केजरीवाल की संजीवनी, कांग्रेस की प्यारी दीदी और बीजेपी के पास...दिल्ली के दिलों को जीतने के लिए छिड़ी वादों और गारंटियों की जंग में कौन आगे कौन पीछे

By अभिनय आकाश | Jan 08, 2025

दिल्ली के तख्त पर जनता किसे बिठाना चाहती है इसके लिए तो पूरे देश में बीते साल चुनाव हो गए। लेकिन खुद दिल्ली की जनता इस प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है, इसकी घड़ी अब नजदीक आ गई है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने हैं और इस बड़े घमासान के लिए जमीन तैयार हो रही है और सबसे बड़े जंग में हर महारथी अपना सबसे धारदार हथियार आजमाने की कोशिश में है । ऐसे में चर्चा ये भी चल पड़ी है कि आखिर किसके दावों का रंग कितना चोखा होगा और किसके वादों का रंग सिर्फ और सिर्फ धोखा होगा। दिल्ली के चुनावी दंगल में हर बार की तरह इस बार भी विभिन्न पार्टियों की तरफ से ताल ठोके जा रहे हैं लेकिन असल मुकाबला तो सिर्फ तीन पार्टियों के बीच ही है। जिन्होंने जनता के सामने अपने वादों-इरादों का पिटारा खोल दिया है। 

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आम आदमी पार्टी

वर्ष 2012 में गठित आप, 2013 के विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण चुनावी प्रदर्शन के साथ दिल्ली के राजनीतिक मानचित्र पर उभरी थी, जिसमें उसने कुल 70 में से 28 सीटें जीती थीं और 29.5 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। भाजपा ने तब 32 सीटें और कांग्रेस ने 8 सीटें जीतीं, जिनका वोट प्रतिशत क्रमशः 32.3 और 24.6 था। आप के राजनीतिक प्रभुत्व का युग वर्ष 2015 में 54.3 प्रतिशत वोटके साथ जीते गए विशाल जनादेश के साथ शुरू हुआ। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर जीत हासिल की। ​​भाजपा को तीन सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, जिसका वोट प्रतिशत क्रमशः 32.2 और 9.7 रहा। 2020 के चुनावों में भी कमोबेश ऐसा ही प्रदर्शन दोहराया गया, जिसमें भाजपा को आठ सीट और 39 प्रतिशत वोट मिले। आप ने 53.6 प्रतिशत वोट के साथ 62 सीटें जीतीं। कांग्रेस फिर से कोई सीट जीतने में विफल रही और उसका वोट प्रतिशत आधा होकर 4.3 प्रतिशत रह गया।

60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए संजीवनी योजना

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में उनकी पार्टी के सत्ता में लौटने पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के निःशुल्क उपचार के लिए ‘संजीवनी योजना’ शुरू की जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामायण में एक कहानी पढ़ते हैं न जब लक्ष्मण मूर्छित हुए थे तो हनुमान जी उनके लिए संजीवनी बूटी लेकर आए थे। आज दिल्ली के बुजुर्गों के लिए मैं संजीवनी योजना का ऐलान करने जा रहा हूं। योजना की पात्रता में इनकम लिमिट की बाधा भी आड़े नहीं आएगी। ये योजना केंद्र की आयुष्मान भारत से बिल्कुल अलग है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बुढ़ापे में एक चीज सभी को तकलीफ देती है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे 100 बीमारियां आदमी को आकर घेर लेती हैं। सबसे बड़ी चिंता इलाद की होती है। ऐसे लोगों को भी जानता हूं जो अच्छे खासे परिवार से आते हैं। लेकिन उनके बच्चे उनका ख्याल नहीं रखते हैं। बुढ़ापे में मैंने अच्छे अच्छे परिवार के मां-बाप, बुजुर्गों को तड़पते देखा है। मां-बाप को उनके बच्चों ने छोड़ दिया। लेकिन आप चिंता मत करना आपका ये बेटा अभी जिंदा है। 

महिलाओं को 2100 का वादा

महिला सम्मान योजना का ऐलान किया। इसके तहत दिल्ली की 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये जबकि चुनाव जीतने के बाद 2100 रुपये मिलना शुरू हो जाएंगे। इस योजना का लाभ 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को मिलेगा और इसकी पात्रता की शर्तें हैं। आप अपने चुनावी दफ्तरों में महिलाओं के रजिस्ट्रेशन भी कर रही है और उनकी जानकारी केजरीवाल कवच में अपलोड कर रही है।

पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना? 

राष्ट्रीय राजधानी में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आप प्रमुख ने 'पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना' शुरू की। इस योजना के तहत केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी पार्टी की सत्ता में वापसी के बाद शहर में हिंदू मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रंथियों को 18,000 रुपये का मासिक सम्मान देने का वादा किया। केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुजारी और ग्रंथी हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन वे अक्सर उपेक्षित वर्ग हैं। देश में पहली बार, हम उन्हें समर्थन देने के लिए एक योजना शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत उन्हें 18,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा। केजरीवाल ने कहा कि आप कार्यकर्ताओं द्वारा शहर भर के अन्य मंदिरों और गुरुद्वारों में भी पंजीकरण किया जाएगा।  

ऑटो वालों के लिए केजरीवाल की 5 गारंटियां

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गारंटी की श्रृंखला के तहत राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो चालकों के लिए 10 लाख रुपये की जीवन बीमा योजना की घोषणा की। केजरीवाल ने अपने आवास पर एक ऑटो चालक के साथ दोपहर का भोजन करने के बादअपने पोस्ट में उन्होंने दिल्ली में AAP के सत्ता में लौटने पर ऑटो रिक्शा चालकों के लिए पांच गारंटी के बारे में विस्तार से बताया। प्रत्येक ड्राइवर के लिए 10 लाख रुपये तक का जीवन बीमा और 5 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा होगा। बेटी की शादी के लिए 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वर्दी के लिए साल में दो बार 2500 रुपये मिलेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों की कोचिंग का खर्च सरकार उठाएगी। '‘पूछो ऐप’ फिर से चालू होगा।

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कांग्रेस

दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता भी खोल नहीं सकी है। हालांकि कांग्रेस नेता पांच फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अपनी जमीन को मजबूती प्रदान करने में जुटे हैं।  वर्ष2013 में पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, लेकिन तब से उसके पास दिल्ली में एक प्रमुख, व्यापक रूप से पहचान वाले नेता की कमी है। लगातार दो चुनाव हारने के बाद, पार्टी के निचले कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी हो सकती है, जो उसके चुनावी अभियान प्रयासों में बाधा बन सकती है। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा अवसर यह है कि पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि पिछले दो कार्यकाल से दिल्ली विधानसभा में उसका एक भी विधायक नहीं है। पार्टी के पास इस चुनाव में अपने पारंपरिक वोट बैंक को फिर से हासिल करने का अवसर है जो हाल के वर्षों में आप में स्थानांतरित हो गया है। अगर उसे कुछ सीटें भी मिलती हैं तो इससे पार्टी और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। 

प्यारी दीदी योजना

कांग्रेस ने ‘प्यारी दीदी योजना’ की घोषणा की है। उसने वादा किया है कि सत्ता में आने पर महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली की सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू किया जाएगा। कर्नाटक में कांग्रेस ने महिलाओं को लेकर इसी मॉडल पर गृह लक्ष्मी योजना लागू की है। दिल्ली के लिए 'प्यारी दीदी' योजना नाम दिया है।

फ्री में होगा 25 लाख तक का इलाज

कांग्रेस ने 'जीवन रक्षा योजना' स्कीम लॉन्च की. पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सत्ता में आने पर 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर देने का वादा करती है। यह दिल्ली की जनता के लिए कांग्रेस की दूसरी गारंटी है। इससे पहले 6 जनवरी को कांग्रेस ने 'प्यारी दीदी योजना' नाम से एक योजना लॉन्च की थी। उस योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की घोषणा की गई थी. पार्टी ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो दोनों योजनाओं को प्रमुखता से लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा। इसी तरह की एक पहल राजस्थान में शुरू की गई, जिसमें सभी निवासियों के लिए बिना किसी अनिवार्य शर्त या प्रतिबंध के 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की पेशकश की गई, जिससे समावेशिता सुनिश्चित हुई।

बीजेपी 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नारे ‘परिवर्तन’ और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ लक्षित अभियान पर ध्यान केंद्रित करके 26 साल से अधिक समय बाद दिल्ली में सत्ता में आने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। भाजपा दिल्ली में आखिरी बार दो दिसंबर 1993 और तीन दिसंबर, 1998 के बीच सत्ता में थी,जब राष्ट्रीय राजधानी में तीन मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज रहे।  भाजपा द्वारा घोषित 29 उम्मीदवारों में अनुभवी नेता शामिल हैं। उसने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए कई प्रमुख ‘बाहरी लोगों’ को मैदान में उतारा है, जिनमें गांधी नगर से दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, मंगोलपुरी से आप के पूर्व मंत्री राज कुमार चौहान, बिजवासन से आप सरकार में पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और पटेल नगर से आप के पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद शामिल हैं।

 10 जनवरी को बैठक

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्रीय चुनाव समिति की 10 जनवरी को बैठक होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, सीईसी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे। भाजपा अपने नारे परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने और शराब नीति मामले सहित घोटाले के आरोपों पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप के खिलाफ एक लक्षित अभियान पर ध्यान केंद्रित करने के बाद दो दशकों से अधिक समय तक दिल्ली में सत्ता में वापस आने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।  

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बहरहाल, कुल मिलाकर कहे तो राजनीतिक घरानों ने मतदाताओ को एक ऐसे बाज़ार के शक्ल में शुमार कर लिया है जो उनके वादों  के खरीदार बन ही जाय चाहे वो शराब पीकर बने या फिर नोट लेकर या फ़िर मुफ्त की किसी योजना के तहत! मतलब साफ़ है कि तरीका जो भी हो और नीतियां जो भी बने राजनीतिक परिपाटी तो हमेशा इस बाज़ार पर कब्जा जमाने की ही रहेगी ! ये यूं ही चलता रहेगा। ये चुनाव गुजर जाएगा और फिर अगला चुनाव आएगा कब चुनाव घोषणा होने से पहले सड़कें ठीक हो जाएंगी। चौबीस घंटें बिजली और पानी की व्यवस्था हो जाएगी और फिर से शुरू हो जाएगाा किए गए कामों की गिनती कराना और आने वाली सत्ता को फिर से हासिल करने के लिए नए वादों को परोसना क्योंकि किसी ने सच ही कहा है की चुनाव उस बारिश की तरह है जो आने के कुछ समय पहले अपनी भीनी खुशबू में लोगों को मदमस्म्त कर देता है और जब ये बारिश तेज होती है इसमें भींगने का मजा भी आता है लेकिन बाद मे वैसा ही रहता है जैसा की बारीश के बाद का कीचड़।

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