By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 01, 2022
सेलोटेप के साथ मोटे कागज में लिपटे हजारों पैकेट। इसमें 500 और 2,000 रुपये के बंडलों की व्यवस्था की गई। ईडी के मुताबिक राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 'करीबी' अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से कुल करीब 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद किए गए। इसके अलावा इसमें बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा और सोना भी है। कहाँ से आया पैसों का यह पहाड़? इस सवाल का जवाब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ढूंढ रही है। ईडी के अधिकारी इसके पीछे हवाला का काला साया देख सकते हैं। खास तरीके से रखी इतनी बड़ी रकम का सोर्स क्या है? क्या हवाला के जरिए विदेशों में उस पैसे की तस्करी हो रही थी? शिक्षकों की भर्ती में 'भ्रष्टाचार' के आरोपों की जांच के लिए जांच के दौरान पार्थ और अर्पिता को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद ऐसे कई सवाल सामने आ रहे हैं।
पार्थ और अर्पिता की गिरफ्तारी से पहले भी हवाला का मुद्दा इस देश में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में बार-बार सामने आया है। कभी जैन डायरी का मामला, कभी लालू प्रसाद यादव का चारा घोटाला या सूरत में 10,000 करोड़ का हवाला घोटाला - एक के बाद एक, लगभग समझ से बाहर होने वाला शब्द 'हवाला' हमारे लोगों के कानों में लगातार गूंजता रहा है। यहां तक कि पिछले उपचुनाव से पहले खास कोलकाता में वसूले गए 1 करोड़ रुपये में भी ऐसी ही किसी लेनदेन की गंध सूंघने को मिली। अक्सर लोग ये सवाल पूछते हैं कि हवाला क्या होता है। जैसे की हमें खबरों में पता चलता है कि पैसों का लेन-देन हवाला के जरिये किया गया था। ऐसे में आखिर में ये हवाला है क्या? क्या ये केवल विदेशों में पैसा भेजने के काम आता है या फिर देश में एक जगह से दूसरी जगह भी पैसा भेजा जा सकता है। आज ऐसे ही सवालों का जवाब आपको बताएंगे। रुपये को एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ट्रांसफर करना वो भी बिना हिलाए हुए। इसके लिए न तो बैंकों की जरूरत है और न ही करेंसी एक्सचेंज की। होगा एक वो जिसे रुपये भेजना है और दूसरा वो जिसे रुपये आएंगे। बीच में कम से कम दो मध्यस्थत इसे ही पारंपरिक हवाला कारोबार कहते हैं जो बैंकिंग सिस्टम आने से बहुत पहले से मौजूद है।
क्या होता है हवाला
वैसे तो हवाला का दायरा बहुत बड़ा है। लेकिन मोटे तौर पर काली कमाई को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाना ही इसका असल मकसद होता है। इंटरपोल के मुताबिक हवाला की असल परिभाषा है पैसों का लेन देन बिना किसी लेन देन के। हवाला की एक दूसरी परिभाषा भी है जिसे एक शब्द में डिफाइन किया जाए तो वो है भरोसा। भरोसा इस वजह से क्योंकि हवाले के धंधे में कोई लिखित-पढ़त नहीं होती है। करोड़ों का लेन-देन केवल जुबान पर होता है। हवाला के दूसरे कारोबारी बेइमानी करने वाले हवाला कारोबारियों को इस धंधे से बाहर कर देते हैं।
हवाला लेनदेन कैसे करते हैं?
हवाला बैंकों या वित्तीय संस्थानों के बजाय भरोसेमंद लोगों के माध्यम से धन शोधन का सबसे आसान तरीका है। हालाँकि, इस पद्धति में एक हाथ से दूसरे हाथ में पैसे का आदान-प्रदान नहीं होता है और कोई भी सरकारी दस्तावेज लीक नहीं होता है। नतीजतन, पैसे का आसानी से बड़े तरीकों से आदान-प्रदान किया जाता है, लेकिन राजस्व चोरी हो जाता है। यदि उस राजस्व को कोषागार में नहीं डाला जाता है तो सरकार को घाटा होता है। उदाहरण स्वरूप, जैसे सऊदी अरब में एक व्यक्ति मोहन है। जिसे भारत में अब्दुल के पास पैसा भेजना है। लेकिन अगर ये बैंक के पास जाएंगे तो पकड़े जाएंगे। इसलिए ये हवाला एजेंट के पास जाएंगे। मोहन अरब में स्थिति किसी हवाला वाले को पैसे देगा। जैसे ही वो 10 करोड़ रुपये देते हुए उसे भारत में अब्दुल को पहुंचाने की बात हवाला कारोबारी से करेगा। इसकी एवज में एक सीमित पैसे वो बतौर फीस लेंगे। पैसे लेने के बाद हवाला कारोबारी एक कोड मोहन को बताएगा और इस कोड को अब्दुल को बताने के लिए कहेगा। क्योंकि हवाला कारोबारी का आदमी भारत में जाकर अब्दुल को पैसा देने से पहले यही कोड पूछेगा। फिर सऊदी अरब वाले हवाला कारोबारी भारत वाला एजेंट अब्दुल से संपर्क कर कोड कन्फर्म होने के बाद 10 करोड़ रुपये उसे सुपुर्द कर देंगे। ऐसे में एक बात गौर करने वाली है कि मोहन ने जो पैसा अरब में दिया था वो अभी भी वहीं है। ये आपसी रिलेशन है। इसे ही हुंडी बाजार या हवाला मार्केट करते हैं।
हवाला का इतिहास
हवाला के इतिहास से संबंधित कुछ वेबसाइटों के अनुसार इस देश में हवाला की उत्पत्ति 8वीं शताब्दी की है। उस समय, विशेष रूप से इस्लामी देशों में, पैसे के लेन-देन का यह तरीका एक वैकल्पिक तरीका बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 14 वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक, हवाला की छाया भारत, चीन, फारस, ग्रीस, इटली सहित विभिन्न अरब देशों में 'सिल्क रूट' के साथ पैसे के लेन-देन में भी पाई जाती है। यह भी दावा किया जाता है कि पिछली शताब्दी में यह पद्धति परिष्कृत हो गई है। कई विशेषज्ञों का दावा है कि पश्चिमी देशों में 20वीं सदी में इस तरह से मनी लॉन्ड्रिंग भी बढ़ी है। हवाला शब्द मूल रूप से अरबी है। यद्यपि इसका शाब्दिक अर्थ लेन-देन है।
हवाला के चर्चित पासवर्ड
केंद्रीय खुफिया एजेंसी सीबीआई के अधिकारी भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच कर रहे हैं। जांच करने पर, सीबीआई को पता चला कि 'स्टार', 'पान खाया' आदि शब्दों का इस्तेमाल 'पासवर्ड' के रूप में किया जाता था। पूरी प्रक्रिया काफी हद तक वर्ड ऑफ माउथ पर निर्भर करती है। चूंकि लेनदेन मौखिक आश्वासन पर आधारित होते हैं, इसलिए बैंकों या विदेशी मुद्रा केंद्रों में इसका कोई प्रमाण नहीं है। नतीजतन, चूंकि सरकार को भारी राजस्व हानि होती है, इसलिए अवैध आय की जानकारी को भी इस तरह से हटाया जा सकता है।