By अभिनय आकाश | Apr 16, 2025
पाकिस्तान की हालत अब ऐसी हो गई है कि कोई बात नहीं करना चाहता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पाकिस्तान को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया…वेस्ट ऑफ टाइम… उस पर कीमती समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 2008 का मुंबई आतंकी हमला एक निर्णायक क्षण था, जिसने भारत के पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति नजरिए को बदल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीयों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया था कि इस तरह के उकसावे को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मंत्री गुजरात में चारोतार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक संवाद सत्र के दौरान बोल रहे थे, जब उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विकास किया है, जबकि उनके विचार में पाकिस्तान अपनी “बुरी आदतों” में फंसा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि भारत सरकार अब सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान पर शायद ही कभी चर्चा करती है, तो जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उन पर बहुमूल्य समय बर्बाद करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
भारत बदल गया है। काश मैं कह पाता कि पाकिस्तान बदल गया है। दुर्भाग्य से, वे कई मायनों में अपनी बुरी आदतों को जारी रखे हुए हैं। वे भारत के प्रति बहुत ही नकारात्मक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। जब मैं पीछे देखता हूँ, तो मैं कहूँगा कि 26/11 का मुंबई आतंकवादी हमला एक महत्वपूर्ण मोड़ था। मुझे लगता है कि तब भारतीय जनता, सभी राजनीतिक दलों ने कहा कि यह बहुत ज़्यादा है। लोगों को लगा कि देश (भारत) अपने पड़ोसी से इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं कर सकता। 26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई में कई स्थानों पर हमले किए, जिसमें लगभग 60 घंटे की घेराबंदी में 166 लोग मारे गए।
उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उस समय सरकार की प्रतिक्रिया में जनता की भावना पूरी तरह से परिलक्षित नहीं हुई होगी। जयशंकर ने कहा कि 2014 के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के परिणाम होंगे। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी मौजूदगी के दौरान पाकिस्तान के दोहरे खेल की आलोचना की और कहा कि वही आतंकी ढांचा अंततः उनके खिलाफ हो गया।