By अंकित सिंह | Dec 28, 2024
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा की जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद बचे हुए काम को पूरा करने के लिए समयसीमा तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि आज सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा की जायेगी। समीक्षा के बाद, हम लंबित निर्माण को पूरा करने की समयसीमा तय करेंगे।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि जिस प्राचीर के लिए लगभग 8,40,000 क्यूबिक फीट पत्थर रखे जाने हैं, केवल 3 लाख क्यूबिक फीट ही बचा है। उम्मीद है, इसे पूरा करने में सक्षम होंगे जून 2025 तक 1 किमी की प्राचीर जिसमें छह मंदिर होंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंदिर के अंदर रखी जाने वाली मूर्तियों का अंतिम निरीक्षण जनवरी 2025 के पहले सप्ताह तक जयपुर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिसर के अंदर मंदिरों के बीच में पूल के लिए खुदाई शुरू हो गई है। आज इसके डिजाइन और तकनीकी बारीकियों पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि हमने अपने महासचिव से दक्षिण और उत्तर के चार द्वारों का नाम अयोध्या के पूज्य संतों के नाम पर रखने का अनुरोध किया है। अयोध्या के ऐतिहासिक मंदिर में श्री राम लल्ला की 'प्राण प्रतिष्ठा' या अभिषेक समारोह इस साल 22 जनवरी को आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुजारियों के एक समूह के नेतृत्व में वैदिक अनुष्ठान किए थे। 11 जनवरी, 2025 को, राम मंदिर में अभिषेक समारोह की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रम होने वाले हैं, जिसे 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में नामित किया गया था।