By नीरज कुमार दुबे | Sep 11, 2024
अमेरिकी दौरे पर गये कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हर कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करने के साथ ही भारत के लोकतंत्र, भारत के संवैधानिक संस्थान और भारतीयों की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही अब उन्होंने खुल कर उन लोगों से मुलाकात करना भी शुरू कर दिया है जोकि अपने भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं। हम आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से मुलाकात की है जिसको लेकर भारतीय राजनीति में नया उबाल आ गया है। भाजपा ने राहुल गांधी और इल्हान उमर की मुलाकात पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर इस मुलाकात का उद्देश्य क्या था?
हम आपको बता दें कि इल्हान उमर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में मिनेसोटा का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस क्षेत्र में मिनियापोलिस और आसपास के उपनगर आते हैं। भारत विरोधी मानसिकता रखने वालीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर अक्सर अपने भारत विरोधी तेवर जारी रखते हुए अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पेश करती रहती हैं। गत वर्ष उन्होंने एक प्रस्ताव पेश कर धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत को विशेष रूप से चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की थी। यही नहीं, जब-जब भारत की बात आती है तो इल्हान उमर खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में खड़ी होती हैं। साथ ही भारत से जुड़ी अमेरिकी कांग्रेस की कई सुनवाइयों में भी इल्हान उमर लगातार भारत विरोधी रुख अपनाती हैं। हम आपको याद दिला दें कि इल्हान उमर ने अपनी पाकिस्तान की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान सहित देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) भी गई थीं। भारत ने उस समय इल्हान उमर की पीओके यात्रा की निंदा करते हुए कहा था कि इस क्षेत्र की उनकी यात्रा ने देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और यह उनकी ‘‘संकीर्ण मानसिकता’’ वाली राजनीति को दर्शाता है।
जहां तक इल्हान उमर के इतिहास की बात है तो आपको बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की सदस्य इल्हान उमर पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो अमेरिकी संसद के लिए निर्वाचित हुई हैं। इल्हान उमर ने साल 2019 में मिनिसोटा से चुनाव जीतकर इतिहास रचा था क्योंकि इस सीट से निर्वाचित होने वाली वह पहली अश्वेत महिला थीं। इल्हान उमर के बारे में बताया जाता है कि उनका जन्म सोमालिया में हुआ था लेकिन जब वह 8 साल की थीं तब गृहयुद्ध के कारण उन्होंने अपना देश छोड़ दिया था और अपने परिवार के साथ केन्या के शरणार्थी शिविर में चार साल रहीं। 1990 के दशक में जब उनका परिवार अमेरिका आ गया तबसे उनके मन में राजनीतिक क्षेत्र में जगह बनाने की ललक थी। इसी के चलते वह साल 2016 में पहले मिनिसोटा की प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचित हुईं और तीन साल बाद अमेरिकी संसद के लिए चुन ली गयीं।
इल्हान उमर का ट्विटर प्रोफाइल देखें या अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल पेज को देखें तो पता चलता है कि वह स्वतंत्रता और समानता की प्रबल पक्षधर हैं लेकिन असल में वह कट्टर इस्लामिक विचारधारा रखती हैं। बुरका और हिजाब की वह पक्षधर हैं और इस्लामोफोबिया के बारे में दलीलें पेश करती हैं। इल्हान उमर की अपने देश के नेताओं से भले नहीं बनती हो लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन से उनकी खूब बनती है। दोनों के दोस्ताना संबंध जगजाहिर हैं। यही नहीं इल्हान उमर हर वो प्रयास करती हैं ताकि बाइडन प्रशासन के साथ भारत के संबंध खराब हो जाएं। कश्मीर का मामला हो या फिर भारतीय मुसलमानों से जुड़ा मामला हो, इल्हान उमर भारत पर निशाना साधने से गुरेज नहीं करतीं। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने में तो वह हमेशा आगे रहती हैं। इल्हान उमर को इस बात का बड़ा शौक है कि पहले एजेंडा तैयार करो फिर माहौल बनाकर उसे आगे बढ़ाओ। इल्हान उमर के बारे में बहुत से मुस्लिम लेखकों ने ही लिखा है कि वह बेहद कट्टर विचारों की हैं और गैर मुस्लिमों से इसलिए सख्त नफरत करती हैं क्योंकि बचपन में ही उनके मन में जहर भर दिया गया था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इल्हान उमर के खिलाफ काफी आक्रामक रहते थे। उन्होंने 2019 में कहा था कि इल्हान उमर और उनके जैसे लोगों को वापस वहीं चले जाना चाहिए जहां से वह आये थे। ट्रंप ने कहा था कि इन लोगों का वापस जाकर पूरी तरह से टूटे और अपराध से बुरी तरह प्रभावित अपने देशों को ठीक करना चाहिए। ट्रंप इल्हान उमर की इजराइल के प्रति सोच की भी आलोचना करते रहते थे।
यहां सवाल उठता है कि लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत की कट्टर विरोधी से मुलाकात कर अपनी कौन-सी देशभक्ति का परिचय दिया है? यही नहीं, राहुल गांधी को जिस लोकतंत्र ने 99 सीटें देकर लोकसभा में विपक्ष के नेता पद तक पहुँचाया उसी को कोसने से वह अमेरिका में नहीं चूक रहे हैं। हम आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कहा है कि पिछले 10 वर्षों में भारत में लोकतंत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन अब लोकतंत्र फिर से पटरी पर लौट रहा है। राहुल गांधी ने ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।