क्या है 1034 करोड़ का पात्रा चॉल घोटाला, जिसमें लटक रही है संजय राउत पर गिरफ्तारी की तलवार

By अभिनय आकाश | Jun 27, 2022

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुन:विकास से जुड़े, धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के सदस्य राउत से कहा गया है कि वह 28 जून को दक्षिण मुंबई में स्थित संघीय जांच एजेंसी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश हों और धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराएं। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त पर हुआ है जब शिवसेना के विधायकों की बगावत की वजह से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के भविष्य पर सवालिया निशान लगा हुआ है। ऐसे में जानते हैं कि यह प्रोजेक्ट क्या है और इसमें संजय राउत का नाम क्यों आया है?

पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना क्या है?

सिद्धार्थ नगर, जिसे पात्रा चॉल के नाम से जाना जाता है, गोरेगांव के उत्तरी मुंबई उपनगर में स्थित है। इसमें कुल 672 घर थे, जो 47 एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए थे। 2008 में, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने पुनर्विकास परियोजना शुरू की और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को 672 किरायेदारों के पुनर्वास और इलाके के पुनर्विकास के लिए अनुबंध दिया। पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए जीएसीपीएल, किरायेदारों के समाज और म्हाडा के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। तब से 14 साल हो गए हैं और इलाके के लोग अपने घर पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

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ईडी का मामला क्या है?

त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार जीएसीपीएल को पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों को फ्लैट प्रदान करना था, म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था और शेष क्षेत्र को निजी डेवलपर्स को बेचना था। हालांकि, ईडी का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) को नौ निजी डेवलपर्स को बेचकर 901.79 करोड़ रुपये एकत्र किए। इसके बाद, जीएसीपीएल ने मीडोज नामक एक परियोजना शुरू की, और फ्लैट खरीदारों से लगभग 138 करोड़ रुपये की बुकिंग राशि ली। ईडी ने आरोप लगाया है कि इन "अवैध गतिविधियों" के माध्यम से गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन द्वारा उत्पन्न अपराध की कुल आय 1,039.79 करोड़ रुपये है।

परियोजना में क्या गलत हुआ?

समझौते के अनुसार, डेवलपर को परियोजना के पूरा होने तक सभी 672 किरायेदारों को हर महीने किराए का भुगतान करना था। हालांकि, किराए का भुगतान केवल 2014-15 तक ही किया गया था। इसके बाद किराएदारों ने किराए का भुगतान न होने और परियोजना के पूरा होने में देरी के बारे में शिकायत करना शुरू कर दिया। मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में फरवरी 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया। प्रवीण राउत एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ-साथ डायरेक्टर था। वधावन बंधु पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर छोड़ दिया गया, लेकिन हाल ही में उसे ईडी ने फिर गिरफ्तार कर लिया। डेवलपर द्वारा किराए का भुगतान न करने, देरी और अनियमितताओं के कारण, म्हाडा ने 12 जनवरी, 2018 को डेवलपर को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया। इस नोटिस के खिलाफ जीएसीएल से एफएसआई खरीदने वाले नौ डेवलपर्स ने बंबई उच्च न्यायालय में एक मुकदमा दायर कर दिया।

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इसमें संजय राउत का नाम कहां से आया?

मामले में 1 फरवरी को ईडी की तरफ से केस दर्ज किया गया।  ईडी ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था। 2 फरवरी को प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि पाटकर का बयान दर्ज किया गया था। प्रवीण राउत और शिवसेना सांसद संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं। उसका नाम पीएमसी बैंक घोटाले की जांच में भी सामने आया था। जांच में सामने आया था कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का लोन बिना ब्याज के दिया था। इस लोन से संजय राउत के परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदा था। इस मामले में माधुरी और वर्षा का बयान भी दर्ज किया गया था।

पूरे मामले पर संजय राउत का क्या कहना है? 

शिवसेना नेता संजय राउत नो पूरे मामले पर कहा कि अगर घर में नोटिस आई होगी तो मैं देख लूंगा। जिस तरह की राजनीतिक हलचल महाराष्ट्र और देश में चल रही है, मुझे अंदेशा था कि मुझे और शिवसेना को रोकने के लिए महाराष्ट्र के खिलाफ कुछ लोग एक साथ आएंगे और मुझे और मेरे साथी को तकलीफ देंगे। लेकिन आप चाहे मुझे कितनी भी तकलीफ दीजिए, मैं गुवाहाटी नहीं जाऊंगा। मैं बालासाहेब की शिवसेना के साथ खड़ा रहूंगा और उनकी साख बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा। कल मेरी कई सभाएं हैं तो मैं उसके बाद ईडी से समय ले लूंगा लेकिन मैं ईडी के कार्यालय जरूर जाऊंगा। राउत ने कहा कि मैंने कल कहा था कि जितने भी लोग गुवाहाटी में हैं उनकी आत्मा मर गई है और जिनकी आत्मा मर जाती है उनका सिर्फ शरीर रह जाता है, उसका कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे शरीर का यहां आने से क्या होगा, उनका तो सिर्फ पोस्टमार्टम होता है। लोग उनके विचारों का पोस्टमार्टम करते हैं। 

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