By टीम प्रभासाक्षी | Mar 13, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह राहुल गांधी के लंदन में दिये गये भाषणों और देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान से संबंधित पाठकों के प्रश्नों के उत्तर दिये गये। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रभासाक्षी संपादक ने बताया कि हमारे दर्शकों ने हमें बड़ी संख्या में प्रश्न भेजे थे, उनमें से अधिकांश प्रश्न लगभग समान थे। उन्होंने कहा कि हमने सभी प्रश्नों के मर्मों कों मिलाकर दो प्रश्न बनाये हैं। पहला प्रश्न था- क्या वाकई हमारी संसद में विपक्ष के लिए माइक बंद कर दिये जाते हैं?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि विदेशी धरती से यह कहना मिथ्या प्रचार और देश का अपमान है कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत के पास अभी जी20 की अध्यक्षता करने का गौरवशाली क्षण है तो ऐसे समय कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक इकाइयों की छवि धूमिल किए जाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय पर वह इस संबंध में अपने संवैधानिक कर्तव्य से विमुख नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऐसी ताकतों को बेनकाब और उन्हें विफल करने का जो आह्वान किया है उसके साथ सभी को जुड़ना चाहिए। प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि हम दुनिया की सबसे क्रियाशील लोकतंत्र हैं। भारत अमृतकाल में है और उसने कई मुद्दों पर वैश्विक विमर्श को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि जी20 की विभिन्न बैठकों के दौरान जो विदेशी मेहमान यहां आ रहे हैं वह भारतीय लोकतंत्र को अच्छे से देख और समझ रहे हैं ऐसे में राहुल गांधी द्वारा विदेशी धरती से भारतीय लोकतंत्र और भारतीय संवैधानिक संस्थानों पर हमला करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।
कार्यक्रम में दूसरा प्रश्न यह था- भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान में क्यों सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर ही कार्रवाई की जा रही है? इसके जवाब में प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों पर भी कार्रवाई हो रही है। कर्नाटक में लोकायुक्त के छापे में अगर भाजपा विधायक के यहां से नकदी पकड़ी गयी है तो यह दर्शाता है कि लोकायुक्त अपना काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मामले में जांच एजेंसियों की कार्रवाई को प्रतिशोध की राजनीति या तालिबानी कार्रवाई करार देना गलत है। प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में जो अभियान चल रहा है उसकी आलोचना करने की बजाय यदि सभी दल उसका एक सुर में समर्थन कर दें तो भारत से भ्रष्टाचार का खात्मा होते देर नहीं लगेगी।