वर्ल्ड कप 2019 के बाद विश्व क्रिकेट में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का आगाज हुआ। टेस्ट क्रिकेट खेलने का रंगरूप बदला गया। खिलाड़ियों के जर्सी के पीछे नाम और नंबर का सिलसिला आया। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में खेलने वाली हर टीम को जीत के अंक मिलने लगे। उसके बाद एक सिलसिला शुरू हुआ टीम इंडिया की बादशाहत का। भारतीय टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के आगाज के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ 2-0 से सीरीज जीतकर लक्ष्य पूरा किया। उसके बाद टीम इंडिया ने अपने घर पर दक्षिण अफ्रीका को मात दी। भारतीय टीम ने इसके बाद बांग्लादेश को घरेलू सीरीज में 2-0 से हराया। विराट सेना के इस विजयरथ को देखकर लग रहा है कि अब इस टीम को रोकना मुश्किल है। इस टीम को हराने की क्षमता अब किसी भी विरोधी में दिखाई नहीं दे रही है। लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर वह कौन सी टीम है जो भारत के इस अजेय किले को भेद सकती है। या फिर टीम इंडिया ने अपने जीत के विजयरथ को आगे बढ़ाने का नया लक्ष्य सेट कर लिया है।
टीम इंडिया ने अभी से अपना अगला लक्ष्य तय कर लिया है। दरअसल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की दौड़ में सबसे आगे विराट की टीम नजर आ रही है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में 7 मैच 7 जीत भारत के 360 अंक है। बाकी टीमें टीम इंडिया की आधी भी नजर नहीं आ रही है। आपको बता दें कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टॉप पर रहने वाली दो टीमें जून 2021 में फाइनल मुकाबला खेलने उतरेगी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल का मुकाबला 2021 में 10 जून से लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जाएगा।
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अगर देखे तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टीम इंडिया को कुल 18 मुकाबले खेलने हैं। यानि कि टीम इंडिया के पास अब कुल 11 मैच बचे हुए हैं। 11 में से टीम इंडिया 5 टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ घर में खेलेगी। जबकि घर के बाहर टीम इंडिया को अब कुल 6 मुकाबले खेलने हैं और टीम इंडिया का अगला टारगेट न्यूजीलैंड है।
गौरतलब है कि विराट की कप्तानी में टीम इंडिया हर दिन नए आयाम लिख रही है। लेकिन अगर अभी विदेश में किसी बड़ी सीरीज जीत के बारे में बात की जाएं तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 71 सालों में पहली बार किसी टेस्ट सीरीज में हराया है। लेकिन इससे पहले विराट की कप्तानी में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में सीरीज हार चुकी है। ऐसे में विराट कोहली के पास अपने विदेश में सीरीज जीत के रिकार्ड को अच्छा बनाने का मौका है। वहीं विराट कोहली भी मानते कि एक महान कप्तान तभी होता है जब उसकी टीम विदेश में जीत हासिल करें। इसके लिए उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत के बाद पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष का उदाहरण दिया था। विराट ने कहा था कि 'अब हमने खड़ा होना सीख लिया है और पलटवार भी करते हैं। यह सब कुछ दादा की टीम से शुरू हुआ था, जिसे हम अब आगे बढ़ा रहे हैं। अब हमारे गेंदबाज बेखौफ हैं और उन्हें अपने ऊपर पूरा यकीन है। वह किसी भी बल्लेबाज के सामने खेलने को तैयार हैं। हमने बीते 3 से 4 साल में जो भी मेहनत की है हमें उसका फल मिल रहा है। जब एक टीम तैयार हो रही होती है, तब बहुत कुछ कहने की जरूरत होती है। अब हमारे खिलाड़ी जानते हैं कि उन्हें क्या कुछ करने की जरूरत है।'
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जाहिर है टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की टेबल में टॉप पर है। लेकिन अगले साल फरवरी में टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे पर जाएगी जहां टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दो मुकाबले खेलेगी। यहां भारतीय टीम के लिए मुकाबला कड़ा होने की संभावना है। अगर देखे तो न्यूजीलैंड में टीम इंडिया अब तक दो टेस्ट सीरीज जीत चुकी है। आखिरी बार धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को साल 2009 में मात दी थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ अभी से टीम इंडिया फेवरेट मानी जा रही है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी है। न्यूजीलैंड में हमेशा से ही तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा है और फिलहाल टीम इंडिया का पेस अटैक दुनिया में सबसे खतरनाक मानी जाती है। ऐसे में भारत के पास मौका है कि वो कीवी सरजमीं पर तीसरी टेस्ट सीरीज जीते। अगर ऐसा होता है कि विराट का टेस्ट कप्तान के तौर पर रूतबा और ज्यादा बेहतरीन हो जाएगा।
उम्मीद है कि जिस अंदाज में टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तीन सीरीज पर क्लीन स्वीप से कब्जा किया है उसी अंदाज में विराट की टीम कीवियों के खिलाफ भी मैदान मारने में कामयाब होगी।
- दीपक कुमार मिश्रा