By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2019
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने मंगलवार को कहा कि जब भी वह शीर्ष पद पर होते हैं तो उनके लिए ‘‘अग्नि परीक्षा’’ होती है क्योंकि राज्य पर प्राकृतिक आपदाओं का कहर होता है। साथ ही उन्होंने केंद्र से चार से पांच दिनों में बाढ़ राहत निधि मिलने की भी उम्मीद जतायी। येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘जब भी मैं मुख्यमंत्री बना तो मेरे लिए अग्नि परीक्षा रही। 108-110 वर्षों में रिकॉर्ड बारिश से बड़े पैमाने पर बाढ़ आयी और नुकसान हुआ। हमने विस्थापित लोगों के मकानों के निर्माण में मदद की।’’
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चित्रदुर्ग में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में सूखे की स्थिति है और सरकार को इससे भी निपटना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सूखा और बाढ़ दोनों स्थिति का सामना कर रहे हैं। मुझे चार से पांच दिनों में केंद्र से निधि मिलने की उम्मीद है। हम राज्य सरकार के कुछ कार्यक्रमों को रद्द करके बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने पर खास ध्यान दे रहे हैं।’’ गौरतलब है कि जब 2008 में भी येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे तो उत्तर कर्नाटक के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आये थे। पिछले महीने बाढ़ के कारण 22 जिलों के 103 तालुक प्रभावित हुए जिसमें 80 से अधिक लोग मारे गए।
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करीब सात लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में भेजा गया और हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गये। कर्नाटक ने केंद्र सरकार को बाढ़ से 35,160.81 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन भेजा है और वह राहत का इंतजार कर रहा है। विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल के राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बावजूद राहत में ‘‘देरी’’ के लिए राज्य तथा केंद्र दोनों में भाजपा सरकारों पर निशाना साधा है।