Chai Par Sameeksha: Abdullah Family के साथ जाने की कांग्रेस की क्या है मजबूरी? देशविरोधी बातों का समर्थन क्यों?

By अंकित सिंह | Aug 27, 2024

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा इस सप्ताह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव और भारतीय राजनीति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में धारा 370 और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ साल 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन करने का वादा किया है। पूर्ववर्ती राज्य विधानसभा से पारित यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति बहाल करने की मांग करता है। उन्होंने कहा कि अब जब जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता हो गया है तो देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्या वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में किये गये वादों का समर्थन करती है? 


प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि अब्दुल्ला परिवार और कांग्रेस का बहुत पुराना नाता है। दोनों दलों के बीच परिवार और पार्टी का समझौता वर्षों से रहा है। वर्तमान में जो गठबंधन हुआ है वह सिर्फ सीटों के लिए हुआ है। हालांकि कांग्रेस को कुछ सवालों का अब जवाब देना होगा जो बीजेपी उठा रही है, देश भी उठा रहा है। बड़ा सवाल यही है कि क्या जम्मू कश्मीर को लेकर नेशनल कांफ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में जो बातें की थी, उसका समर्थन करती है? उमर अब्दुल्ला 370 और 35ए को फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं, क्या कांग्रेस उसका समर्थन करती है? उमर अब्दुल्ला ने एक वक्त पर जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की बात की थी, क्या कांग्रेस उसका समर्थन करती है? फिर से दो झंडे की बात हो रही है, क्या कांग्रेस उसका समर्थन करती है? क्या पाकिस्तान से व्यापार का कांग्रेस समर्थन कर रही है? क्या हरी पर्वत और शंकराचार्य पर्वत का नाम बदले जाने का कांग्रेस समर्थन कर रही है? अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो कहीं ना कहीं उसे पर कई सवाल खड़े होंगे। 

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उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में कई जगहों पर कश्मीरी संस्कृति के खिलाफ जाते हुए दिखाई दे रही है। ऐसे में क्या कांग्रेस उसके साथ खड़ी है। नीरज दुबे ने सवाल किया की धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के लोगों को कई सारी सुविधाएं मिली है, कई पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ हुआ है, क्या इसके खिलाफ कांग्रेस जाना चाहती है? क्या जो देश विरोधी गतिविधियों में जेलों में बंद है, उन्हें बाहर लाने के लिए कांग्रेस काम करेगी? यह तमाम ऐसे सवाल है जिसका कांग्रेस को जवाब देना होगा? नीरज दुबे ने कुछ सवाल कश्मीर के लोगों से भी पूछा। उन्होंने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि आपके यहां फिर से सिनेमा हॉल बंद हो जाए? क्या आपके यहां फिर से आतंकवादी घटनाएं बढ़ जाए, ऐसा आप चाहेंगे? क्या आप चाहेंगे कि जो पत्थरबाजी बंद हुई है और फिर से शुरू हो आपको अब विकास के रास्ते को चुनना होगा? आपको देखना होगा कि आपके लिए कौन अच्छा काम कर रहा है? आपको परिवारवादी पार्टियों से बाहर निकालने की कोशिश करनी होगी।

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