By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 05, 2023
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि यह भलीभांति ज्ञात है कि ‘इंडिया’ ही भारत है तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि आधिकारिक संदेश में देश का उल्लेख करते हुए केवल ‘भारत’ का इस्तेमाल करने की जरूरत आ पड़ी। ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ (भारत के राष्ट्रपति) के नाम से जी20 के रात्रिभोज के लिए निमंत्रण पत्र को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में उन्होंने कहा कि दुनिया देश को ‘इंडिया’ के नाम से जानती है।
ममता ने शिक्षक दिवस के मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने सुना है कि ‘इंडिया’ का नाम बदला जा रहा है। माननीय राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 के निमंत्रण पत्र पर भारत लिखा हुआ है। अंग्रेजी में हम ‘इंडिया’ कहते हैं, ‘इंडियन कांस्टिट्यूशन’ कहते हैं, जबकि हिंदी में हम इसे ‘भारत का संविधान’ कहते हैं। हम सभी ‘भारत’ कहते हैं, इसमें नया क्या है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया हमें ‘इंडिया’ के नाम से जानती है। अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गयी?’’ ममता ने कहा, ‘‘देश में इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है।’’
भारत की अध्यक्षता में नौ और 10 सितंबर को दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनियाभर के नेता इसमें भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए जी20 रात्रिभोज निमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया, जिसमें मुर्मू का उल्लेख ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के रूप में किया गया है। ममता ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल के कृत्य राज्य प्रशासन को पंगु बनाने का प्रयास हैं। वह वित्त विधेयकों को नहीं रोक सकते। अगर जरूरत पड़ी तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठूंगी।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल पश्चिम बंगाल में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप करना जारी रखते हैं, तो हम निधि जारी करना रोक देंगे।’’ राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर रविवार रात को सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की थी। जिन सात विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की गई, उनमें प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्द्धमान भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं और उन्हें ‘‘जल्द ही’’ नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।