Bangladesh में हिंदुओं पर हुए वीभत्स हमलों ने दुनियाभर के हिंदू समाज को क्या संदेश और संकेत दिया है?

By नीरज कुमार दुबे | Aug 10, 2024

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार की खबरें सुन कर और बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे वीभत्स हमलों के वीडियो देखकर हर हिंदू के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि जब 2024 में यह हाल है तो 2047 में क्या होगा? सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर बांग्लादेश का आम मुसलमान अपने पड़ोसी हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख की मदद करने की बजाय जमातियों का मूक समर्थन क्यों कर रहा है? सवाल यह भी उठ रहा है कि हिंदुओं के साथ अमानवीय व्यवहार के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर बाकी हिंदुओं को क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है? सवाल यह भी उठ रहा है कि शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग सरकार के गिरते ही मौका मिलने पर हिंदुओं को ही मारने पर क्यों उतारू हो गये? सवाल यह भी उठता है कि कन्वर्टेड हिंदू आखिर हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख से इतनी ज्यादा नफरत क्यों करते हैं?


सवाल यह भी उठ रहा है कि भारत में कांग्रेस के कुछ नेता यहां भी बांग्लादेश जैसा हाल होने की जो भविष्यवाणी कर रहे हैं उसका आधार क्या है? सवाल यह भी उठ रहा है कि कांग्रेस नेताओं की इस भविष्यवाणी के बावजूद देश का हिंदू बंटा हुआ क्यों नजर आ रहा है? सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों है कि एक हिंदू दूसरे हिंदू पर हो रहे अत्याचार को देख कर भी अनदेखा कर देता है? देखा जाये तो अगर हिंदू बंटा रहा तो कांग्रेस नेताओं की भविष्यवाणी को सच होने से नहीं रोका जा सकेगा।

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प्रधानमंत्री, गृह मंत्री ने क्या किया


वैसे जहां तक बांग्लादेशी हिंदुओं को हिंसा से बचाने की बात है तो इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के समक्ष हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के शीर्ष पदाधिकारियों ने भी शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए ‘तत्काल अपरिहार्य कार्रवाई’ करने का आग्रह किया। विहिप की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले और उत्पीड़न की घटनाओं से चिंतित, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार और महासचिव बजरंग बागड़ा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे पड़ोसी देश में संकटग्रस्त समुदायों की सुरक्षा के लिए तत्काल अपरिहार्य कार्रवाई का अनुरोध किया।


मुलाकात के बाद बागड़ा ने कहा कि विहिप अध्यक्ष और उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की हत्याओं, आगजनी और अन्य रूपों में अमानवीय उत्पीड़न को लेकर भारत में हिंदू समाज की ‘पीड़ा और परेशानी’ से शाह को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई। विहिप महासचिव ने बताया, ‘‘गृह मंत्री ने इस दिशा में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी और कहा कि सरकार इस मामले में पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ आवश्यक कार्रवाई कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने उम्मीद जताई कि अंतरिम सरकार के मुखिया ने हिंदू अल्पसंख्यकों (बांग्लादेश में) के उत्पीड़न की घटनाओं से इनकार नहीं किया है, इसलिए वह स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उचित कदम उठाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और ईसाई अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए वहां के अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर हर संभव कार्रवाई की गई है।’’ बागड़ा ने कहा कि विहिप ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित करने का फैसला किया है और इस सिलसिले में नंबर जल्द ही जारी किया जाएगा।


अश्विनी उपाध्याय के सुझाव


बहरहाल, आज यह चर्चा हर जगह है कि भारत में बांग्लादेश जैसे हालात कभी नहीं बन पायें इसके लिए क्या किया जा सकता है। इस बारे में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि यदि मदरसा और मजहब के आधार पर विशेष दर्जा तत्काल खत्म नहीं किया तथा सबके लिए समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, समान जनसंख्या संहिता और समान धर्मस्थल संहिता तत्काल लागू नहीं किया गया तो आने वाले समय में मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि यदि घुसपैठ, घूसखोरी, कालाधान, हवाला, धर्मांतरण और विदेशी चंदा नियंत्रण के लिए तत्काल चीन जैसा कठोर कानून नहीं बनाया तो आने वाले समय में मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि यदि घटिया अंग्रेजी कानूनों को तत्काल खत्म नहीं किया तथा पुलिस रिफार्म, ज्यूडिशियल रिफार्म, इलेक्शन रिफॉर्म और एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म तत्काल नहीं किया तो आने वाले समय में मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि यदि हम नहीं संभले तो हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख के साथ जो आज बांग्लादेश में हो रहा है वही 2047 में पूरे भारत में होगा। उन्होंने कहा कि याद रखिए, ये बुलेट ट्रेन, एअरपोर्ट, हाइवे, एक्सप्रेस वे, राफेल, अग्नि, ब्रहमोस, मंगलयान, चंद्रयान, आदित्ययान और 5 ट्रिलियन इकोनॉमी 2047 में काम नहीं आएगा।

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