By अभिनय आकाश | Sep 20, 2024
तिरुपति लड्डू विवाद पर पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। वाईएसआरसीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। आपूर्तिकर्ताओं को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा। टीटीडी घी से नमूने एकत्र करता है और केवल प्रमाणन पास करने वाले उत्पादों का ही उपयोग किया जाता है। हमने अपने शासन में 18 बार उत्पादों को खारिज किया है। जगन मोहन और उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने इस विवाद पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया। वाईएसआर कांग्रेस ने हाई कोर्ट से एन चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी के आरोपों की जांच के लिए एक ज्यूडिशियल कमेटी गठित करने की मांग की है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव ने कहा कि जब मैंने टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला, तो सीएम ने खरीदे गए घी और लड्डू की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है और प्रसादम के रूप में चढ़ाया जाता है। गुणवत्ता में कोई भी विचलन 'अपवित्रम'का कारण होगा। हमने शुरू किया। उस पर काम करना। हमने पाया कि हमारे पास घी में मिलावट की जांच करने के लिए कोई आंतरिक प्रयोगशाला नहीं है। बाहरी प्रयोगशालाओं में भी घी की गुणवत्ता की जांच करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
निविदाकर्ताओं द्वारा उद्धृत दरें अव्यवहारिक हैं, वे इतनी कम हैं कि कोई भी कह सकता है कि शुद्ध गाय का घी इतना कम खर्च नहीं हो सकता। हमने सभी आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी है, कि यदि आपूर्ति किया गया घी लैब टेस्ट में पास नहीं होता है तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। प्रसाद में पशु की चर्बी का मामला सामने आया है उसको लेकर सियासत गरम हो गई है।