By अंकित सिंह | Jul 28, 2022
भारत विश्व के प्राचीनतम देशों में से एक है। यहां की संस्कृति और सभ्यता सबसे अनूठी मानी जाती है। भारत में कई चीजों का उद्गम भी हुआ है जो आज विदेशों में भी खूब लोकप्रिय हैं। उन्हीं चीजों में से एक है शतरंज। शतरंज का जन्म भले ही भारत में हुआ था, लेकिन आज यह पूरी दुनिया में अपना छाप छोड़ रहा है। यही कारण है कि शतरंज पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है। इसको लेकर कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेले जाते हैं। इन्हीं में से एक है चेस ओलंपियाड। चेस ओलंपियाड 2 वर्षों में एक बार खेला जाता है। इसमें दुनिया के कई देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं। पहले ओलंपियाड को अनौपचारिक रूप से खेला गया था। कई बार चेस को ओलंपिक में भी शामिल कराने की कोशिश की गई। लेकिन यह असफल हुआ।
ऐसे हुआ आगाज
1924 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पेरिस में हो रहा था और इसी दौरान अनौपचारिक रूप से चेस ओलंपियाड पेरिस में खेला गया। इसी समय 30 जुलाई 1924 को FIDE का भी गठन हुआ। अधिकारिक तौर पर FIDE की ओर से पहला चेस ओलंपियाड 1927 में आयोजित किया गया था। यह आयोजन लंदन में हुआ था। 1950 के बाद से नियमित 2 वर्षों के अंतराल के बाद इसका आयोजन होता है। कोरोना महामारी की वजह से 2020 और 2021 का चेस ओलंपियाड वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया था। लेकिन 2022 में इसका आयोजन भारत के चेन्नई में हो रहा है। इस बार का चेस ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक चलेगा। भारत के लिए गर्व की बात यह है कि जो खेल यहीं से शुरू हुआ था, पहली बार उसे इसका मेजबानी करने का मौका मिल रहा है। एशिया को 30 साल के अंतराल के बाद इस आयोजन की मेजबानी मिली है।
भारत का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चेस ओलंपियाड का आगाज भी करेंगे। भारत ने पहली बार 1956 में मास्को में हुए चेस ओलंपियाड में हिस्सा लिया था। उस समय भारत 27 वां स्थान पर रहा था। 2020 में चेस ओलंपियाड में भारत रूस के साथ संयुक्त विजेता रहा था। उसे स्वर्ण पदक हासिल हुआ था। इससे पहले भारत ने 2021 और 2014 में दो कांस्य पदक जीत चुका है। इस बार के चेस ओलंपियाड में 188 देशों के 2000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। खुद भारत के 30 खिलाड़ी इस ओलंपियाड में शामिल होंगे। अब तक के इतिहास को देखें तो यह शतरंज ओलंपियाड में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। भारत में भी इसे खास बनाया जा रहा। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक मशाल रिले को निकाला गया था। यह भारत के 75 शहरों से गुजरा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमें गर्व है कि शतरंज का खेल अपने जन्म स्थान से निकलकर पूरी दुनिया में छाप छोड़ रहा है।
पाकिस्तान क्यों हुआ नाराज
भले ही भारत आज चेस ओलंपियाड का आयोजन करके खुद पर गौरवान्वित हो रहा है। लेकिन पाकिस्तान को यह सब चीजें बर्दाश्त नहीं हो रही है। पाकिस्तान ने 44वें ओलंपियाड से हटने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर से रिले मशाल के गुजरने से वह नाराज है। पाकिस्तान ने आरोप लगया है कि भारत इस आयोजन का "राजनीतिकरण" कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अफसोस की बात है कि भारत ने इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल का राजनीतिकरण करने के लिए जम्मू और कश्मीर में रिले मशाल को लेकर गए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा आमंत्रित किया गया था। इस आयोजन के लिए एक पाकिस्तानी दल पहले से ही प्रशिक्षण ले रहा था। 21 जुलाई को मशाल रिले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से निकला था।