Amit Shah ने Nehru पर बोला हमला तो बचाव में उतरे Rahul Gandhi, BJP पर लगा डाले बड़े आरोप

By नीरज कुमार दुबे | Dec 12, 2023

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की ओर से की गयी ऐतिहासिक गलतियों को सुधार रही मोदी सरकार पर कांग्रेस आक्रामक हो गयी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में नेहरू, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि तीन परिवारों ने कश्मीर के अनुसूचित जनजाति और गरीब लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया क्योंकि जम्मू-कश्मीर में पहले कई कानून उन पर लागू नहीं होते थे। इस पर भड़कते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों जेल में रहे। राहुल गांधी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम इसलिए ये बात केवल भ्रमित करने के लिए की गई है। 


जहां तक नेहरू की ओर से की गयी ऐतिहासिक गलतियों की बात है तो हम आपको बता दें कि मोदी सरकार ने नेहरू के जमाने के अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से उखाड़ फेंका था। यही नहीं देश की आजादी के समय पंडित नेहरू को जो पवित्र सेंगोल पूरे मंत्रोच्चारण के साथ प्रदान किया गया था और जिसे उनकी छड़ी बता कर प्रयागराज स्थित आनंद भवन के संग्रहालय में भिजवा दिया गया था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ससम्मान संसद भवन में स्थापित करवाया। इसके अलावा भी तमाम ऐसे काम हैं जोकि मोदी सरकार ने नेहरू काल की गलतियों को सुधारते हुए किये हैं।

इसे भी पढ़ें: युद्ध विराम, यूएन और PoK, कश्मीर की समस्या का बैकग्राउंड और नेहरू के वो फैसले

अमित शाह का बयान


जहां तक अमित शाह की ओर से नेहरू पर किये गये हमले की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि अगर असमय सीजफायर नहीं होता, तो आज पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) नहीं होता। अमित शाह ने कहा कि हमारी सेना जीत रही थी, वो भाग रहे थे। नेहरू दो दिन रुक जाते तो पूरा पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) तिरंगे के तले आ जाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश को आश्वस्त किया कि आतंकवाद से मुक्त ‘नए और विकसित कश्मीर’ के निर्माण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। राज्यसभा में उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के सोमवार के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा था कि अब केवल ‘एक संविधान, एक राष्ट्रीय ध्वज और एक प्रधानमंत्री’ होगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वह अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं देख पा रहा है जबकि पूरा देश समझ गया है कि कश्मीर मुद्दे से निपटने में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलती थी। शाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न अंग है और कोई भी इसे छीन नहीं सकता। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 'गलतियों' के कारण नुकसान उठाना पड़ा। इस क्रम में उन्होंने ‘असामयिक’ संघर्षविराम और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने जैसे फैसलों को गिनाया।


राहुल गांधी का पलटवार


दूसरी ओर, राहुल गांधी की ओर से अमित शाह पर किये गये हमले की बात करें तो उन्होंने कहा है कि मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में जा रहा है, ये है। इस मुद्दे पर ये लोग चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इससे डरते हैं, भागते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को आगे लेकर जाएंगे और गरीब लोगों को उनका हक हम दिलाएंगे। राहुल गांधी ने शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पंडित नेहरू ने हिंदुस्तान के लिए अपना जीवन दे दिया। वह वर्षों जेल में रहे। अमित शाह जी को शायद इतिहास मालूम नहीं है। मैं उम्मीद भी नहीं करता कि उन्हें इतिहास मालूम होगा क्योंकि वह इतिहास का पुनर्लेखन करते रहते हैं।’’ 


भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री भी ओबीसी थे। सवाल यह है कि पूरी व्यवस्था में कितनी भागीदारी है। प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, लेकिन सरकार को 90 अफसर चलाते हैं और उनमें तीन ओबीसी है। इन तीन अधिकारियों का कार्यालय भी कोने में है।’’ उन्होंने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए नेहरू और अन्य मुद्दों पर बात की जाती है।

प्रमुख खबरें

भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन, वैश्वविक नेताओं को पीएम मोदी ने दिए ये उपहार

NDA या INDIA... महाराष्ट्र और झारखंड में किसकी सरकार, शनिवार को आएंगे नतीजे, UP पर भी नजर

OpenAI ला रही वेब ब्राउजर, गूगल को मिल रही कांटे की टक्कर

लोकायुक्त संशोधन विधेयक विधान परिषद में पेश, नारा लोकेश ने गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता पर दिया जोर