By अंकित सिंह | Oct 15, 2024
झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि किया झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार बरकरार रख पाएगी या फिर भाजपा को यहां मौका मिलने जा रहा है। राज्य में 81 सीटें हैं। झारखंड में दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हरियाणा में अप्रत्याशित सफलता से उत्साहित भगवा पार्टी ने अपने लिए मानक ऊंचा कर लिया है और सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना को बाधित किए बिना, अधिक से अधिक सीटें हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा यहां अपनी पूरी ताकत लगा रही है। साथ ही साथ सहयोगियों को भी साथ लेकर चलने की कोशिश है। इससे पहले, भगवा पार्टी ने एनडीए के अन्य सहयोगियों के लिए केवल 12 सीटें छोड़ने की योजना बनाई थी, हालांकि, उसने समायोजन करने का फैसला किया है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू 4 सीटों के लिए दबाव बना रही है, जबकि बीजेपी पार्टी के लिए 2 सीटें छोड़ना चाहती है। दो सीटों पर असहमति है, जिसे दोनों पार्टियां जल्द ही सुलझा लेने की संभावना है।
भगवा पार्टी को सबसे बड़ी चुनौती एजेएसयूपी से मिलने की संभावना है, जिसकी एक विशाल क्षेत्र में बड़ी उपस्थिति है, जिसमें ज्यादातर आदिवासी बहुल निर्वाचन क्षेत्र हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पार्टी ने 16 सीटों की मांग की है जबकि भगवा पार्टी 10-11 सीटें छोड़ने को तैयार है। पार्टी ने 2019 के विधानसभा चुनावों में 52 सीटों पर चुनाव लड़ा, हालांकि उसे केवल 2 सीटें मिलीं और सिर्फ 8.10% वोट मिले। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 28 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। एजेएसयूपी की कई सीटों पर मौजूदगी है और भगवा पार्टी अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी झामुमो का मुकाबला करने के लिए इस संगठन का इस्तेमाल कर सकती है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाला गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 81 सीट पर चुनाव लड़ेगा। सोरेन ने झामुमो की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद पार्टी की चुनावी तैयारियों पर भरोसा जताया और आश्वासन दिया कि गठबंधन राज्य में फिर से सत्ता हासिल करेगा। इस बीच, कांग्रेस समर्थित झामुमो के नेतृत्व वाला गठबंधन आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिए मैय्यन सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना जैसी कल्याणकारी पहलों के साथ-साथ आदिवासी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से आदिवासी भावनाएं भड़कने वाली हैं क्योंकि झामुमो-कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं के साथ पीड़ित कार्ड खेल रही है, जो बड़े पैमाने पर मानते हैं कि सीएम को झूठे आरोपों पर गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन बीजेपी पर आरोप लगा रहा है। झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर जनगणना में सरना को एक अलग धर्म के रूप में शामिल करने की मांग की और एक अलग सरना धार्मिक कोड की मान्यता के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की।
झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पर JMM सांसद महुआ माजी ने कहा कि चुनावों की घोषणा एक महीने पहले ही कर दी गई, इससे कुछ काम जरूर बाधित होंगे लेकिन हम चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं क्योंकि हमने शुरू से ही जनता के लिए काम किया है। जनता को पूरा भरोसा है कि यहां फिर से JMM और गठबंधन की सरकार बनेगी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में भाजपा दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। आदिवासियों का जनसंख्या 45% से घटकर 27-28% पर आ गई है। अगली जनगणना तक यह 22% तक रह जाएगी। पूरे देश में मुसलमान 4% बढ़े हैं, हमारे यहां(झारखंड) पर मुसलमान 15-16% से बढ़े हैं। ये बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, उन्हें भगाएंगे। NRC लागू करेंगे। आदिवासियों की जो ज़मीन मुसलमानों ने ले ली है उसे वापस आदिवासियों को दिलाएंगे।
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पर कहा कि झारखंड में दो चरणों में चुनाव की घोषणा करने के लिए हम चुनाव आयोग का धन्यवाद करते हैं। हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराएगा। भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है, पार्टी के कार्यकर्ता हमेशा समर्पण के साथ काम करते हैं, हमारी पार्टी का सड़क से संसद तक कार्यक्रम होता है। आज झारखंड सरकार पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुकी है और पूरे राज्य में राज्य सरकार के खिलाफ माहौल है, लोग चाहते हैं कि यह भ्रष्ट सरकार जाए।
भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पर कहा कि चुनाव आयोग ने आज तारीख की घोषणा कर दी है, जिसके साथ ही मौजूदा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मौजूदा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, युवाओं को ठगा गया है, महिलाओं को प्रलोभन दिया गया है... आम आदमी इनसे त्रस्त है। यहां माफियागिरी चल रही है, कोयला तस्करी चल रही है, घुसपैठियों को संरक्षण दिया जा रहा है... चुनावों की घोषणा के साथ ही इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।