By कमलेश पांडे | Nov 20, 2023
किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक अच्छी आदत है। इसका सबसे अच्छा लाभ यह है कि वे एक व्यक्तिगत निवेशक के रूप में आपके लिए जितना संभव हो सके, उससे कम लागत पर निवेश के विविधीकरण की अनुमति देते हैं। हालांकि, इसमें बहुत अधिक या बहुत कम धनराशि रखना अच्छा नहीं है। इसलिए आपके फंड के प्रकार का चुनाव आपके निवेश लक्ष्य, समय सीमा और जोखिम उठाने की क्षमता आदि पर निर्भर होना चाहिए। इसलिए नीचे हम म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए क्या-क्या कार्य करें और क्या-क्या काम न करें, इसके बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ये-ये कार्य करें
# सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड वाला एक फंड चुनें और उसके ऑफर दस्तावेज़ को ध्यानपूर्वक देखने का यत्न करें
म्यूचुअल फंड योजना सूचना दस्तावेज़ निधि की नियम पुस्तिका है। यह फंड के निवेश का उद्देश्य, यह किस प्रकार के शेयरों में निवेश करेगा, इक्विटी फंड के मामले में विभिन्न मार्केट कैप में निवेश का अनुपात, व्यय अनुपात इत्यादि जैसे तथ्यों पर जानकारी प्राप्त करने का सबसे विश्वसनीय स्रोत है। वहीं, फंड की होल्डिंग्स की वर्तमान संरचना और वर्तमान फंड मैनेजर का अंदाजा लगाने के लिए फंड की नवीनतम फैक्ट शीट भी पढ़ें। ताकि आप सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर पा सकते हैं और तदनुसार बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं।
# हमेशा अपनी शांति बनाए रखने का प्रयत्न करें
किसी भी म्यूचुअल फंड निवेशक को चाहिए कि वह वर्ष में एक बार अपने फंड के प्रदर्शन की निगरानी खुद से करें। और इससे तभी बाहर निकलें, जब पोर्टफोलियो की संरचना में बदलाव, फंड मैनेजर में बदलाव आदि जैसे मूलभूत कारकों के कारण इसका प्रदर्शन एक वर्ष या उससे अधिक समय तक अपने साथियों की तुलना में खराब रहा हो। इसलिए किसी आपाधापी में न पड़ते हुए अपनी शांति बनाए रखने का प्रयत्न करें।
# अकसर एसआईपी के माध्यम से निवेश करें
यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो व्यवस्थित निवेश योजनाओं के माध्यम से समय-समय पर राशि निवेश करके रुपये की औसत लागत का लाभ उठाएं। वहीं, यदि आपको एकमुश्त निवेश करना ही है तो रकम को अलग-अलग कर लें और एक समय अंतराल के बाद निवेश करें। इससे आप रणनीतिपूर्वक लाभ उठा पाएंगे।
# आप अपने जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार ही निवेश करें
आपकी जोखिम लेने की क्षमता आपके निवेश लक्ष्य, समय सीमा और उम्र पर निर्भर करेगी। इसलिए यदि आपको तीन साल से कम समय में धन की आवश्यकता है और यदि इसका मतलब एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है जो आपके बच्चे की शिक्षा से चूक नहीं सकता है, तो आप इक्विटी फंड के बजाय संतुलित फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। इसी तरह से यदि आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो आप अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी में कम आवंटन पसंद कर सकते हैं। खास बात यह कि जब तक आपको नियमित आय की आवश्यकता न हो, लाभांश का पुनर्निवेश करना चुनें। इससे आपको लॉन्ग टर्म में लाभ मिलेगा।
# हमेशा अपने व्यय अनुपात की तुलना करें
यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको इस बात पर गौर फरमाना चाहिए कि विशेष रूप से इंडेक्स फंडों के मामले में जो निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होते हैं, व्यय अनुपात फंड चयन के लिए एक निर्धारक है। मसलन इंडेक्स फंड बस एक इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, इसलिए किसी विशेष इंडेक्स पर नज़र रखने वाले सभी फंडों का रिटर्न समान होने की उम्मीद है। यहां आप कम व्यय अनुपात वाला फंड चुन सकते हैं। क्योंकि लंबी अवधि में उच्च व्यय अनुपात चक्रवृद्धि के प्रभाव के कारण आपके रिटर्न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खा सकता है। जो किसी भी निवेशक को अच्छा नहीं लगता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ये-ये काम कदापि न करें
# किसी फंड के प्रदर्शन और प्रस्ताव दस्तावेज़ की समीक्षा किए बिना उसमें कतई निवेश न करें
यदि आप म्यूचुअल फंड के निवेशक हैं तो किसी फंड के प्रदर्शन और प्रस्ताव दस्तावेज़ की समीक्षा किए बिना उसमें कदापि निवेश न करें। ऐसा कहने का आशय यह है कि किसी फंड में केवल इसलिए निवेश न करें, क्योंकि आपके मित्र ने इसे हाल ही में खरीदा है या फिर किसी वेबसाइट या टीवी कार्यक्रम में इसकी अनुशंसा की गई थी। कारण कि बाजार में तेजी के दौरान ज्यादातर फंड अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे सभी लगातार अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसलिए समुचित सावधानी बरतें।
# बाज़ार में तेजी और गिरावट के दौरान अपने फंड के प्रदर्शन पर नज़र रखें, उसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें
किसी फंड का उसके वर्तमान प्रदर्शन के लिए आँख मूँद कर पीछा करना या निकट अतीत में उसके कमज़ोर प्रदर्शन के लिए किसी दूसरे फंड को नज़रअंदाज न करना अच्छी बात है। इसलिए बाज़ार में तेजी और गिरावट के दौरान फंड के प्रदर्शन पर निरंतर नज़र रखें। जानकार बताते हैं कि कम से कम पांच साल के प्रदर्शन वाले फंड में निवेश करें। वहीं, अगर आप म्यूचुअल फंड में नए हैं तो एनएफओ से दूर रहें। क्योंकि अधिकांश नए फंड वास्तव में कुछ भी नया पेश नहीं करते हैं; बल्कि उनके पास पोर्टफोलियो संरचना में मामूली बदलाव के साथ सिर्फ फैंसी नाम हैं। इसलिए फंड मैनेजर की विश्वसनीयता की जांच करें। साथ ही यह भी पता करें कि क्या वह अनुभवी है? क्या ऐसे अन्य फंड हैं जिनका वह सफलतापूर्वक प्रबंधन कर रहा है? क्या एएमसी अच्छी फंड प्रबंधन टीम और अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड के लिए जानी जाती है? इन मूलभूत तथ्यों/बातों पर गौर करें।
# हर दिन या हरेक सप्ताह या प्रत्येक महीने में भी अपने फंड की एनएवी की जांच न करें, घबड़ाएं नहीं
यदि आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं तो हर दिन या हरेक सप्ताह या प्रत्येक महीने में भी अपने फंड की एनएवी की जांच न करें। क्योंकि अल्पावधि में एनएवी में उतार-चढ़ाव हो सकता है। लेकिन जो तथ्य मायने रखता है- वह है प्रतिशत लाभ या हानि। इसलिए एक अवधि के बाद अल्पकालिक हानि लाभ के साथ समाप्त हो जाती है। इसलिए शांत रहें और अपना पैसा खोने के डर से अपनी इकाइयों को बेचने में जल्दबाजी न करें, बशर्ते आपको विश्वास हो कि आपने उचित शोध के बाद निवेश का विकल्प चुना है।
# किसी भी म्यूचुअल फंड में एक साथ बड़ी मात्रा में निवेश न करें
यदि आप एकमुश्त निवेश कर रहे हैं, तो किसी लक्ष्य के लिए आवंटित सारा पैसा एक बार में ही किसी फंड में न डालें। क्योंकि जब आप महंगी कीमत पर यूनिटें खरीदने का जोखिम उठाते हैं तो संभवतः आपका पूरा निवेश भी लूट/फंस सकता है, यदि यह एक खराब फंड है तो। इसलिए अतिरिक्त सावधानी जरूरी है।
# केवल किसी फंड के प्रदर्शन का पीछा न करें, बल्कि अन्य बातों पर भी गौर करें
अगर एक फंड लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो यह इस बात की गारंटी देता है कि जब आप इकाइयों को भुनाना चाहेंगे तो उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा होगा, क्योंकि बाजार अस्थिरता के अधीन हैं। लेकिन किसी भी निवेशक के लिए बेहतर यह होगा कि वह केवल किसी फंड के प्रदर्शन का पीछा न करे, बल्कि अन्य बातों पर भी गौर करे।
# म्यूचुअल फंड प्रबंधन के खर्चों पर ध्यान न दें
म्यूचुअल फंड प्रबंधन के खर्चों, लेन-देन शुल्क आदि को कवर करने के लिए प्रोफेशनल लोग निवेशकों से शुल्क लेते हैं। वहीं, फंड के एक निर्दिष्ट समय अवधि से पहले निकासी पर एक्जिट लोड भी लेते हैं। हालाँकि अकेले शुल्क ज्यादा मायने नहीं रखते, यदि आपको समान रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंडों में से किसी एक को चुनना है तो, इसलिए कम व्यय अनुपात वाले फंड को चुनें।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार