Prabhasakshi Exclusive: Indian Ocean Region Forum के आयोजन के जरिये भारत को क्या संदेश देना चाह रहा है China?

By नीरज कुमार दुबे | Dec 08, 2023

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि चीन इस सप्ताह हिंद महासागर क्षेत्र फोरम का दूसरा सम्मेलन आयोजित करेगा, इसे कैसे देखते हैं आप? उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में चीन की हरकतों पर भारत की नजर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर पूरी दुनिया के लिए व्यापार का एक बड़ा मार्ग है इसलिए चीन इस पर अपना आधिपत्य जमाना चाहता है लेकिन भारत, अमेरिका तथा दुनिया की अन्य शक्तियां चीन के मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि चीन खासतौर पर भारत के पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका और मालदीव पर प्रभाव बढ़ा रहा है उसको देखते हुए भारत सरकार को काफी सतर्क रहना होगा और जो देश चीन के इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं उनकी किसी ना किसी प्रकार से मदद करनी होगी ताकि वह चीन के प्रभाव से बाहर निकल सकें।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक इस सम्मेलन की बात है तो चीन इस सप्ताह हिंद महासागर क्षेत्र फोरम का दूसरा सम्मेलन आयोजित कर रहा है जो भारत के करीब रणनीतिक जल क्षेत्र में अपने प्रभाव को मजबूत करने के प्रयास में क्षेत्र के कई देशों को एक साथ लाने की पहल है। उन्होंने कहा कि पिछले साल चीन की सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व समूह का एक संगठन, चीन अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (सीआईडीसीए) ने दक्षिण-पश्चिम चीन में युन्नान प्रांत की राजधानी कुनमिंग में विकास सहयोग पर चीन-हिंद महासागर क्षेत्र फोरम (सीआईओआरएफडीसी) की एक बैठक आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि सीआईडीसीए का नेतृत्व पूर्व उप विदेश मंत्री और भारत में राजदूत रहे लुओ झाओहुई कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: US में बैठे-बैठे भारत को धमका रहे Gurpatwant Singh Pannun का आखिर इलाज क्या है?

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि सीआईडीसीए ने दावा किया कि इस सम्मेलन में इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमा, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती, ऑस्ट्रेलिया सहित 19 देश हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और मालदीव ने बाद में अपनी भागीदारी से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि चीनी मंच का उद्देश्य स्पष्ट रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के मजबूत प्रभाव का मुकाबला करना है, जहां हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) जैसे भारत समर्थित संगठन ने मजबूत जड़ें जमा ली हैं।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आईओआरए में 23 देश शामिल हैं। 1997 में गठित आईओआरए में चीन एक संवाद भागीदार है। उन्होंने कहा कि आईओआरए के अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय देशों के बीच सक्रिय सहयोग के लिए 2015 में ‘‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’’ (सागर) का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना समर्थित ‘हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी’ (आईओएनएस) क्षेत्र की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाना चाहता है।

प्रमुख खबरें

Google Chrome में रीडिंग मोड को करें आसानी से इस्तेमाल, आसानी से सेटिंग्स बदलकर उठा सकते हैं फायदा, जानें कैसे?

Maharashtra के गोंदिया में 7 लाख के इनामी नक्सली देवा ने किया सरेंडर, कई मामलों था वांछित

क्रिस्टियानो रोनाल्डो -20 डिग्री सेल्सियस में शर्टलेस होकर पूल में उतरे, ये काम नहीं कर सकते स्टार फुटबॉलर- video

निगम बोध घाट पर होगा मनमोहन सिंह अंतिम संस्कार, कांग्रेस ने दिल्ली में स्मारक स्थल की मांग की