By एकता | Jul 15, 2024
मुहर्रम इस्लामी चंद्र कैलेंडर का पहला महीना होता है, जो इस्लामी नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसे हिजरी नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। मुहर्रम इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक होता है, जो दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। इस साल का मुहर्रम का महीना बहुत ख़ास है क्योंकि इसमें आशूरा शामिल है।
आशूरा क्या है?
आशूरा, मुहर्रम का 10वाँ दिन है, जो इस साल 16 जुलाई से शुरू होता और 17 जुलाई को खत्म होगा। बता दें, इस साल आशूरा 17 जुलाई को मनाया जाएगा। इस्लाम में आशूरा का विशेष महत्व है और खास तौर पर शिया मुसलमानों के लिए ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
सुन्नी मुसलमान आशूरा क्यों मनाया जाता है?
सुन्नी मुसलमान आशूरा उस दिन को याद करने के लिए मनाते हैं, जब पैगंबर मूसा और इस्राएली लाल सागर के दो भागों में बँटकर फिरौन से बच गए थे। पैगंबर मुहम्मद ने कृतज्ञता के रूप में इस दिन उपवास करने की सलाह दी थी।
शिया मुसलमान आशूरा क्यों मनाया जाता है?
शिया मुसलमानों के लिए आशूरा 680 ई. में कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में शोक का दिन है। इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को यजीद प्रथम की सेना ने शहीद कर दिया था। यह घटना अत्याचार और अन्याय के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है।
आशूरा का क्या महत्व है?
सुन्नी और शिया दोनों मुसलमानों के लिए, आशूरा चिंतन, प्रायश्चित और क्षमा मांगने का दिन है। कई सुन्नी मुसलमान आशूरा पर उपवास रखते हैं। पैगंबर मुहम्मद ने इस दिन उपवास रखा था और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दी थी। शिया मुसलमान शोक अनुष्ठान, जुलूस और कर्बला की लड़ाई के पुनरावर्तन में शामिल होते हैं। वे मजलिस में भी भाग लेते हैं, जहाँ कर्बला की घटनाओं को याद किया जाता है।