By अंकित सिंह | Aug 28, 2023
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुलासा किया है कि उनका गुट राज्य में भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में क्यों शामिल हुआ। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन और दोस्त नहीं होते हैं।" बीड में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए, अजित पवार ने कहा, "हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए महायुति (बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के साथ अजित पवार का गठबंधन) में शामिल हुए हैं। हमने राज्य के विकास के लिए यह निर्णय लिया है।"
पवार ने आगे कहा कि राजनीति में, कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता और कोई स्थायी दोस्त नहीं होता। हम महाराष्ट्र में सभी को बताना चाहते हैं कि भले ही हम महायुति गठबंधन में हैं, लेकिन सभी जातियों और धर्मों के लोगों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हम सदैव किसानों के हित के लिए कार्य करते रहेंगे। खेतों में पानी के बिना खेती नहीं होती। जब मैं राज्य में जल संसाधन था तब मैंने बहुत काम किया। अजित पवार ने कहा कि उन्होंने राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे को दिल्ली जाकर राज्य में प्याज के हालिया मुद्दे पर प्रमुख केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए कहा।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब प्याज का मुद्दा उठा तो कई लोगों के फोन आए। विपक्ष हमेशा गलत जानकारी देता हैय़ मैंने धनंजय से दिल्ली जाने को कहा। धनंजय ने जाकर अधिकतम सहायता का अनुरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत 2 लाख मीट्रिक टन प्याज 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा। इससे पहले, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले को "किसान विरोधी" करार दिया। हाल ही में, केंद्र सरकार ने रसोई के मुख्य उत्पाद पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया, जिसके कारण राज्य के प्याज किसानों ने सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में विरोध प्रदर्शन किया।