By नीरज कुमार दुबे | Aug 21, 2023
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में भाजपा का मनोबल तोड़ने में जुटी कांग्रेस जिस तेजी के साथ 'ऑपरेशन हस्त' को चला रही है उससे भगवा खेमे में खलबली मच गयी है। भाजपा को समझ नहीं आ रहा है कि कैसे वह अपने खेमे के विधायकों को एकजुट रखे। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रयास तो काफी कर रहे हैं लेकिन असंतुष्टों का रुख भाजपा की बेचैनी बढ़ाये हुए है। दरअसल, भाजपा के विधायकों को तोड़ने के अभियान के जरिये कांग्रेस एक तीर से कई निशाने साधना चाहती है। हम आपको बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस विधायकों के भीतर भी असंतोष नजर आ रहा है। ऐसे में जब भाजपा कमजोर होगी तो कांग्रेस के नाराज विधायकों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा और वह पार्टी में बने रहेंगे। दूसरा भाजपा अपनी पार्टी को बचाने में ही लगी रहेगी तो कांग्रेस सरकार को विभिन्न मुद्दों पर नहीं घेर पायेगी। इसके अलावा भाजपा के विधायकों को तोड़ कर पार्टी की ओर से पूर्व में चलाये गये ऑपरेशन लोटस का बदला भी लिया जा रहा है।
हम आपको बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस के निशाने पर सबसे पहले वो भाजपा विधायक हैं जो पहले कांग्रेस पार्टी में थे। ऐसे कई भाजपा विधायक भी अपनी मूल पार्टी में लौटने के इच्छुक बताये जा रहे हैं जिससे 'ऑपरेशन हस्त' तेज हो चला है। इसी के तहत भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री एसटी सोमशेखर ने रविवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से मुलाकात की। इससे पहले दिन में, जनता दल (सेक्युलर) नेता अयानुर मंजूनाथ ने उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार से मुलाकात की थी। सोमशेखर ने एक बयान में कहा कि सिद्धरमैया के साथ उनकी बैठक ‘‘विकास और उनके निर्वाचन क्षेत्र’’ पर चर्चा के बारे में हुई। बेंगलुरु शहर के यशवंतपुर से भाजपा विधायक सोमशेखर ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। बाद में, उन्होंने कहा कि बैठक सर एम विश्ववरैया लेआउट में एक मातृत्व अस्पताल की जरूरत और कांगेड़ी उपनगर के लिए एक फ्लाईओवर को लेकर थी। हम आपको बता दें कि सोमशेखर कांग्रेस नेताओं से मेलजोल रखे हुए हैं। हाल में, उन्होंने शिवकुमार की सराहना की थी और उन्हें अपना ‘‘राजनीतिक गुरु’’ बताया था।
इस बीच, मंजूनाथ से अपनी मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवकुमार ने कहा कि कई लोग उनसे मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं बता सकते कि वे लोग उनसे क्यों मिल रहे हैं। हम आपको बता दें कि ‘ऑपरेशन हस्त’ शब्दावली को भाजपा नेताओं और विधायकों को कांग्रेस के पाले में लाये जाने से जोड़ कर देखा जा रहा है। ‘हाथ’ कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न है और ‘ऑपरेशन हस्त’ को 2019 में भाजपा द्वारा चलाये गये ‘ऑपरेशन लोटस’ की जवाबी कार्रवाई बताया जाता है। हम आपको याद दिला दें कि 2019 में चले ऑपरेशन लोटस के समय कांग्रेस और जद (एस) के 17 विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे।‘ऑपरेशन लोटस’ के परिणामस्वरूप ही कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिर गई थी।
दूसरी ओर, भाजपा के कई विधायकों और नेताओं के कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने की अटकलों के बीच भाजपा ने अपने खेमे को एकजुट रखने की कवायद शुरू कर दी है। भाजपा उन अंसतुष्ट विधायकों को मना रही है, जिनके बारे में बताया जा रहा है कि वे पार्टी से थोड़ी दूरी बनाये हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दो दिन पहले कहा था कि उन्होंने भाजपा विधायक और पूर्व मंत्रियों शिवराम हेब्बर तथा मुनिरत्न से बात की है। बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैंने उनसे बात की और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ने जा रहे हैं। हमने स्थानीय समस्याएं हमारी पार्टी के अध्यक्ष के संज्ञान में लाई हैं। हम एकजुट रहेंगे।’’
इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा है कि वह जानते हैं कि ‘‘हाथ कैसे चलाना है।’’ इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘‘सीटी रवि हमें धमकी दे रहे हैं कि वह हथेली काट देंगे। क्या हुआ जब आप (भाजपा), कांग्रेस और जद (एस) विधायकों को ले गए थे? जब आप दूसरों को धमकी दे सकते हैं, तो दूसरे भी आपको धमकी देना जानते हैं। आपने अपनी सरकार बनाने के लिए गठबंधन सरकार गिरा दी।’’ उन्होंने कहा कि वह किसी से कांग्रेस में शामिल होने को नहीं कह रहे हैं।