वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल से पहले ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया में सबकुछ ठीक है। पूरी टीम एक यूनिट की तरह खेल रही है। हर खिलाड़ी एक दूसरे से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहा है। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली हार के बाद हर तरह की खबरें सामने आई। हार के बाद ये भी कहा गया कि कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच मनमुटाव था। कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री के कुछ फैसले से टीम के उप कप्तान रोहित शर्मा खुश नहीं थे। टीम विराट और रोहित के खेमें में बंट गई है। सवाल उठने लगे ते कि क्या रोहित और विराट के बीच सबकुछ ठीक है। क्या हिटमैन कप्तान कोहली के खिलाफ है। क्या विराट के खिलाफ रोहित इस टीम में बागी बनेंगे। लेकिन इस तरह की खबरें सच नहीं है।
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गल्फ न्यूज एक रिपोर्ट में ये छापा गया है कि सेमीफाइनल में मोहम्मद शमी को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखने से रोहित शर्मा विराट से खफा थे। विराट के फैसले का रोहित ने विरोध किया साथ ही रवींद्र जडेजा को ज्यादा मौका नहीं दिये जाने से भी रोहित विराट से नाखुश थे। सेमीफाइनल में रवींद्र जडेजा ने बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन किया। जडेजा जब बल्लेबाजी कर रहे थे उस दौरान रोहित ड्रेसिंग रुम से लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे थे।
रिपोर्ट में इस बात का भी हवाला दिया गया है कि रोहित वनडे और टी 20 में विराट से बेहतर कप्तान साबित हो सकते हैं। अगर देखें तो रोहित ने अभी तक 15 इंटरनेशनल टी 20 मैचों में कप्तानी की है और इनमें टीम इंडिया ने 12 जीते और 3 हारे हैं। श्रीलंका में खेली गई निदाहास ट्रॉफी भी टीम इंडिया ने रोहित की कप्तानी में ही जीत हासिल की थी।
वहीं बात अगर वनडे की करें तो रोहित ने 9 मैच में टीम की कमान संभाली है और 8 मैच जीते हैं। इससे एक बात तो साफ़ नज़र आती है कि रोहित का जीत प्रतिशत 80 प्रतिशत के करीब रहा है। एशिया कप का खिताब भी टीम इंडिया ने रोहित की कप्तानी में हासिल की थी। अब अगर कोहली की कप्तानी देखें तो 77 मैचों में टीम इंडिया की अगुवाई की है और इनमें से 56 जीते और 19 हारे हैं। वनडे में विराट की जीत का प्रतिशत 74.34 का है। वहीं टी20 मैचों में विराट की कप्तानी में भारत ने 22 में से 12 मैच जीते और 9 हारे हैं। विराट की जीत का प्रतिशत 57.14 का है।
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जाहिर है रोहित भी टीम के लिए कामयाब कप्तान साबित हो रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि विराट से फिलहाल कप्तानी लेने पर कोई चर्चा हो रही है। कहा ये भी जा रहा है कि विराट वेस्टइंडीज दौरे पर इसलिए जाने के लिए राजी हुए है क्योंकि विराट को रोहित से कप्तानी का डर था। जबकि विराट का कहना है कि “सेमीफाइनल में मिली हार के बाद खिलाड़ियों का मनोबल काफी गिर गया था। वेस्टइंडीज दौरे पर मैंने इसलिए जाने का फैसला किया क्योंकि ऐसे मौके पर मैं अपने साथी खिलाड़ियों को अकेले नहीं छोड़ना चाहता था और टीम के साथ रहकर मनोबल बढ़ाने के लिए मैंने वेस्टइंडीज दौरे पर जाने का फैसला किया है”।
उम्मीद है कि विराट के इस बयान के बाद हर अटकलों पर विराम लग जाएगा और टीम इंडिया फिर से विराट की अगुवाई में एक नई शुरुआत करेगी। अब टीम इंडिया को वेस्टइंडीज 3 टी-20, 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच की सीरीज खेलने जाना है। सभी प्रारूपों में टीम की कप्तानी का जिम्मा विराट कोहली के कंधों पर है। रोहित शर्मा को किसी तरह की कप्तानी नहीं मिली है। और इस वजह से टीम के बीच कुछ मनमुटाव भी नहीं है। रोहित इस समय वनडे के सबसे बेस्ट बल्लेबाजों में से एक है। वह अभी भारतीय क्रिकेट में लंबे समय तक खेलते हुए दिखाई देंगे। वहीं अगर विराट कोहली के बारे में बात की जाएं तो उनकी बल्लेबाजी तो वर्ल्ड क्लास की है। लेकिन उन्होंने कप्तानी में भी टीम ने कोई खराब खेल नहीं दिखाया। विराट की कप्तानी में टीम ने वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल का सफर तय किया। इसके अलावा टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर 71 साल बाद टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया। उसके अलावा विराट की कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 टीम के रूप में अपने आपको स्थापित किया। उम्मीद है रोहित और विराट के बीच किसी भी तरह की अफवाहें ज्यादा बड़ा रूप नहीं लेगी और दोनों खिलाड़ी अपना शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया को सफलता दिलाएंगे।
- दीपक मिश्रा