By अभिनय आकाश | Feb 25, 2023
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 को छिड़े जंग का अंत होता तो फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। दोनों ही देश को इस जंग में भारी नुकसान हुआ है। लेकिन पीछे हटने के लिए न रूस राजी है और न ही यूक्रेन झुकने को तैयार है। किसी भी पक्ष ने जंग से जुड़े नुकसान का डेटा जारी नहीं किया है। इन सब के बीच चीन हालिया वक्त में लगातार रूस यूक्रेन युद्ध में बहुत दिलचस्पी दिखा रहा है। चीन ने व्यापक युद्धविराम का आह्वान भी किया है। अभी तक दुनिया में युद्ध की मध्यस्थता की भूमिका में अमेरिका ही नजर आता रहा है। लेकिन लगता है वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव की चाहत लिए चीन अब शांति दूत की भूमिका निभाना चाहता है। युद्ध खत्म करने के लिए उसने 12 प्वाइंट का प्रस्ताव भी तैयार किया है।
चीन का शांति प्रस्ताव
चीन ने रूस-यूक्रेन जंग को बंद कराने के लिए 12 सूत्री शांति योजना पेश की है। चीन की इस योजना में कहा गया है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष विराम कराया जाए। तनावपूर्ण हालात को कम किया जाए। जिससे की शांतिपूर्ण वार्ता शुरू करने के लिए रास्ता साफ हो सके। चीन ने ये भी सुझाव दिया कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को हटाएं और जंग के बीच फंसे आम नागरिकों को निकालने के लिए मानीय कॉरिडोर बनाया जाए। चीन ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा है कि यूक्रेन में हथियार भेजने से शांति नहीं आएगी। चीन ने युद्ध में एटमी और जैविक हथियारों के इस्तेमाल के प्रति कड़ा विरोध भी जताया है। चीन ने यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करने और सुरक्षा पर रूस की जायज चिंताओं को भी जाहिर किया।
जिनपिंग से मिलने के लिए ज़ेलेंस्की तैयार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का कहना है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम और शांति वार्ता के लिए बीजिंग के आह्वान पर चर्चा करने के लिए अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मिलना चाहते हैं। चीन एक साल पहले शुरू हुए युद्ध में एक तटस्थ रुख रखने का दावा करता है, लेकिन उसने मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण की आलोचना करने से भी इनकार कर दिया है। इसने यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों पर यूक्रेन को रक्षात्मक हथियार प्रदान करके संघर्ष को भड़काने का आरोप लगाया है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि मेरा मानना है चीन ने यूक्रेन के बारे में बात करना शुरू किया, बुरा नहीं है।" जहाँ तक मुझे पता है, चीन ने ऐतिहासिक रूप से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया है, और इसलिए उसे सब कुछ करना चाहिए ताकि रूसी संघ हमारे क्षेत्र को छोड़ दे।