आखिर क्या है Modi Ki Gurrantee ? क्यों सब कहते हैं Modi Hai To Mumkin Hai ?

By नीरज कुमार दुबे | Jan 06, 2024

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने हर कदम से बहुत-से संदेश देते हैं तभी तो भारत में सिर्फ 'मोदी की गारंटी' ही चलती है। समस्या भले विकराल से विकराल हो लेकिन आम से लेकर खास आदमी को उसके सुलझने का पूरा भरोसा रहता है क्योंकि सभी को पता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है' कोई चुनावी नारा नहीं बल्कि आज की सबसे बड़ी हकीकत है। आकाश की ऊँचाई और धरती की गहराई से पूरी तरह परिचित मोदी जमीन पर अपने पाँव सदा टिकाए रखते हैं तभी तो चुनावी राजनीति में उनका विजय रथ सदा सफलता के साथ दौड़ता रहता है।


मोदी तेजस लड़ाकू विमान से उड़ान भरते हैं तो दुश्मन का दिल तो कांपता ही है साथ ही भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिंग भी हो जाती है। मोदी लक्षद्वीप में ‘स्नॉर्कलिंग’ करते हैं तो विपक्ष के मन में प्रश्न उठता है कि वह समुद्र की गहराइयों में क्या खोजने निकले हैं साथ ही प्रधानमंत्री की तस्वीरों से भारत के इस खूबसूरत द्वीप का ग्लोबल विज्ञापन भी हो जाता है। इसी प्रकार कोरोना काल में जब मोदी अल सुबह ऑटो रिक्शा में बैठकर कोरोना वैक्सीन लगवाने गये थे तब भी यही संदेश गया था कि प्रधानमंत्री पद पर होने के बावजूद अपनी बारी आने पर ही मोदी ने साधारण तरीके से अस्पताल जाकर टीके की खुराक ली थी। ऑटो रिक्शा की सवारी कर मोदी ने अपने पैर धरती पर जमे होने और भारत में आम और खास के समान होने का संदेश भी दिया था।

इसे भी पढ़ें: हर घर तक ‘डबल इंजन’ सरकार का लाभ पहुंचाने के लिए काम करें : प्रधानमंत्री मोदी

मोदी के दिल में गरीब और पीड़ित के लिए कितना दर्द है यह समय-समय पर उनकी सरकार के फैसलों से सामने आता ही रहता है। मोदी गरीबों के लिए सिर्फ योजनाएं बनाते ही नहीं हैं बल्कि लाभार्थियों के घर जाकर यह भी जानते हैं कि योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के उन तक पहुँच रहा है या नहीं? मोदी ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का और नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित करा कर उन्हें उनका लंबित और वाजिब हक दिलाकर स्त्री शक्ति का ऐसा आशीर्वाद हासिल किया है कि विभिन्न चुनावों से पहले भले तमाम एग्जिट पोल भाजपा की हार की भविष्यवाणी करती रहें लेकिन महिलाएं मोदी का रक्षा कवच बन कर खड़ी हो जाती हैं। इसके अलावा मोदी छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ परीक्षा पर चर्चा करते हैं और चुनौतियों से निबटने का मंत्र देते हैं। मोदी युवाओं को अपना उद्योग-धंधा स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। किसानों, युवाओं, कलाकारों, खिलाड़ियों, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों समेत समाज के तमाम वर्गों के साथ प्रधानमंत्री का नियमित संवाद उन्हें हर दिल अजीज बनाये हुए है। मोदी सैन्य वेशभूषा में आयें तो जवानों का जोश हाई हो जाता है। मोदी मेट्रो में चले जाएं तो सेल्फी लेने की होड़ मच जाती है। मोदी वैश्विक मंच पर हों तो बड़े से बड़ा नेता उनसे हाथ मिलाने या गले लगाने को आतुर दिखता है। अमेरिका के राष्ट्रपति मोदी को अपने से ज्यादा लोकप्रिय बताते हैं तो आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री उन्हें बॉस कह देते हैं। किसी देश का प्रधानमंत्री मोदी के पैर छू लेता है तो तमाम राष्ट्राध्यक्ष उन्हें अपने देश का सर्वोच्च सम्मान देने को आतुर दिखते हैं। भारत के मित्र देश तो मोदी की तारीफ करते ही हैं लेकिन दुश्मनी रखने वाले पाकिस्तान और चीन भी यह स्वीकारते हैं कि मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में तेजी से मजबूत हुआ है।


प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए मोदी ऐसी तैयारी करते हैं कि तूफान और चक्रवात बस अब हमारे तटों को छूकर जाने लगे हैं। जानमाल का नुकसान रोकने में मोदी सरकार बेहद सफल रही है। इसके अलावा, मोदी अगर भारतीयों को अन्न, जल, शिक्षा, विकास, रोजगार, महंगाई से राहत, चिकित्सा सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की गारंटी देते हैं तो दुनिया को भी जरूरत पड़ने पर मदद की गारंटी देते हैं। महामारी के समय दुनिया ने देखा कि वैक्सीन मैत्री अभियान चला कर पूरी दुनिया खासकर गरीब देशों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन दी गयी। इसके अलावा आज स्थिति यह है कि दुनिया में कहीं भूकंप आये, कोई अन्य प्राकृतिक आपदा आये तुरंत मोदी के निर्देश पर भारत के राहत कर्मी मदद के लिए निकल पड़ते हैं। मोदी का वैश्विक प्रभाव कितना है इसे इसी बात से समझ सकते हैं कि कहीं युद्ध छिड़ जाये तो वहां युद्ध लड़ रहे देश मोदी के निर्देश पर भारतीयों को सकुशल निकल जाने का सुरक्षित रास्ता दे देते हैं। मोदी ने ग्लोबल साउथ के मुद्दों को जिस प्रकार से उठा कर इन देशों की जरूरतों से दुनिया को अवगत कराया उसके लिए इस क्षेत्र के देश मोदी का आभार व्यक्त करते नहीं थकते। मोदी राज में भारत जिस तरह हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, भारत की कामयाबी का डंका जमीन से लेकर चंद्रमा तक बज रहा है, भारत जिस तरह एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में खड़ा हुआ है और जी20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया के समक्ष साबित किया है कि वह विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है उसके चलते दुनिया के देश भारत के बारे में अपनी पुरानी राय बदलने को मजबूर हुए हैं। दुनिया यदि नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर विश्वास कर रही है तो उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पूरा विश्व इस बात को मानता है कि वह ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो किसी भी कीमत पर अपने देश के हितों पर आंच नहीं आने देंगे।


साथ ही दुनियाभर में मोदी की अप्रूवल रेटिंग 76 प्रतिशत होना दर्शाता है कि 'मोदी की गारंटी' भारत में हिट है और 'मोदी का जादू' दुनिया में सुपरहिट है। वैसे दुनिया में लोकप्रियता के आकाश पर लगातार बरकरार रहने वाले मोदी जमीन से भी उतने ही जुड़े हुए हैं। मोदी विभिन्न माध्यमों के जरिये जनता के साथ सीधा संवाद बनाये रखते हैं। अक्सर देखने में आता है कि लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचने वाली हस्तियां अपने आप को भगवान समझने लगती हैं और लोगों से अपनी तारीफों के पुल बंधवाना उन्हें अच्छा लगता है लेकिन मोदी अपने पार्टीजनों और आम लोगों से कहते हैं कि उनके नाम के आगे जी नहीं लगाते हुए उन्हें सिर्फ मोदी कह कर ही पुकारा जाये। मोदी जनता से और अपने नेताओं से किसी प्रकार की दूरी नहीं चाहते इसलिए हर प्रकार की औपचारिकता से भी दूर रहते हैं। 


बहरहाल, जो लोग अब भी मोदी की गारंटी का अर्थ नहीं समझे हैं वह सबसे ताजा उदाहरण उत्तरी अरब सागर में अपहृत वाणिज्यिक जहाज में सवार लोगों से ले सकते हैं। उन सभी को जब भारतीय नौसेना ने बचाया तो उनकी पहली प्रतिक्रिया यही थी कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि भारत सरकार उनकी मदद के लिए जरूर आयेगी। ऐसा ही भरोसा उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे श्रमिकों को भी था कि मोदी सरकार उन्हें बचा लेगी। देखा जाये तो आज दुनिया में कहीं भी हालात खराब हों तो वहां रह रहे भारतीयों को पूरा भरोसा रहता है कि भारत सरकार किसी भी कीमत पर उन्हें बचाने के लिए जरूर आयेगी। यही है मोदी की गारंटी।


-नीरज कुमार दुबे

प्रमुख खबरें

क्रिसमस कार्यक्रम में पीएम मोदी हुए शामिल, कहा- राष्ट्रहित के साथ-साथ मानव हित को प्राथमिकता देता है भारत

1 जनवरी से इन स्मार्टफोन्स पर नहीं चलेगा WhatsApp, जानें पूरी जानकारी

मोहम्मद शमी की फिटनेस पर BCCI ने दिया अपडेट, अभी नहीं जाएंगे ऑस्ट्रेलिया

अन्नदाताओं की खुशहाली से ही विकसित भारत #2047 का संकल्प होगा पूरा