By दिनेश शुक्ल | Nov 11, 2020
भोपाल। मध्यन प्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री और ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मी।दवार इमरती देवी, अपने ही रिश्तेमदार सुरेश राजे से उप चुनाव हार गई हैं। इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट से मैदान में थी। मध्य प्रदेश उप चुनाव में यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान के चलते सबसे चर्चित सीट रही। पूरे उप चुनाव में इमरती देवी और डबरा विधानसभा सीट सुर्खियों में रही।
दरआसल इसकी वजह रही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिया गया एक बयान। जिसने उप चुनाव के मुद्दों को ही चुनाव से बाहर कर दिया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि सुरेश राजे हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे-साधे हैं। यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, 'यह क्या आइटम है'। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जनता 3 नवंबर को इमरती देवी को जलेबी बना देगी।
जिसके बाद प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया था। इमरती देवी के सम्मान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में 2 घंटे का मौन धरना दिया तो वहीं पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में इस धरने का नेतृत्व किया। इमरती देवी, उन पूर्व विधायकों में से एक नेता हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है। ये वही इमरती देवी हैं, जिन्होंने इसी साल मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति अपनी वफादारी को जाहिर करते हुए कहा था कि 'सिंधिया कुएं में गिरे तो हम भी साथ गिरेंगे'।
लेकिन मंगलवार को आए उप चुनाव में शुरूआती बढ़त के बाबजूद भी इमरती को हार का सामना करना पड़ा। उनको हराने वाले उनके ही समधी कांग्रेस के सुरेश राजे हैं। जो कभी बीजेपी से चुनाव लड़ा करते थे। जीत के बाद सुरेश राजे ने कहा कि इमरती देवी को भ्रम था कि वह इस विधानसभा से जीतती थी यहां से वह नहीं कांग्रेस जीतती रही है। इमरती देवी को 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 57 हजार से जीत दर्ज की थी। जबकि उप चुनाव में उन्हें सुरेश राजे ने 7633 मतों से हराया है। इमरती देवी ने 25 दिसम्बर, 2018 को कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। लेकिन कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने 2 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में भी मंत्री पद की शपथ ली है। लेकिन अब हारने के बाद उनके मंत्री पद जाने का खतरा बढ़ गया है।