकों को कार्ल मार्क्स के कार्यों से परिचित कराया। वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज फर्म संचालित करने वाली पहली महिला और 1872 में पहली महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं। विक्टोरिया न्यूयॉर्क में बस गईं और गृह युद्ध के अनुभवी कर्नल जेम्स ब्लड से शादी की। ब्लड सेंट लुइस के मूल निवासी थे जिन्होंने गृह युद्ध के दौरान छठे मिसौरी स्वयंसेवकों की कमान संभाली थी। जनवरी 1871 में राष्ट्रीय महिला मताधिकार संघ का सम्मेलन वाशिंगटन, डीसी में आयोजित किया गया था। विक्टोरिया ने भाग लेने की योजना बनाई। बटलर संशोधन के कुछ समर्थकों में से एक थे और उन्होंने वुडहुल को हाउस न्यायपालिका समिति को संबोधित करने का मौका दिया। उन्होंने मौके का फायदा उठाया और कांग्रेस कमेटी को सीधे संबोधित करने वाली पहली महिला बन गईं। उन्होंने तर्क दिया कि चौदहवें और पंद्रहवें संशोधन के कारण महिलाओं को पहले से ही वोट देने का अधिकार है, लेकिन कांग्रेस को महिलाओं के मतदान अधिकारों की पूरी तरह से गारंटी देने के लिए प्रस्तावित सोलहवें संशोधन पर तुरंत एक और वोट लेना चाहिए। विक्टोरिया ने समान अधिकार पार्टी द्वारा नामांकित होने के बाद यूलिसिस एस. ग्रांट (रिपब्लिकन) और होरेस ग्रेली (लिबरल रिपब्लिकन) के खिलाफ प्रेसिडेंशियल कैंपेन चलाया। वुडहल सिर्फ 34 साल की थी, जबकि अमेरिका में चुनाव लड़ने की उम्र 35 साल है। वे चुनाव नहीं लड़ पाती फिर भी वुडहल से नफरत करने वाले नेताओं ने उन्हें गिरफ्तार करा दिया। उन पर अश्लीलता का प्रचार करने के आरोप लगे। भले ही वो राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने के लिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य 35 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंची थीं, विक्टोरिया वुडहुल को फिर भी पहली महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार माना जाता रहा है।
'औरतों को व्हाइट हाउस तक पहुंचने की महत्वाकांक्षा नहीं रखनी चाहिए'
मार्ग्रेट चेस स्मिथ मेन के स्कोहेगन में एक नाई की बेटी थी। कॉलेज का खर्च उठाने में असमर्थ होने के कारण, उन्होंने टेलीफोन कंपनी और एक साप्ताहिक समाचार पत्र में कार्यालय में काम करते हुए अपने कैरियर की शुरुआत की। चौंतीस साल की उम्र में उन्होंने अपने से इक्कीस साल बड़े एक प्रमुख रिपब्लिकन राजनेता क्लाइड हेरोल्ड स्मिथ से शादी कर ली। जब स्मिथ प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए, तो मार्गरेट ने उनके सचिव के रूप में कार्य किया। 1940 में उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद, उन्होंने उनके स्थान पर प्राथमिक के लिए आवेदन किया। यह पहली बार था जब किसी रिपब्लिकन पार्टी की महिला नेता ने इस पद के लिए दावेदारी की। उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि औरतों को व्हाइट हाउस तक पहुंचने की महत्वाकांक्षा नहीं रखनी चाहिए। ये मर्दों की दुनिया है। उसे वैसे ही रखा जाना चाहिए। मार्ग्रेट ने जिस दिन अपनी उम्मीदवारी की चाहत जाहिर की वॉशिंगटन पोस्ट के एक पत्रकार ने उसी दिन उनकी कैंपेन को नॉन सीरियस घोषित कर दिया। मार्ग्रेट के पास उतना पैसा नहीं था कि वे दूसरे रिपब्लिकन प्रत्याशियों के साथ मुकाबला कर सके। 1948 में मार्गेट मेन राज्य की सीनेटर बनीं। स्मिथ ने अच्छी सेवा की और अपने अधिकार में बार-बार पुन: चुनाव जीता। उनके पहले ही वोट में उनके स्वतंत्र विचार स्पष्ट रूप से सामने आ गए।
शर्ली चिसहोम डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की पहली महिला थीं
शर्ली अनीता सेंट हिल चिशोल्म कांग्रेस (1968) में पहली अफ्रीकी अमेरिकी महिला थीं और दो प्रमुख राजनीतिक दलों (1972) में से एक से संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति उम्मीदवारी की रेस में शामिल होने वाली पहली अफ्रीकी अमेरिकी थीं। वे 1968 में न्यूयॉर्क से सांसद चुनी गईं। यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश की पहली अश्वेत महिला बनीं। उनका आदर्श वाक्य और उनकी आत्मकथा का शीर्षक- अनबॉट एंड अनबॉस्ड- अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उनके सात कार्यकालों के दौरान महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए उनकी बोली गई वकालत को दर्शाता है। उन्होंने कहा था कि अश्वेत होने से ज्यादा उन्हें एक महिला होने की वजह से ज्यादा भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
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