ब्लूचिप फंड क्या है? इसमें बाजार का रिस्क क्यों नहीं है? यह रिटायरमेंट या बच्चों के भविष्य की दृष्टि से कितना कारगर है?

By कमलेश पांडे | Apr 27, 2024

ब्‍लूचिप बड़े आकार की कंपनियों को कहते हैं। खासकर वो कम्पनियां जो आर्थिक रूप से काफी मजबूत होती हैं और जिनका डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क बड़ा होता है। इसलिए शेयर बाजार से जुड़े लोगों को अमूमन आपने यह कहते सुना होगा कि पैसा बनाना है तो ब्लूचिप कंपनियों में निवेश कीजिए। क्योंकि वहां पर आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और बाजार के जोखिम का भी मामूली असर होता है। इसलिए यह रिटायरमेंट व बच्चों के भविष्य की दृष्टि से मददगार होता है।


दरअसल, ब्लूचिप कंपनियां आमतौर पर हाई-क्‍वालिटी प्रोडक्‍ट और सर्विसेज बेचती हैं, जिससे इन पर बाजार की उठापटक का असर भी न्यूनतम पड़ता है। शायद इसलिए खराब स्थिति में भी ये अच्‍छा प्रदर्शन कर सकती हैं। अक्सर बाजार के मुश्किल दौर में भी इनके स्‍टॉक स्थिर होते हैं। लिहाजा, यहां पर हम ब्लूचिप फंड के बारे में बताएंगे और उसके नफा-नुकसान के बारे में भी बात करेंगे।

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यहां आपको यह स्पष्ट कर दें कि ब्लू चिप फंड दरअसल लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड ही हैं। क्योंकि सेबी के मुताबिक ब्लू चिप फंड की कोई अलग कैटेगरी नहीं होती है। बस कुछ लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड ने अपने नाम के साथ ब्लूचिप शब्द भी जोड़ लिया है, ताकि उसकी विशिष्टता का बोध होता रहे। जैसे, एक्सिस ब्लूचिप फंड, आईसीआईसीआई प्रू ब्लूचिप फंड, एसबीआई ब्लूचिप फंड, कोटक ब्लूचिप फंड या फ्रैंकलिन ब्लूचिप फंड। इसके अलावा लार्ज एंड मिड कैप सेग्मेंट से मिराए एसेट इमर्जिंग ब्लूचिप फंड, प्रिंसिपल इमर्जिंग ब्लूचिप फंड आदि प्रमुख हैं। बता दें कि ब्लू चिप फंड लार्ज कैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी टॉप 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी होता है।


# समझिए, ब्लूचिप फंड्स में किसे करना चाहिए निवेश?


पहला, ब्लूचिप फंड्स में उन निवेशकों को पैसा लगाने की सलाह दी जाती है, जो ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते। जानकारों का कहना है कि इन स्कीमों में कम से कम 5 से 7 साल के टाइम पीरियड को ध्यान में रख कर ही निवेश करना चाहिए, अन्यथा नहीं। दूसरा, हर ब्लूचिप कंपनी का स्टॉक सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश करता है। यही वजह है कि इनमें से ज्यादातर स्टॉक छोटी कंपनियों के स्टॉक की तुलना में कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। इसलिए निवेशक छोटी कंपनियों की तुलना में स्थिरता की वजह से उन्हें ज्यादा पसंद करता है।


# ब्लूचिप फंड के इन फायदों पर गौर कीजिए


पहला, प्रत्येक निवेशक की पहली इच्छा भविष्य के लिए संपत्ति बनाना होता है। एक बड़ा फंड बनाने के लिए यह निवेश किया जाता है। इक्विटी प्लान होने के कारण ब्लूचिप फंड इस इच्छा को पूरा करने में मददगार होते हैं। इससे वित्तीय स्थिरता भी आती है। दूसरा, ब्लू चिप फंड में निवेश करने के द्वारा हम रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों का भविष्य आदि निवेश लक्ष्यों को भी पूरा कर सकते हैं। तीसरा, ब्लू चिप फंड एक ओपन एंडेड स्कीम होता है जिससे निवेशक अपनी आवश्यकतानुसार कभी भी रिडीम या विदड्रॉ कर सकता है और अनिश्चित समय में ऋण लेने से बच सकता है।


# ऐसे काम करते हैं ब्लूचिप फंड, इसे समझिए 


पहला, ब्लूचिप फंड आमतौर पर सबसे कम मार्केट-कैपिटलाइज्ड बीएसई-100 इंडेक्स स्टॉक के बराबर के मार्केट कैप वाले कारोबार के इक्विटी स्टॉक्स में रिसोर्सेज को डायवर्सिफाई करते हैं, जिससे वे बेहतर लाभ हासिल करते हैं। इतना ही नहीं, ये फंड पोर्टफोलियो को विविधता प्रदान करने के लिए बॉन्ड और कैश के बराबर भी इन्वेस्ट किए जा सकते हैं। मसलन, ब्लू चिप फंड की लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है।


दूसरा, ब्लूचिप फंड में सुनिश्चित इनकम की गारंटी होती है। ब्लूचिप फंड डिविडेंड के रूप में रिटर्न जनरेट करते हैं। ब्लू चिप कंपनियां अच्छी तरह से स्थापित हैं और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट एवेन्यू के रूप में काम करती हैं। जिससे इसमें सुनिश्चित इनकम और स्थिर रिटर्न दोनों की गारंटी दी जाती है।


तीसरा, ब्लूचिप फंड में क्रेडिट योग्यता होती है। इसलिए ब्लूचिप कंपनियां अपनी फाइनेंशियल बकाया राशि को क्लियर करने के लिए आसानी से पर्याप्त पूंजी पैदा कर सकती हैं। वहीं, यह ऐसी कंपनियों द्वारा जारी किए गए शेयर को अत्यधिक क्रेडिट योग्य बनाता है।


चौथा, ब्लूचिप फंड में जोखिम कारक कम होते हैं। मसलन, फाइनेंशियल प्रदर्शन में स्थिरता के साथ ब्लूचिप इन कंपनियों द्वारा जारी किए गए स्टॉक में जोखिम फैक्टर्स कम से कम होते हैं।


पांचवां, इन्वेस्टमेंट का बढ़ता दायरा इसे आकर्षक बनाता है। क्योंकि ब्लू चिप फंड लॉन्ग टर्म निवेश के लिए एकदम परफेक्ट हैं। इन स्टॉक्स या फंड में इन्वेस्ट करने से फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत मदद मिलती है। वहीं, इसमें ग्रोथ की संभावनाएं भी हैं। क्योंकि ब्लू चिप कंपनियां वे हैं जो अपनी अधिकतम वृद्धि क्षमता तक पहुंच गए हैं। इसलिए, विकास की एक स्थिर समयसीमा ब्लू चिप शेयरों की विशेषता है।


छठा, ब्लूचिप फंड पर टैक्सेशन का भी सकारात्मक असर होता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80-सी के मुताबिक, शॉर्ट-टर्म लक्ष्य 15 प्रतिशत की दर से टैक्सेशन के अधीन हैं। टैक्सेशन दर 1 लाख रुपए से अधिक के प्रॉफिट पर 10 प्रतिशत है।


सातवां, ब्लूचिप फंड पूंजी बनाने में फायदेमंद है। इसलिए आप ब्लू चिप फंड में इन्वेस्ट करके लंबे समय तक बहुत अधिक पूंजी विकसित कर सकते हैं। इससे मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनी में इन्वेस्ट करने से एक ठोस पोर्टफोलियो बनाने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त, यह अप्रत्याशित स्टॉक मार्केट स्थितियों के दौरान स्थिरता प्रदान करता है।


आठवां, ब्लूचिप फंड फाइनेंशियल लक्ष्य पूरा करने में मददगार है। इस फंड में इन्वेस्ट करने से लॉन्ग-टर्म फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने का उद्देश्य पूरा होता है। वहीं, यब लॉन्ग टर्म में महंगाई से निपटने में भी मददगार है। क्योंकि ब्लू चिप कंपनियों का प्रतिस्पर्धी लाभ बड़े शेयर बाजार के बराबर होता है। जो मुद्रास्फीति को रोकने वाले दीर्घकालिक लाभ को पूरा करने में मदद करता है। 


नवम, ब्लूचिप फंड में लिक्विडिटी है। कहने का तातपर्य यह कि जब भी आप फाइनेंशियल मॉड्यूल से बाहर निकलना चाहते हैं, तो ब्लू चिप फंड रिडीम किए जा सकते हैं। आप ब्लूचिप फंड यूनिट पर लोन के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।


# जानिए ब्लूचिप फंड दूसरे म्यूचुअल फंड से कैसे हैं अलग


ब्लूचिप फंड अच्छी तरह से स्थापित और आर्थिक रूप से मजबूत कंपनियों के लार्ज-कैप शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि अन्य म्यूचुअल फंड मिड-कैप या स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश कर सकते हैं। ब्लूचिप फंड आमतौर पर कम जोखिम वाले होते हैं और लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न देते हैं। हालांकि, कोई भी निवेशक सीधे ब्लूचिप फंड में निवेश नहीं कर सकता। वह केवल रजिस्टर्ड एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के माध्यम से ही इन फंडों में निवेश कर सकता है।


# ब्लूचिप फंड में निवेश करने से पहले यह भी जांच लें, अच्छा रहेगा


ब्लूचिप कंपनी में निवेश करने से पहले, फंड प्रबंधन करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करना महत्वपूर्ण है। इसलिए बड़ी निवेशक निकासी को संभालने की एएमसी की क्षमता भी महत्वपूर्ण है। खासकर निवेशकों को फंड मैनेजर की निवेश शैली पर भी विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप हो। 


वहीं, सबसे अंत में निवेशकों को उन ब्लू चिप म्यूचुअल फंडों की तलाश करनी चाहिए, जिन्होंने पिछले तीन से पांच वर्षों में अपने बेंचमार्क और प्रतिस्पर्धियों से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे उनके प्रदर्शन का आकलन करने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित हो सकेगा कि वे निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए उपयुक्त हैं। इससे ब्लूचिप फंड की उपयोगिता भी बढ़ेगी और प्रासंगिकता भी।


- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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