By टीम प्रभासाक्षी | Jan 30, 2022
कोविड-19 मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते एक बार फिर लोग ब्रेन फॉग की शिकायत कर रहे हैं। महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी ऐसी शिकायतें डॉक्टरों को मिली थी। ब्रेन फॉग उस स्थिति को कहते हैं जब दिमाग की सोचने की क्षमता कम हो जाती है। अगर हम दूसरी लहर के दौरान मामलों को देखें तो कई रोगियों को भूलने की शिकायत थी। इस पर निष्कर्ष निकाला गया कि यह कोविड-19 की वजह से हो सकता है क्योंकि उन रोगियों के मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल बदलाव हुए थे। इसके कारण न्यूरोट्रांसमीटर धीरे काम करता था।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैनफ्रांसिस्को (UCSF) ने अपने एक हालिया अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला कि रीढ़ की हड्डी के स्पाइनल फ्लूइड पर वायरस के प्रभाव के कारण ऐसा हो सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि कुछ सूजन कोविड-19 वायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरूप हुई है।
UCSF मेमोरी एंड एजिंग सेंटर के अध्ययन शोधकर्ताओं के वरिष्ठ लेखक डॉक्टर जोआना हेलमुथ ने कहा यह संभव है कि वायरस द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रणाली, शायद अनपेक्षित रोग संबंधी तरीके से काम कर रही हो। डॉक्टर का कहना है कि ब्रेन फॉग मेनिन्जाइटिस, इन्सेफलाइटिस, दौरे, स्ट्रोक, कम शुगर या कम ऑक्सीजन की वजह से भी हो सकता है। कुछ लोगों के लिए ब्रेन फॉग का अनुभव हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह उपयोगी जानकारी भूल सकते हैं।